‘साइबर जिहाद’ से लड़ने के लिए तैयार है भारत, अमित शाह ने किया ऐलान

इस वक्त इस कदम की ज़रूरत सबसे ज्यादा थी।

India is all geared up to fight the menace of Cyber-Jihad

Source: TFI

साइबर अटैक इस दौर में किसी भी देश के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है। भारत भी इस ख़तरे से निरंतर जूझ रहा है। हाल ही में आई एक ख़बर ने हिंदुस्तान के लोगों को और ज्यादा डरा दिया। दरअसल, अहमदाबाद पुलिस ने एक अहम खुलासे में कहा है कि मलेशियाई और इंडोनेशियाई एक्टिविस्ट भारत को निशाना बना रहे हैं। अहमदाबाद साइबर क्राइम सेल ने दावा किया है कि विभिन्न देशों के हैकर्स समूहों ने पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद सरकारी एवं निजी वेबसाइटों और डेटाबेस पर हमला करके भारत के खिलाफ “साइबर युद्ध” शुरू किया है।

साइबर क्राइम के डीसीपी अमित वसावा के अनुसार, दो हैकर समूहों ‘ड्रैगन फोर्स मलेशिया’और ‘हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया’ने भारत के खिलाफ साइबर युद्ध शुरू किया है।

इसके बाद से निरंतर आशंकाएं जताई जा रही थी कि क्या भारत इस साइबर जिहाद से लड़ने के लिए तैयार है? क्या भारत इन नए तरह के जिहादियों को निपटाने के लिए सक्षम है? इसका जवाब अब मिल गया है। भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि साइबर अटैक से लड़ने के लिए अब रणनीति तैयार की जाएगी। इस रणनीति को बनाने के लिए केंद्रीय गृह सचिव के अंतर्गत एक कमेटी का गठन किया जाएगा। यही कमेटी इस रणनीति पर काम करेगी कि किस तरह से साइबर अटैक से निपटा जाए- उससे कैसे लड़ा जाए। उसके लिए क्या-क्या रणनीतियां तैयार की जाएं।

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जयपुर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कमेटी का ऐलान किया। इसके साथ ही बैठक में तय किया गया कि विभिन्न माध्यमों के द्वारा साइबर अपराधों को लेकर जागरुकता अभियान भी चलाए जाएंगे। साइबर अपराधों के राष्‍ट्रीय सुरक्षा, सार्वजिनक व्‍यवस्‍था और आर्थिक गतिविधि पर गहरे प्रभाव को देखते हुए बैठक में देश के साइबर स्‍पेस और समग्र नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।

भारत के लिए साइबर सुरक्षा बेहद अहम है। दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं है जब नूपुर शर्मा के मामले में हैकरों ने भारत पर साइबर अटैक करने की कोशिश की हो। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। कई बार तो भारत सरकार की कई वेबसाइट्स भी हैकर्स ने हैक कर ली हैं। जून में यह बताया गया था कि ड्रैगन फोर्स ने भारत के खिलाफ OpsPatuk या “स्ट्राइक बैक”नामक एक हमला शुरू किया था। फिर बेंगलुरु की एक साइबर सुरक्षा फर्म CloudSEK ने सरकारी वेबसाइट्स पर इसे ढूंढ निकाला था, जिसमें दुनिया भर के मुस्लिम हैकर्स से “मिशन में शामिल होने की अपील की गई थी।

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इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस तरह के हमलों की तीव्रता और मात्रा में तेजी से वृद्धि होने वाली है। ऑनलाइन दुनिया में व्यक्तियों की बढ़ती ऑनलाइन उपस्थिति के साथ यह और अधिक सुविधाजनक होता जा रहा है। भारत बहुत लंबे समय से आतंकी हमलों का सामना कर रहा है और समय के साथ आतंकवादी भी तकनीक के जानकार होते जा रहे हैं। भारत को साइबर युद्ध में अपने आप को मजबूत बनाने होगा और उसी दिशा में सरकार द्वारा यह बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।

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