पल में रंग बदलना कोई गिरगिट से सीखे और बयान बदलना केजरीवाल से। वैसे दोनों में कई समानताएं हैं पर इंसानी प्रारूप का भी सम्मान किया जाना आवश्यक है। अब मामले पर आते हैं, तो दिल्ली के स्वघोषित मालिक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनावी पर्यटन पर हैं। कभी हिमाचल तो कभी कहीं और होते हुए इन दिनों अरविंद केजरीवाल का केंद्र गुजरात बन गया हैं।
केजरीवाल प्रभु की आस्था में तल्लीन हैं
अपने राज्य को बदहाल छोड़ अन्य सभी राज्यों में उपस्थिति दर्ज़ कराने वाले केजरीवाल इन दिनों प्रभु की आस्था में तल्लीन हैं। प्रभु की आराधना करना गलत नहीं है पर अरविंद केजरीवाल, हम आशा करते हैं कि आपको अपनी नानी की “मंदिरों पर दी गयी सुनहरी सलाह” याद होगी।
दरअसल, अरविंद केजरीवाल इन दिनों भगवान के शरणागत हो चुके हैं। हाल ही में उनकी कई तस्वीरें वायरल हुई जहां वो कभी त्रिपुंडधारी बने दिखाई दे रहे थे तो कभी मंदिर-मंदिर जा अपनी “हिन्दू” वाली छवि को विख्यात बनाने की कोशिश करते दिख रहे थे। इसी बीच आज के अच्छे कर्मों से पीछे के कर्मकांड धूमिल हो जाएं ऐसा तो होने से रहा। केजरीवाल के मंदिर कूच के बाद उनके राम मंदिर पर दिए गए ज्ञान ने फिर से सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी थीं।
इसके बाद केजरीवाल द्वारा दिए गए अपनी नानी वाले बयान के लिए उन पर सोशल मीडिया पर जमकर तंज कसा जा रहा है। बता दें कि, एक पुराने भाषण में केजरीवाल ने कहा था कि, “जब बाबरी मस्जिद गिरायी गयी तो मैंने नानी से कहा कि आज तो आप बहुत खुश होगे कि अब आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। उन्होंने कहा कि नहीं बेटा मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।”
इनकी नानी कहती थी मेरा केजू आगे चलकर गिरगिटवाल के नाम से मशहूर होगा। नानी जी की बात सच निकली।
@arvindswach @ArvindKejriwal @AamAadmiParty pic.twitter.com/lr6NC60EDK— 😍nationalist🤩 (@anadipanditji) July 26, 2022
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नानी की कहानी भूल गए केजरीवाल
और क्या, सेक्युलर बनना था तो कह दिया नानी ने कहा था। इसके बावजूद अपना बयान भूल हिन्दू वोट हथियाने के लिए इन्हीं केजरीवाल ने बाद में अयोध्या जाकर दर्शन किए थे और अगला पड़ाव गुजरात को साध आए। गुजरात आने का मूल लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनाव हैं जो इसी वर्ष के अंत में संपन्न होने हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को गुजरात के वेरावल शहर के पास प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। मंदिर के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि उन्होंने देश की प्रगति और लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना की।
नानी की बातों को नकारने वाला @ArvindKejriwal नकारा मुख्यमंत्री!!@KapilMishra_IND @ippatel pic.twitter.com/eQNMgSARUZ
— Raveendra Singh (@dadaraveendra) July 27, 2022
ऐसे में अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिन्दू न कहें तो क्या कहें। सोमनाथ मंदिर में दर्शनोपरांत आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अरविंद केजरीवाल की त्रिपुंडधारी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा गया, “ॐ श्री सोमनाथाय नमः” और इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल की चुनावी हिन्दू वाली छवि को चार चांद लग गए।
ॐ श्री सोमनाथाय नमः 🛕🕉️ pic.twitter.com/WqscnqMMfD
— AAP (@AamAadmiParty) July 26, 2022
यह वो अरविंद केजरीवाल हैं जो हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने के लिए जाने जाते रहे हैं। फिर चाहे दिल्ली विधानसभा में दिए गए बयान हों, ट्विटर के माध्यम से हिन्दुओं को आड़े हाथों लेने की बात हो या कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार को काल्पनिक बताने की बात हो, केजरीवाल सभी जगह अग्रणी भूमिका निभाते दिखे हैं।
ये वो केजरीवाल हैं जिन्होंने इसी वर्ष मार्च माह में नब्बे के दशक में हुए विकराल नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी “द कश्मीर फाइल्स” को काल्पनिक बता दिया था।
CM @ArvindKejriwal to BJP:#TheKashmirFiles जैसी झूठी Picture के Poster लगाते हुए अच्छे नहीं लगते, शोभा नहीं देता.. pic.twitter.com/F25DddaZlH
— AAP (@AamAadmiParty) March 24, 2022
ये वही केजरीवाल हैं जिन्होंने राम मंदिर पर नानी के ज्ञान को आगे रखते हुए अपना एजेंडा चलाया पर विधानसभा में रामराज्य की कल्पना को उल्लेखित कर दोगले चरित्र का प्रमाण दिया।
I'm a devotee of Hanuman who was a devotee of Lord Ram. So I'm devotee of both. Lord Ram was the king of Ayodhya. It is said that everything was good during his rule. There was no sorrow. There was every facility. It was called 'Ram Rajya', which is a concept:Delhi CM in Assembly pic.twitter.com/q6Vxft209t
— ANI (@ANI) March 10, 2021
गंदी राजनीति का प्रमाण देते रहे हैं केजरीवाल
ये वही केजरीवाल हैं जिन्होंने ट्विटर का प्रयोग कर अपनी गंदी राजनीति का प्रमाण देशभर को दिया था। केजरीवाल ने ट्विटर पर बजरंगबली के एक कार्टून को भाजपा पर कटाक्ष करने के लिए उपयोग में लाया था, उसे स्वयं ट्वीट भी किया था। इसके बाद भी बेशर्मी का आलम यह है कि यही केजरीवाल स्वयं को बजरंगबली का भक्त बताते नहीं थकते थे।
Really? pic.twitter.com/PdC1bgJLFm
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) March 10, 2021
और पढ़ें- Dear Kejriwal, विधानसभा का आपका हालिया भाषण कश्मीर नरसंहार का अब तक का सबसे घटिया मजाक है
ये वही केजरीवाल हैं जिन्होंने हिन्दुओं के सबसे पवित्र चिह्न स्वस्तिक तक का मज़ाक उड़ाने से परहेज नहीं किया था।
Someone sent this … pic.twitter.com/IScYDLgwZr
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 20, 2019
और तो और ये वही केजरीवाल हैं जिन्होंने अपनी विक्षिप्त सोच का परिचय देते हुए, नंदा देवी मैया की तुलना दिल्ली के गाज़ीपुर वाले कूड़े से भरे बदबूदार पहाड़ से कर दी थी।
https://www.youtube.com/watch?v=UzXXfUFemt0
ऐसे में यह तो सत्य है कि गुजरात में प्रभु की परिक्रमा एक ढोंग है और निश्चित रूप से अरविंद केजरीवाल अपनी नानी की “मंदिरों पर सुनहरी सलाह” को भूल गए हैं वरना इतने भद्दे बयानों के बाद केजरीवाल त्रिपुंड लगाकर झूठा प्रपंच न रचते।
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