कोई भी देश अपने बाहरी शत्रुओं से तो लड़ लेता है पर घर के भेदियों को खोज पाना और उनका निस्तारण करना कल भी जटिल था, आज भी जटिल है और आगे भी जटिल ही रहेगा। देश को कट्टरपंथियों का गढ़ और इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिशों में जुटे कई घर के भेदी धीरे-धीरे कर पकड़ में आ रहे हैं। राज्य और राज्य के बाद देश को अस्थिर करने की सोच लिए कायरों के इंडिया विजन 2047: बिहार आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। इसका ध्येय भारत को वर्ष 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का था। इसी क्रम में बिहार की राजधानी पटना में देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है।
On July 6-7, in name of martial arts, locals were taught to use swords & knives. They instigated others toward religious violence. We have CCTV footage as well as witness accounts. Parvez also raised funds in lakhs, ED is being involved for the same: Bihar SSP Manish Kumar pic.twitter.com/D9o6YKFgMn
— ANI (@ANI) July 13, 2022
दरअसल, नूपुर शर्मा को मारने के फतवे देने से लेकर, कन्हैया लाल से लेकर उमेश कोल्हे की मृत्यु के विवाद तक इस पूरे प्रकरण में जिस तरह कट्टरपंथी सरगना की पोल देश भर में खुली है उसी का एक अंश बिहार की राजधानी पटना में 2047 तक भारत इस्लामिक राष्ट्र बनाने के सपने बुन रहा था। इसके मुख्य प्रपंचकर्ता और कोई नहीं कट्टरपंथी और आतंकी संगठन PFI के रूप में सामने आया है। दोनों गिरफ्तार आरोपितों के पास से जो संवेदनशील दस्तावेज प्राप्त हुए हैं वो पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया से जुड़े पाए गए थे।
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PFI से जुड़े आतंकी का भंडाफोड़
बिहार पुलिस ने चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के लिए पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और एक दस्तावेज का पता लगाया, जिसमें देश की आजादी की 100 वीं वर्षगांठ तक भारत में “इस्लामी राष्ट्र” स्थापित करने की योजना पर चर्चा की गई है।
ये विडंबना की बात है कि गिरफ्तार किए गए आतंकियों में एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन है। इसका मतलब ही यह है कि इस क्षेत्र के माध्यम से भी इसका सम्पूर्ण फायदा इस व्यक्ति ने अपनी विभिन्न पोस्टिंग के दौरान लिया होगा। इसके साथ इस इन दोनों तत्वों ने कट्टरपंथी मानसिकता का प्रसार किया था। गिरफ्तार आरोपियों में पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन तो दूसरा पीएफआई का मौजूदा सदस्य अतहर परवेज है। पटना पुलिस के मुताबिक ये दोनों मार्शल आर्ट की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग दे रहे थे।
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13 जुलाई को बिहार पुलिस के बाद ‘इंडिया 2047- टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया’ शीर्षक से आठ पन्नो का दस्तावेज बरामद किया गया था। ‘नॉट फॉर सर्कुलेशन’ के रूप में चिह्नित आंतरिक दस्तावेज़ के अंशों में कहा गया है कि पीएफआई को विश्वास है कि अगर कुल मुस्लिम आबादी का 10 प्रतिशत भी इसके पीछे आ जाता है, तो संगठन ‘बहुसंख्यक समुदाय’ को अपने घुटनों के बल अपने अधीन कर लेगा और इस्लाम की महिमा को भारत में वापस लाएगा।
जिस प्रकार अंदरखाने में ऐसे भेदी पल रहे हैं उससे पता चलता है कि कैसे इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिश आज भी कुछ कम नहीं है। PFI से संबंधित दोनों आतंकी जिस प्रकार कट्टर सोच के साथ आगे बढ़ रहे थे, अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार यह लोग देश का इस्लामीकरण करने के लिए आतुर हैं।
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