चीन भारत को गीदड़भभकी देता है, भूल जाता है कि भारत शेर नहीं ‘सवाशेर’ है

चीन को सबक सिखाने के लिए एक 'भारतीय फाइटर जेट' ही काफी है

china

विस्तारवाद पर हंटर क्या चला चीन तो भेड़िएपन पर ही उतारू हो गया। जी हां, गलवान में दो साल पहले हुई झड़प के बाद चीनी सैनिकों को जहां न चाहते हुए भी ठंड में पहरा देना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर चीन भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने के मामले में नौटंकियां कर रहा है। इसी दौर में अब 16वें दौर की वार्ता भी होनी है जिससे ठीक पहले चीनी एयरफोर्स की हलचल की खबरें आयी हैं। चीन को लगा था कि भारत डर जाएगा लेकिन IAF चीफ ने स्पष्ट कर दिया है कि वो चीन की उकसावे वाली कार्रवाई का करारा जवाब देने में सक्षम है और चीन की चहलकदमी पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

चीन को भारतीय फाइटर जेट जवाब देंगे’

दरअसल, पूर्वी लद्दाख में सीमा पर मौजूद गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच 16वें दौर की सैन्य वार्ता होनी है। इस बीच चीनी वायुसेना ने उकसावे वाली और स्पष्ट तौर पर कहें तो गीदड़भभकी वाली कार्रवाई की है। इसको लेकर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा है कि उकसावे वाली कार्रवाई पर चीन को भारतीय फाइटर जेट जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि जब भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स के फाइटर जेट सीमा के करीब आएंगे तो भारतीय वायुसेना तुरंत इस बात का जवाब देगी और स्थिति से निपटने के लिए लड़ाकू विमान तैयार रहेंगे।

गौरतलब है कि भारतीय एयर चीफ मार्शल ने यह बात भारत चीन के बीच चल रही 16वें दौर की सैन्य वार्ता से ठीक पहले कही है। उन्होंने कहा कि हम चीन के एयरक्राफ्ट्स पर पैनी नजर रखे हुए हैं और जैसे ही हमें पता चलेगा की चीन के फाइटर जेट हमारी सीमा के करीब आ रहे हैं तो हम भी अपने फाइटर जेट तैनात कर देंगे और फिर चीनी एयरफोर्स को मुंह तोड़ जवाब देंगे।

चीनी एयरफोर्स की हरकतों के कारण को लेकर वीआर चौधरी ने कहा कि वे किसी एक कारण को चिह्नित नहीं कर सकते हैं कि वो ऐसा क्यों करते हैं लेकिन हम उनकी हरकतों पर नजर रखे हुए हैं और जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ये भी कहा कि गलवान घाटी की घटना के बाद से पूर्वी लद्दाख इलाके की सीमा पर हमने रडार तैनात करना शुरू कर दिया है। चौधरी ने कहा कि वायुसेना ने उत्तरी सीमाओं पर सतह से हवा में मार करने वाले हथियार क्षमताओं को भी बढ़ाया है। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि एस 400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान के साथ-साथ चीन (China) से लगी सीमा पर तैनात किया जा रहा है।

और पढ़ें- चीन को इज़रायल से बाहर करने के लिए अडानी ने खरीद लिया बंदरगाह

भारत के मामले में चीन की दाल नहीं गल रही है

सीमा पर भारत की तकनीकी मजबूती को लेकर चौधरी ने बताया कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में सीमा के साथ रडार सिस्टम तैनात करना शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही चीनी विमान और गतिविधि पर भारतीय वायुसेना कड़ी निगरानी रखती है जिससे एक मक्खी भी घुसपैठ न कर सकें। यह सर्वविदित है कि चीन की हमेशा यही नीति रही है कि वो पहले दो कदम आगे लेता है और फिर समझौते का दिखावा करके एक कदम पीछे ले लेता है। इस नीति के जरिए ही चीन ने विस्तारवाद को बढ़ावा दिया है लेकिन इस बार भारत के मामले में चीन की दाल नहीं गल रही है।

चीन को यह अनुमान था कि भारत 1962 की तरह ही कमजोर स्थिति में है और उसे अभी भी हेकड़ी में लिया जा सकता है लेकिन अब ऐसा नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अपनी सैन्य तकनीक को मजबूत किया है जिसका नमूना लड़ाकू विमान राफेल से लेकर मिराज और तेजस हैं। इसके अलावा भारत की ताकत रूसी एयर डिफेंस सिस्टम S-400 के आने से काफी मजबूत हो गयी है‌ जो कि चीन के लिए झटका है क्योंकि यह सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम  है और भारत के चलते चीन भी इसे खरीदना चाहता है लेकिन चीन को रूस से लगातार झटके लग रहे हैं और रूस ने कई बार चीन की इस मांग को ठुकराया है।

और पढ़ें- ‘प्लीज हमे S 400 दे दो’, चीन के गिड़गिड़ाने के बावजूद रूस ने S-400 की आपूर्ति ससपेंड कर दी है

यही कारण है कि चाहकर भी चीन की एयरफोर्स भारत का बाल भी बांका करने से डर रही है क्योंकि भारत तो एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए अपनी रक्षा कर लेगा लेकिन उसके बाद भारत के हमलों का सामना करने के लिए चीन के पास कुछ नहीं होगा और यही चीन के डर की असल वजह है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version