‘बंगाल में आग लगी है’ और ममता बनर्जी की ‘कठपुतली पुलिस’ कह रही है ‘सब चंगा सी’

कोलकाता पुलिस- जज हम, वकील भी हम और गवाह तो हम हैं ही

बंगाल पुलिस

Source- tfipost.in

हाथ-पांव टूट रहे, एकाएक घर जल रहे, राज्य झुलस रहा है पर बाकी सब चंगा सी। अगर ऐसी सोच पश्चिम बंगाल से आई है तो कोई बड़ी बात नहीं है। नूपुर शर्मा के एक बयान पर देश के चहुओर बढ़ रही कट्टरपंथियों की गतिविधियों ने यह तो सिद्ध कर दिया कि सब राज्यों में स्थिति काबू में आ जाएगी पर पश्चिम बंगाल में स्थिति जस की तस के अलावा और संवेदनशील थी, है और बनी रहेगी।

इस लेख में जानेंगे कि कैसे पश्चिम बंगाल में पुलिस भी शासन सत्ता के समक्ष ऐसी नतमस्तक हो चुकी है कि स्वयं ही जज बनके कुछ नहीं हुआ जी कहकर प्रेस वार्ता कर चलती बनी। जानेंगे कि कैसे ममता बनर्जी की कोलकाता पुलिस के लिए सब ठीक है, सब चंगा सी।

पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने क्या कहा?

दरअसल, पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) जावेद शमीम ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आंकड़ों की वर्षा की और कहा कि “हावड़ा में एक असहज शांति बनी हुई है, जहां 9 जून को विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। पिछले 48 घंटों में कोई “ताजा हिंसा” की सूचना नहीं मिली है।” उन्होंने कहा कि “कोई जनहानि या गंभीर चोट नहीं हुई है” और न ही हमला, दंगा, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान और सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली घटनाऐं दर्ज की गई हैं।

यह बड़ा अजीब वाकय था कि राज्य विभिन्न हिस्सों में झुलस रहा है पर ममता की कोलकाता पुलिस को ‘सब भालो’ ही दिखता है।  पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) जावेद शमीम के बयान से यह स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है कि राज्य में चूंकि कोई मरा नहीं, चोटिल नहीं हुआ इस वजह से हालत काबू में हैं। शमीम के अनुसार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के कई कस्बे, जहां 10 जून को मुहम्मद पैगंबर पर भाजपा के पूर्व प्रवक्ताओं की टिप्पणियों पर विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गया था, सोमवार को सामान्य स्थिति में वापस आ रहे थे।

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ज्ञात हो कि, पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या बंगाल में 200 हो गई है और अब तक 42 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। हालांकि, सोमवार को बंगाल के कुछ हिस्सों से छिटपुट घटनाएं हुईं। उत्तर 24 परगना में, प्रदर्शनकारियों द्वारा हशनाबाद रेलवे स्टेशन के पास पटरियों को अवरुद्ध करने के बाद ट्रेन सेवाएं कुछ समय के लिए प्रभावित हुईं। नदिया जिले के बेथुआडाहारी में पुलिस को रेलवे स्टेशन के पास जमा हुई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा; एक दिन पहले वहां प्रदर्शनकारियों ने एक लोकल ट्रेन पर हमला किया था। लेकिन यह तो ममता दीदी की पुलिस है इसलिए हमला हुआ तो क्या हुआ, कोई मरा नहीं चोटिल नहीं हुआ ऐसे में बंगाल में सब चंगा सी।

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हम भावी पीढ़ी के लिए कैसा समाज देकर जा रहे हैं?

वास्तव में ऐसे बयान प्रशासन की ओर से आते हैं तो थोड़ी शर्म तो महसूस होती है कि हम भावी पीढ़ी के लिए कैसा समाज देकर जा रहे हैं। इस बात और शमीम की प्रेस वार्ता पर एकाएक भाजपा नेता, पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी का बयान आया जिसके माध्यम से अधिक न कहते हुए अधिकारी ने संशय जाहिर कर दिया। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि, “यह एक राजनीतिक बयान है। यह एक बयान नहीं है जो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से आना चाहिए था। उसका नाम जावेद शमीम है, समझदार को इशारा काफी है।”

निस्संदेह, इस पूरे प्रकरण में पश्चिम बंगाल पुलिस के पास नूपुर शर्मा पर केस दर्ज करने का समय है और वो स्वतंत्रता भी है कि वहां नूपुर पर कोई भी कार्रवाई करने के लिए हाथ खुले हैं। तभी तो ममता बनर्जी के राज में जलता बंगाल देखने को मिल रहा है। अब जिस राज्य की मुख्यमंत्री की नियत ही इतनी क्रूर और विभत्स हो उससे उसके शासन-प्रशासन से और क्या ही अपेक्षाएं रखी जा सकती हैं। उनके लिए तो कोई मरा नहीं, कोई चोटिल नहीं हुआ इसलिए बंगाल में सब चंगा सी, था और रहेगा।

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