भारतीय बाजार से बाहर चीनी खिलौने: मेक इन इंडिया ने खेल के नियमों को बदल दिया

अब खिलौना क्षेत्र में चीनी खिलौनों के ऊपर भारत के स्वदेशी खिलौने हावी !

China India

Source- TFIPOST.in

आज से कुछ सालों पहले मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। परंतु कुछ ही सालों के भीतर भारत सरकार ने हर मोर्चे पर स्वयं को सशक्त बनाया का काम किया है। आज के समय में भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों में जुटा हुआ है। खिलौना क्षेत्र की बात करें तो तीन-चार वर्षों पहले भारत खिलौने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था। खासतौर पर देश के खिलौना क्षेत्र पर चीन का बड़ा कब्जा था। भारत में 80 फीसदी से अधिक खिलौने चीन से आया करते थे।

परंतु अब इसमें बहुत ही बड़ा बदलाव देखने को मिला है। देश में खिलौना उद्योग तेजी से फलने-फूलने लगा है। महज तीन सालों के अंदर भारत में खिलौने के आयात में 70 फीसदी की कमी आई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक तीन सालों में खिलौना आयात में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। केवल इतना ही नहीं भारत अब दूसरे देशों को भी अपने बनाए गए खिलौने निर्यात कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार तीन सालों में खिलौने के निर्यात में 61 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसको लेकर ट्वीट करते हुए लिखा- “क्या बदलाव है! पिछले 3 वर्षों में हमारे खिलौनों के आयात में 70% की भारी कमी आई है और निर्यात में 61% की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  जी का ‘वोकल फॉर लोकल’ का आह्वान भारत के खिलौना क्षेत्र को बदल रहा है।“

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आत्मनिर्भर की ओर एक और बड़ा कदम

एक सरकारी बयान के अनुसार एचएस कोड 9503, 9504 एवं 9503 के लिए भारत में खिलौना का आयात वित्त वर्ष 2021-22 में 110 मिलियन डॉलर रहा, जो कि वित्त वर्ष 2018-19 में 371 मिलियन डॉलर था। इस तरह खिलौने के आयात में 70 फीसदी की कमी देखने को मिलीं। एसएच कोड 9503 में खिलौने के आयात में सबसे तेजी से कमी आई। यह वित्त विर्ष 2018-19 में 304 मिलियन डॉलर था, जो 2021-22 में नीचे आकर अब महज 36 मिलियन डॉलर ही रह गया।

इसके अलावा बात अगर खिलौने के निर्यात की करें तो इसमें बड़ा उछाल देखने को मिला है। एचएस कोड 9503, 9504 और 9503 के लिए खिलौना का निर्यात बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 326 मिलियन डॉलर पहुंच गया। यह वित्त वर्ष 2018-19 में 202 मिलियन डॉलर था। तीन वर्षों में खिलौने के निर्यात में 61.39 फीसदी की वृद्धि आई है। एचएस कोड 9503 के लिए खिलौना का निर्यात 177 मिलियन डॉलर पहुंच गया।देखा जाए तो यह सबकुछ ऐसे ही संभव नहीं हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल अभियान के माध्यम से भारत के खिलौना उद्योग को मजबूत करने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयास कर रहे थे कि खिलौना क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बने। इसलिए सरकार द्वारा खिलौना सेक्टर को बूस्ट करने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए थे।

दो वर्ष पूर्व अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” को संबोधित करते हुए खिलौना क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से लोकल खिलौने खरीदने और इसके लिए वोकल होने यानी इसके बारे में दूसरों को भी बताने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए मिलकर खिलौने बनाए। दरअसल, तब देश में कोरोना महामारी के दस्तक देने के बाद आत्मनिर्भर भारत अभियान जोरों पर था। इसके साथ ही चीन के साथ भी भारत का गतिरोध तेज हो गया था और देश में चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम तेज हो गई थी। तब इसी मौके का फायदा उठाते हुए प्रधानमंत्री ने खिलौना उद्योग को सशक्त बनाने के प्रयास तेज किए है ।

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भारतीय बाजार से चीन का वर्चस्व खत्म

प्रोत्साहन देने के बाद भारत सरकार द्वारा खिलौना उद्योग को कई तरह के कदम भी उठाए गए। सरकार ने खिलौना क्षेत्र में घरेलू उत्पादन बढ़ाने और खिलौने के आयात को कम करने के उद्देश्य से फरवरी 2020 में मूल सीमा शुल्क (Basic Custom Duty) को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया था। इससे विदेशों से आने वाले खिलौने महंगे हो गए।

इसके अतिरिक्त आयात होने वाले खिलौनों की गुणवत्ता मापने के लिए सैंपल टेस्टिंग की जाने लगी। दरअसल, सस्ते होने की वजह से चीनी खिलौने ने अपनी पकड़ भारतीय बाजार पर बना रखी थी। परंतु इनकी गुणवत्ता खराब होती थी। चीनी खिलौने में निम्न वर्ग की प्लास्टिक व अन्य खराब कच्चे माल का प्रयोग किया जाता था। हालांकि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लग जाने के कारण ऐसे माल का आयात होना कम हो गया है और इससे घरेलु उद्योगों को उभरने का मौका मिला। वहीं वर्ष 2021 में “द इंडिया टॉय फेयर 2021” का भी आयोजन किया गया था। देश के एक हजार से भी अधिक खिलौना विनिर्माता ने हिस्सा लिया था और इसके मंच के माध्यम से उन्हें अपने प्रोडक्ट को दुनिया के सामने पेश करने का मौका मिला था। तो कुछ इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोत्साहन और सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों ने भारत के खिलौना उद्योग को बढ़ावा मिला और चीन का वर्चस्व भारतीय बाजार से खत्म होने लगा है।

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