हाल ही में काल के गाल में समाने वाले पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ़ सिद्धू मूसेवाला के नये गाने SYL ने पूरे देश में बवाल मचा दिया। 23 जून की शाम को रिलीज़ हुए इस गाने को केंद्र सरकार की शिकायत पर भारत से यूट्यूब पर डाउन अर्थात् हटा दिया गया है। मूसेवाला की असामयिक मृत्यु के बाद इस गीत को उनके आधिकारिक यूट्यूब अकाउंट से रिलीज किया गया था। SYL का अर्थ है सतलुज-यमुना लिंक नहर- जिसपर स्वतंत्रता के बाद से ही पंजाब का दावा रहा पर सत्ता की बंदरबांट ऐसी कि ये मुद्दा आजतक लंबित ही पड़ा हुआ है। चूंकि सिद्धू को सामाजिक मुद्दों पर गाने बनाए जाने के लिए जाना जाता था, लेकिन SYL के जरिए उन्होंने जो जहर बोया, वह गाने के माध्यम से आपसी सौहार्द बिगाड़ने के लिए काफी था।
गाने में दो राजनेताओं के बयानों का उल्लेख
दरअसल, YouTube ने केंद्र सरकार की शिकायत के बाद मृत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला का एक नया गीत भारत में अपने प्लेटफार्म से हटा दिया है। यह गाना कई मुद्दों को उठाता है, जिसमें – जैसा कि इसके नाम से पता चलता है – निर्माणाधीन सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर जो पिछले चार दशकों से पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद का विषय रहा है उसका जिक्र किया गया है। यह गाना नहर के अलावा अविभाजित पंजाब, 1984 के दंगों, उग्रवाद, सिख कैदियों और किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर निशानसाहिब फहराने को भी सामने लाता है।
गाने में दो राजनेताओं के बयानों को उल्लेखित किया गया है, पहले आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार गुप्ता और दूसरे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक। इस गाने के दौरान आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता का बयान चल रहा है, जिसमें वह 2024 में पंजाब की तरह हरियाणा में भी अपनी पार्टी की सरकार बनने पर हरियाणा को SYL का पानी दिलाने की बात कह रहे हैं। सुशील गुप्ता की सत्ता की दावेदारी से गाना शुरू होता है तो वहीं दूसरी ओर सत्यपाल मलिक के विवादित बयान पर यह गाना ख़त्म होता है।
जिसमें सत्यपाल मलिक ने कहा था कि “ये कौम तो 600 साल भी बात भूलती नहीं है। इंदिरा गांधी भी कहती थीं कि ये मुझे मार देंगे और इन्होंने उनको मार दिया। वहीं, इन्होंने जरनल डायर को लंदन में जाकर मारा। इसलिए पीएम मोदी से मैं कह रहा हूं कि इनके सब्र का इम्तिहान मत लो।” इस पूरे गाने में खालिस्तानी गुटों और उसके अनुयायियों का महिमामंडन साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। यही सबसे बड़े विवाद का जड़ भी बना और अंततः यूट्यूब को केंद्र सरकार की अनुशंसा पर इस गाने को हटाना भी पड़ा।
खालिस्तानियों के महिमामंडन से भरा पड़ा था SYL
चाहे विवादित नक्शा हो या इस गाने ‘SYL’ में खालिस्तानी हत्यारे, सिख आतंकवादी बलविंदर सिंह जट्टाना की तस्वीर हो, जिसने 1990 में चंडीगढ़ में ‘SYL’ के प्रधान कार्यालय में दो इंजीनियरों की हत्या कर दी थी, सब कुछ शामिल है। वीडियो में आतंकवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले और ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान सेना के आंदोलन के दृश्य हैं। खालिस्तान समर्थक संगठन बब्बर खालसा से जुड़े जट्टाना ने नहर के निर्माण पर चर्चा कर रहे अधिकारियों की कथित तौर पर हत्या कर दी थी। उनकी कार्रवाई ने नहर के निर्माण को रोक दिया और आज तक वह पूर्ण भी नहीं हुआ है। इन सभी पहलुओं के बाद सत्यपाल मलिक का बयान वैमन्सयता को बढ़ाता दिखा, जो हत्याओं को न्यायोचित ठहराने जैसा साफ़ प्रतीत होता है।
ऐसे में यह गाना हटाना इसलिए ज़रूरी बना क्योंकि देश में वैसे ही खालिस्तानी गुट बहुत दिनों से गिद्ध दृष्टि बनाए हुए हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार आने के बाद तो उनके हौसले और बुलंद हो गए हैं। राज्य में हत्याओं और लूटपाट की घटना पिछले 3 महीनों में चरम पर है। ऐसे में चूंकि सिद्धू की हत्या के बाद मामला और संवेदनशील बन गया है तो इसलिए ऐसे गीतकाव्य और गीत के बोल समाज हितैषी नहीं हैं। ज्ञात हो कि SYL, 23 जून की शाम को रिलीज हुई थी और इसे तीन दिनों से भी कम समय में 2.7 करोड़ व्यूज मिल गए थे। इसे वीडियो शेयरिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 33 लाख लाइक्स भी मिले। अंततः रविवार को इसे डाउन कर दिया गया।
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