अधिक से अधिक बार हमने यह संवाद सुना है कि कानून का राज है, प्रशासन चौकस है। परंतु उत्तर प्रदेश में अब यह सिर्फ कहने की या फिर सुनने की बात नहीं रही अपितु पिछले 5 वर्षों में ये शत प्रतिशत सत्य बन चुका है। परंतु बात केवल इतने तक सीमित नहीं है। योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में कुख्यात अपराधी इस समय एनकाउन्टर से ज्यादा गैंगस्टर एक्ट से डरे हुए हैं। यूपी में यही एक ऐसा मुकदमा है जिसमें कुख्यातों के बंगलों, घर, कोठी, दुकान और अवैध संपत्तियों पर ताबड़तोड़ बुलडोजर चल रहा है। गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई ने यूपी के कुख्यातों की कमर तोड़ दी है।
कुख्यात अपराधियों की खैर नहीं
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, “पिछले तीन महीनों में प्रदेश में सबसे बड़ी कार्रवाई मेरठ जोन में की गई है। यहां मार्च 2022 से लेकर 31 मई 2022 तक 2 अरब 32 करोड़ 50 लाख रुपये की संपत्ति पुलिस ने जब्त की है। पूरे प्रदेश में 6 अरब 62 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया गया है”।
जी हां, पूरे 662 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुख्यात अपराधियों से जब्त की गयी है योगी आदित्यनाथ के प्रशासन में, और ये केवल विगत 3 माह के आंकड़े हैं। अब कल्पना कीजिए कि जब से योगी प्रशासन सत्ता में आयी है तब से कितना राजस्व सरकारी कोष में अब तक आ चुका होगा?
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इसकी ओर संकेत देते हुए प्रदेश के ADG (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने हाल ही में बताया कि इन अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत कार्रवाई करते हुए मार्च 2017 से मार्च 2022 तक कुल 20 अरब 95 करोड़ 64 लाख रुपये की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की है। इस दौरान 1150 माफियाओं को चिह्नित कर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। इस दौरान सभी 62 माफियाओं और उनके गैंग के विरुद्ध पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है।
एडीजी ने यह भी बताया कि प्रदेश में 1150 माफियाओं पर कार्रवाई की गयी है। इनमें 30 खनन माफिया, 228 शराब माफिया, 168 पशु माफिया, 347 भू माफिया, 18 शिक्षा माफिया, 359 अन्य माफिया शामिल हैं जिनकी संपत्तियां चिह्नित कर उन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त करने की कार्रवाई तेज की जा रही है।
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तीन महीने के अंदर हुई कड़ी कार्रवाई
बताया गया कि तीन महीने यानी की मार्च से मई के बीच कुल 788 कुख्यात अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गयी है। इस दौरान अपराध से अर्जित छह अरब 61 करोड़ 78 लाख रुपये की अवैध संपत्ति कुर्क की गई। मेरठ जोन से सबसे ज्यादा दो अरब 32 करोड़ 80 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क की गई।
योगी प्रशासन में प्रारंभ से ही ये सिद्ध हो गया था कि अपराधियों के विरुद्ध किसी प्रकार की दया नहीं दिखायी जाएगी, परंतु CAA विरोधी प्रदर्शनों के नाम पर हो रहे उपद्रव की आग जब यूपी पहुंची, तो योगी प्रशासन ने एक नया ही रूप दिखाया। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रशासन ने न केवल उपद्रवियों को पकड़ा, अपितु उनसे सभी प्रकार के नुकसान के पाई पाई का हिसाब भी लिया। परंतु इतने पे भी नहीं रुके। सभी अपराधियों के पोस्टर राज्य के कोने कोने में छपवाकर योगी सरकार ने ये सिद्ध कर दिया कि अपराधी योगी के प्रशासन में जनसम्पत्ति को नुकसान पहुंचाकर बच नहीं पाएंगे।
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