FORD ने TATA का मजाक उड़ाया था, फिर TATA ने जो किया वो इतिहास बन गया

उद्योग जगत में इस अपमान को जवाब के लिए याद किया जाता है!

tata Ford

Source- TFIPOST.in

अपमान या बेइज्जती का बदला कैसे लिया जाता है? कहते है कि आम लोग तो तुरंत ही अपने अपमान का बदला ले लेते है। परंतु महान लोग ऐसा नहीं करते। वो अपमान को ही सफलता की सीढ़ी बना लेते है। फिर सफलता से ही वो अपने अपमान का जवाब देते हैं। देश के सबसे प्रतिष्ठित परिवार टाटा के द्वारा भी हमें ऐसी ही सीख दी जाती है।

पूरे भारत की आन बान और शान ताज होटल भी एक अपमान का ही बदला है। ताज होटल का इतिहास काफी रोचक रहा है। एक बार की बात है जब जमशेद जी टाटा अपने एक मित्र से मुलाकात करने के लिए ब्रिटेन गए थे। इस दौरान उन्हें एक होटल में प्रवेश की केवल इसलिए अनुमति नहीं मिली थी क्योंकि वो भारतीय थे। होटल के मैनेजर ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और कहा कि हम भारतीयों को अंदर आने की इजाजत नहीं देते। यहां भारतीयों का आना मना है।

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ताज होटल विश्वभर में सबसे मजबूत होटल ब्रांड है

जमशेद जी टाटा को यह बात बुरी तरह चुभ गई। उन्हें यह केवल अपना ही नहीं पूरे भारत का अपमान लगा। जमशेदजी टाटा तब तो कुछ नहीं बोले, परंतु उन्होंने मन ही मन में इस अपमान का ऐसा जवाब देने का ठान लिया था जो पूरी दुनिया के लिए मिसाल बने। उन्होंने किया भी कुछ ऐसा ही जमशेद जी चाहते थे कि वो भारत में एक ऐसे होटल का निर्माण किया जिसमें हर कोई बिना किसी भेदभाव और रोक टोक के आकर रह सके और वो पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र बने और फिर कुछ ऐसे ही रखी गई ताज होटल की नींव। आज ताज होटल सिर्फ भारत ही नहीं विश्वभर में सबसे मजबूत होटल ब्रांड बना हुआ है। दुनियाभर से लोग ताज होटल में रुकने के लिए आते है।

समय ने अपमान का लिया बदला

रतन टाटा आज भारत के सबसे सम्मानित व्यक्तियों में से एक हैं। उन्हें उनके दयालु और शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है। जमेशद जी टाटा की तरह रतन टाटा को भी एक बार इसी तरह अपमानित किया गया था। उन्होंने अपने अपमान का बदला भी कुछ ऐसे ही लिया, जो हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया। अहंकार लोगों को ले डुबता है। ऐसा ही कुछ हुआ अमेरिकी कार कंपनी फोर्ड के साथ भी। एक बार फोर्ड कंपनी के मालिक ने रतन टाटा को यह कहकर बेइज्जत किया कि उन्हें कार के बिजनेस के बारे में कुछ नहीं पता। फिर क्या था। वक्त ने करवट लिया और जिस फोर्ड के द्वारा रतन टाटा को अपमानित किया गया, उन्होंने फोर्ड की लैंड रोवर और जगुआर जैसी कारों को टाटा मोटर्स में शामिल कर लिया।

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जब TATA Group बेचना चाहता था कार डिविजन

यह पूरा वाक्या वर्ष 1998 का है। जब टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में क्रांति लाने के प्रयासों में जुटे थे। इसी दौरान उन्होंने टाटा इंडिका कार को लॉन्च किया। यह रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक थी। परंतु हर बार यह जरूरी तो नहीं कि आपको उम्मीद के अनुसार ही परिणाम मिले। ऐसा ही कुछ रतन टाटा के साथ भी हुआ। उनकी इस कार को उम्मीद के अनुसार सफलता नहीं मिली। रतन टाटा इससे उनकी कंपनी भी घाटे में चली गई। असफलता मिलने के कारण टाटा मोटर्स अपने कार कारोबार को एक साल के भीतर ही बेचना चाहती थी। इसके लिए टाटा ने 1999 में अमेरिका की बड़ी कार निर्माता कंपनी फोर्ड के साथ बातचीत करने का निर्णय किया।

Ford के मालिक बिल फोर्ड ने की थी बेइज्जती

इसके लिए रतन टाटा फोर्ड कंपनी के चेयरमैन बिल फोर्ड से मुलाकात करने के लिए अपनी टीम के साथ अमेरिका चले गए। यहां दोनों कंपनी ने एक बैठक की और इसी मीटिंग के दौरान बिल फोर्ड ने रतन टाटा का अपमान किया। उन्होंने रतन टाटा से कहा कि कार का व्यवसाय उन्हें कभी शुरू ही नहीं करना चाहिए था, क्योंकि उन्हें इसको लेकर कोई समझ ही नहीं है। बिल फोर्ड ने तो यह तक कह दिया कि वो कंपनी को खरीदकर उन पर एहसान कर रहे है। रतन टाटा के लिए उनका यह अपमान बर्दाश्त के बाहर था। वो बिना सौदा की ही भारत वापस लौट आए और फिर रतन टाटा ने फैसला लिया कि वो टाटा के प्रोडक्शन यूनिट को नहीं बचेंगे। इसकी जगह उन्होंने टाटा को मजबूत करने के लिए मेहनत दोगुनी कर दी।

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वक्त बदला, TATA Group ने खरीदी JLR

फिर समय बदला और आया साल 2008। इस दौरान मंदी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। साल 2008 में पूरी दुनिया ने मंदी का सामना किया और इसी दौरान अमेरिकी कंपनी फोर्ड दिवालया होने की कगार पर पहुंच गई। फिर इसे बचाने के लिए वहीं व्यक्ति आगे आए, जिनका कभी बिल फोर्ड ने अपमान किया था। समूह ने फोर्ड की दो प्रसिद्ध ब्रांड जगुआर-लैंड रोवर को खरीदने की पेशकश की। 2.3 बिलियन डॉलर में यह डील हुई और फोर्ड की जगुआर-लैंड रोवर टाटा समूह का हिस्सा बन गई। उस दौरान बिल फोर्ड ने टाटा को धन्यवाद देते हुए कहा था कि आप इन्हें खरीदकर हम पर एक बड़ा उपकार कर रहे हैं। टाटा के हाथों में आने से जगुआर लैंड रोवर की किस्मत बदल गई और JLR मुनाफे में आ गई। प्रधानमंत्री से लेकर बड़ी बड़ी हस्तियां जगुआर लैंड रोवर में सफर करती हैं।

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