कोई भी प्रतिक्रिया बिना किसी क्रिया के संभव नहीं, उसी तरह कुछ तो बात होगी ही जिसके कारण भारत के OTT प्रेमी भर-भर के नेटफ्लिक्स को दुलत्ती मार रहे हैं, जिसका सीधा लाभ भारत में एमेजॉन को मिल रहा हैं। जी हां, नेटफ्लिक्स दिन प्रतिदिन अपने सब्सक्राइबर गंवा रहा है।
नेटफ्लिक्स को दूसरी तिमाही में बड़ा झटका लगा है
हाल ही में नेटफ्लिक्स ने आपने आंकड़े जारी किये हैं जो बिल्कुल भी शुभ संकेत नहीं देते हैं। नेटफ्लिक्स को दूसरी तिमाही में बड़ा झटका लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से जून तक 970,000 उपयोगकर्ताओं ने नेटफ्लिक्स छोड़ दिया। कंपनी के इतिहास में सबसे बड़ा तिमाही नुकसान है। इसके पहले तिमाही में भी नेटफ्लिक्स को उपयोगकर्ताओं ने छोड़ा था लेकिन यह कंपनी के अनुमान के मुताबिक काफी ज्यादा है।
कंपनी ने अपनी रेवेन्यू रिपोर्ट में कहा कि हमारे सामने रेवेन्यू, मेंबरशिप ग्रोथ दोनों बढ़ाने की चुनौती है। साल 2021 की तुलना में इस साल की पहली तिमाही में नेटफ्लिक्स को 2 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ था, जिसकी वजह से उसके शेयर भी नीचे आ गए थे।”
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परंतु ऐसा क्यों हुआ? इसके पीछे अनेक कारण है जिन पर एक-एक करके ध्यान देना अति आवश्यक है और जिनके कारण एमेजॉन भारत में, साथ ही अति शीघ्र वैश्विक स्तर पर भी बाज़ी मार ले जाएगा। किसी भी कंपनी, विशेषकर कॉन्टेन्ट निर्माण में लिप्त कंपनी के लिए सबसे महत्वपूर्ण रणनीति क्या होनी चाहिए। बहुत सरल है – इंप्रोवाइज़, अडेप्ट एंड ओवरकम, यानी निरंतरता लाइए, सुधार कीजिए, परिस्थितियों के अनुसार सुधार कीजिए और हर स्थिति के लिए तैयार रहिए, और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कस्टमर को सर्वोपरि मानिए। परंतु इन सभी मोर्चों पर नेटफ्लिक्स का वही हिसाब रहा जो बॉलीवुड का भारतीय फिल्म उद्योग में रहा है। न कुछ अच्छा करेंगे, न कुछ अच्छा करने देंगे।
नेटफ्लिक्स के एग्जीक्यूटिव्स ने यह भी साफ कर दिया है कि पासवर्ड और लॉग इन शेयरिंग को लेकर कंपनी और भी सख्त होगी। शेयरिंग के कारण कई लोग नेटफ्लिक्स का कंटेंट देखने के लिए पैसे नहीं देते। प्रोडक्ट इनोवेशन के डायरेक्टर चेंगयी लोंग ने सोमवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘यह हमारे लिए खुशी की बात है कि हमारे ग्राहक नेटफ्लिक्स की फिल्मों और टीवी शो को इतना पसंद करते हैं कि वे इसे आगे शेयर करना चाहते हैं। लेकिन लोगों के बीच अकाउंट शेयरिंग के कारण हमारे निवेश और सर्विस को सुधारने की क्षमता में गिरावट आएगी।
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वैध शेयरिंग कब से पाप है?
क्या नेटफ्लिक्स, अपना दिमाग क्या गटर में छोड़के आए थे? यूजर इंटरफ़ेस में वैध शेयरिंग कब से पाप है, भई? और अभी तो हमने तुम्हारे कॉन्टेन्ट पर चर्चा भी नहीं की है। ‘Cuties’, ‘365 Days’, ‘Money Heist’ को अगर कॉन्टेन्ट माना जाता है, तो फिर तो भैया अनन्या पांडे का स्ट्रगल भी कॉन्टेन्ट है, कॉफी विद कारण भी एमी अवॉर्ड के योग्य कॉन्टेन्ट है।
परंतु प्रश्न तो अब भी उठता है कि एमेजॉन में ऐसा क्या है, जो नेटफ्लिक्स में नहीं है? आपको जो चाहिए एमेजॉन में सब कुछ मिलेगा। इसके अतिरिक्त एमेजॉन ने वह एक एक्स फैक्टर पकड़ लिया है जिसमें नेटफ्लिक्स बुरी तरह फेल हुआ, भारतीय जनता की समझ और उनकी विचारधारा को प्रभावित करना। ऐसा नहीं है कि एमेजॉन पूरी तरह से दूध का धुला है, ‘तांडव’ जैसे कांड तो उन्होंने भी किये हैं। परंतु जब भी उन्हें बढ़िया अवसर मिलते हैं वे बेहतरीन शो और फिल्में जनता के समक्ष पेश करते हैं। ‘द फैमिली मैन’, ‘मिर्ज़ापुर’, ‘शेरशाह’, ‘सरदार उधम’ इन्हीं की देन है।
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ऐसे में ये बात तो स्पष्ट है कि नेटफ्लिक्स का अपना बोरिया बिस्तर समेटने का समय आ चुका है, और यदि उन्हें भारत में टिकना है तो उन्हें एमेजॉन से कुछ तो सीखना चाहिए, अन्यथा एक दिन ऐसा भी आएगा कि न ये घर के रहेंगे न घाट के।