बहुत समय से ऐसा हो रहा है कि जुमे की नमाज के बाद पत्थरबाजी आदतन कृत्य बन गया है। उत्तर प्रदेश में इस कृत्य की पुनरावृत्ति बीते शुक्रवार को हुई और इस बार यह केवल एक राज्य तक नहीं सिमटा, इस बार देश के कई कोनों से प्रदर्शन के नाम पर पत्थरबाज़ी और आगजनी की तस्वीरें आईं। ऐसे में सभी राज्यों की सरकारों ने इस बात का आश्वासन दिया कि आरोपियों पर कार्रवाई होगी पर वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दंडात्मक कार्रवाई शुरू भी कर चुके हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ‘कहने में नहीं करने में विश्वास रखते हैं’ वाले कथन को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चरितार्थ करते हुए उन शांतिदूतों को सबक सिखाना शुरू कर दिया है जिन्हें लगता है कि उपद्रव मचाना और पत्थरबाजी करना उनका जन्म सिद्ध अधिकार है और उन्हें कोई रोकेगा टोकेगा नहीं। तो चलिए अविलंब आरंभ करते हैं।
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दंगाइयों पर योगी सरकार का डंडा चला
दरअसल, जुम्मे की नमाज के बाद राज्य में कहर बरपाने वाले कट्टपंथी इस्लामी दंगाइयों पर योगी सरकार का डंडा चलना शुरू हो गया है। हाल ही में, भाजपा से निलंबित हुईं नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर की गई टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जो वास्तव में विरोध प्रदर्शन के नाम पर उपद्रव था। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारी नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर तख्तियां लिए हुए थे और साथ ही पुतला भी फूंका। प्रदर्शन तक तो ठीक था क्योंकि वो सभी का अधिकार है परंतु प्रदर्शन की आड़ में कई राज्यों में पथराव की घटनाएं सामने आईं जिसमें कई प्रदर्शनकारी पुलिस से भी भिड़ गए।
बुल्डोजर कार्यवाही का 'रिटर्न गिफ्ट'*
जुमे के दिन बवाल उपद्रव करने वालों की अवैध संपत्तियों पर बुल्डोजर चलना हुआ शुरू
कानपुर और प्रयागराज समेत कई जिलों में उपद्रवियों पर बुलडोजर जारी… pic.twitter.com/hgXp3wCyug
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) June 11, 2022
राजधानी दिल्ली में जामा मस्जिद को केंद्र मान दंगाई प्रवृत्ति के लोगों ने अपनी छद्म सोच का परिचय दिया। डीसीपी सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट, श्वेता चौहान ने बताया कि, “जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के लिए करीब 1500 लोग जमा हुए थे। प्रार्थना के बाद, लगभग 300 लोग बाहर आए और नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की भड़काऊ टिप्पणियों पर विरोध करना शुरू कर दिया।”
राजधानी दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश की बात करें तो अलग अलग शहरों में दंगाई सोच के कई परजीवी मिले। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में, नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर अटाला इलाके में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान पथराव किया गया।
मुरादाबाद और सहारनपुर जिलों में भी भारी भीड़ जमा हो गई और नूपुर शर्मा की भड़काऊ टिप्पणी को लेकर उनकी गिरफ्तारी की मांग की। सतर्कता बरतते हुए लखनऊ, कानपुर और फिरोजाबाद सहित यूपी के अन्य शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भाजपा नेताओं की विवादित टिप्पणी को लेकर पिछले हफ्ते कानपुर में हिंसा भड़क गई थी। जिसके 1 हफ्ते बाद फिर से उसी घटना को दोहराया गया।
अगला राज्य रहा, झारखंड जहां रांची में शुक्रवार को पैगंबर मुहम्मद पर भाजपा नेताओं की टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। जैसे ही भीड़ ने पथराव करना शुरू किया, पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और हवा में फायरिंग करनी पड़ी। घटना में कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। इसके बाद शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक रांची में इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई हैं। प्रभावित क्षेत्र के आसपास सीआरपीसी की धारा 144 (पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
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बुलडोजर मॉडल के तहत यूपी में कार्रवाई
अब सब जगह पत्थर चलें और एक राज्य छूट जाए ऐसा ममता दीदी होने कैसे देतीं? कोलकाता में भी दंगाई का आलम चरम पर रहा। ऐसे ही बिहार, जम्मू-कश्मीर, गुजरात और तेलंगाना जैसे राज्यों में पत्थर ही बरसाए गए। इन सभी पर कार्रवाई करने के शासकीय आदेश दे दिए गए पर उत्तर प्रदेश में आदेश के अतिरिक्त आरोपितों पर कानून का डंडा अवश्य चलने लगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा करने वालों के खिलाफ अधिकारीयों को कठोर से कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि अब तक हिंसा करने के मामले में 227 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पथराव करने वालों को चिह्नित किया जा रहा है। बता दें कि इससे पहले 3 जून को कानपुर में नमाज के बाद हिंसा भड़की थी। जिसने पूरे प्रदेश को अपनी जद में ले लिया था। वहीं शुक्रवार को कानपुर में हुई हिंसा में शामिल आरोपितों की संपत्ति पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया।
जहां-जहां हिंसा की घटनाएं दर्ज की गयीं वहां अब बुलडोजर मॉडल के तहत योगी सरकार काम कर रही है। प्रयागराज समेत अन्य क्षेत्रों जहां हिंसक घटनाएं दर्ज की गयीं वहां अब बुलडोज़र की उपस्थिति ने कईयों की घिग्घी बंधवा दी है। जहां एक ओर अन्य राज्यों में अब तक मात्र कार्रवाई करेंगे ऐसे शासकीय बयान सुनने को मिले वहीं योगी शासन में काम थोड़ा हटके होता है यह सिद्ध हो गया। आरोपितों की ऐसी धड़पकड़ और उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर का ऐसा आक्रमण बताता है कि जुम्मे की नमाज के बाद कहर बरपाने वाले दंगाइयों के अब बुरे दिन शुरू हो गए हैं।
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