चीन ने दी G20 के बहिष्कार की धमकी, भारत ने भी चल दिया दांव

पहले केवल पाकिस्तान फड़फड़ा रहा था और अब चीन-पाकिस्तान दोनों साथ में फड़फड़ा रहे हैं!

Modi and Jinping

Source- TFI

चीन के वर्तमान रवैये को देखकर कौन कहेगा कि यह वही देश है जिसने एक समय हमारे देश को 1962 के युद्ध में हराया और जो कभी विश्व के सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक में हुआ करता था। पहले कोरोना फिर गलवान और फिर एक के बाद एक अनेक प्रकार की आर्थिक कार्रवाई के बाद भी चीन की अक्ल ठिकाने नहीं आई है और वह अभी भी बिलबिला रहा है। हाल ही में यह खबर सामने आई थी कि G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन जम्मू कश्मीर में होगा। यह खबर सामने आते ही पाकिस्तान और चीन तड़पने लगे।

चीन की ओर से इसे लेकर बयानबाजी भी की गई, जिसके बाद अब भारत ने दांव खेलते हुए यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू कश्मीर क्या लद्दाख में भी G20 से जुड़ी बैठकें हो सकती हैं। ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि चीन G20 2023 की प्रस्तावित बैठक का बहिष्कार कर सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे भारत ने चीन को ऐसा पाठ पढ़ाया है कि वह कहीं मुंह दिखाने योग्य नहीं होगा और कैसे लद्दाख में G20 के प्रस्ताव से चीन की हालत बिगड़ने वाली है।

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असल में भारत सरकार आगामी G20 2023 सम्मेलन हेतु विभिन्न वेन्यू के लिए बातचीत कर रही है जिसमें से एक लद्दाख भी है। ईकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2023 में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन से पहले समूह की कई बैठकों की मेजबानी करेगा। इसके लिए कई स्थलों पर विचार किया जा रहा है जिनमें जम्मू कश्मीर भी शामिल है। ईटी के अनुसार G20 बैठकों के लिए कई वेन्यू पर चर्चा चल रही है और किसी भी जगह को अभी खारिज नहीं किया गया है। भारत इस वर्ष 1 दिसंबर से G20 की अध्यक्षता संभालेगा।

भारत ने 2023 में G20 शिखर सम्मेलन के लिए मूल रूप से जम्मू कश्मीर के नाम का प्रस्ताव दिया है। सम्मेलन से पहले भी G20 की कई बैठकें होंगी। इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक, भारत ने वेन्यू के तौर पर लद्दाख के नाम का भी प्रस्ताव दिया है। लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले करीब दो वर्षों से तनाव का माहौल है। कुछ जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं लेकिन गतिरोध अभी बरकरार है और ऐसे में चीन की हालत तो ऐसी होगी कि न उससे निगलते बनेगा, न उगलते।

परंतु चीन को किस बात की मिर्ची लगी है? असल में आंतें उसके पालतू पाकिस्तान की जो ऐंठी थी। वर्ष 2023 के G20 सम्मेलन का आयोजन कश्मीर में होने की घोषणा जैसे ही सार्वजनिक हुई, पाकिस्तान को जबरदस्त जलन हुई और वह जलते तवे पर पड़े पानी के छींटे की भांति उबलने लगा। इसी बीच जम्मू कश्मीर में G20 बैठक कराए जाने की रिपोर्ट्स पर चीन ने आपत्ति जताई।

वहां के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पिछले हफ्ते प्रेस ब्रीफिंग में इससे जुड़े एक सवाल पर कहा था  कि “हमने प्रासंगिक सूचना का संज्ञान लिया है। कश्मीर पर चीन का रुख सतत और बिल्कुल स्पष्ट है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चला आ रहा मुद्दा है। संयुक्त राष्ट्र के संबंधित प्रस्तावों और द्विपक्षीय सहमतियों के अनुरूप इसका उचित समाधान निकालना चाहिए।” 

जिसके बाद अब भारत जम्मू कश्मीर क्या लद्दाख में भी G20 शिखर सम्मेलन कराने पर विचार कर रहा है। असल में चीन ने ये मुसीबत स्वयं अपने सर बुलाई है। अगर चीन ने डोकलाम की धुलाई से सबक ले लिया होता तो शायद एक ‘शक्तिशाली राष्ट्र’ होने के नाते वह अपनी इतनी भद्द न पिटवाता लेकिन जब प्रेरणास्त्रोत ही पाकिस्तान हो तो फिर माओ भी आपका भला नहीं कर सकते!

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