क्राउडफंडिंग यानी जनसहयोग से आप परिचित होंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर को चलाते समय हमें तमाम पोस्ट ऐसी दिखती है, जिसमें लोगों की सहायता करने के लिए सहयोग करने की अपील की जाती है। कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी का शिकार है या किसी गरीब बच्चे को अपनी पढ़ाई हेतु सहायता चाहिए, तो उसके लिए कुछ संस्थाओं द्वारा पैसे इकट्ठे कर मदद करने के प्रयास किए जाते है। परंतु क्राउडफंडिंग से जुड़े कुछ ऐसे मामले भी सामने आते रहते है, जो इसकी विश्वसनीयता पर प्रश्न उठा देते हैं? प्रश्न उठते है कि यह क्राउडफंडिंग क्या वास्तव में लोगों की सहायता का माध्यम है या फिर यह 21वीं सदी के आधुनिक भिखारी और घोटाले को बढ़ावा देने का एक जरिया बनता चला जा रहा है?
दरअसल, हाल ही में क्राउडफंडिंग से जुड़ा एक मामला 22 वर्षीय लड़की मुस्कान बावा से जुड़ा सामने आया। चड़ीगढ़ की रहने वाली मुस्कान बावा को उच्च शिक्षा के लिए विदेश में जाकर पढ़ाई करनी है। वो हार्वर्ड जाकर मास्टर्स की पढ़ाई करना चाहती है, जिसके लिए उन्हें 23 लाख रुपयों की आवश्यकता है। अपनी उच्च शिक्षा के लिए यह रकम जुटाने के लिए मुस्कान ने क्राउडफंडिंग का सहारा लिया। केटो फंडरेजर (Ketto Fundraiser) और ह्यूमन ऑफ बॉम्बे (Human of Bombay) की सहायता से मुस्कान ने लोगों से उनकी यह रकम जुटाने में उनकी मदद करने की अपील की। आमतौर पर गरीब और बीमार लोगों के लिए फंडरेजर के माध्यम से सहायता की मांग की जाती है। परंतु जब एक अच्छी खासी परिवार से दिखने वाली मुस्कान ने विदेश में पढ़ने के लिए दान मांगा, तो इस पूरे मामले पर कुछ संदेह हुआ, जिसके बाद पता चला कि मुस्कान बावा की कहानी में बड़ा झोल है।
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मुस्कान की मनगढ़ंत कहानी
मुस्कान ने मदद मांगने के लिए लोगों के सामने अपनी भावुक कहानी भी परोसी। जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उनकी माता सिंगल मदर है और उन्होंने अकेले अपने दम पर उन्हें पाल-पोसकर बढ़ा किया और शिक्षित किया। इस दौरान मुस्कान ने अपने जीवन के संघर्षों को भी इमोशनल तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश की। मुस्कान का दावा है कि उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री है और इसमें टॉप भी किया। मुस्कान के अनुसार वो एक काउंसलर बनाना चाहती है और वो इसके लिए हार्वर्ड जाकर मनोविज्ञानकी पढ़ाई करना चाहती है। उन्होंने दावा कि वह हार्वर्ड में स्वीकृत की जाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय हैं। लेकिन उनका कहना है कि आगे की पढ़ाई के लिए उनके पास पैसे नहीं है। वो बताती हैं कि कैसे इस कोर्स की फीस उन्हें 23 लाख की जरूरत है। इसलिए लोगों से अपनी शिक्षा के लिए दान करने का अनुरोध कर रही हैं।
हालांकि ऐसा आवश्यक नहीं जो कहानी हमारे आगे जिस तरह से प्रस्तुत की जाए, वो वैसे ही हो। यह सोशल मीडिया का जमाना है। सोशल मीडिया पर झूठ परोसना आजकल बेहद ही आसान हो गया है। बस अपनी कहानी को थोड़ा भावुक बनाकर परोसो और लोग इसमें आसानी से फंस जाते है। ऐसा ही कुछ मुस्कान बावा की कहानी के साथ होता प्रतीत हो रहा है। मुस्कान ने अपनी कहानी को जिस तरह से प्रस्तुत किया है, वो वैसे नहीं दिख रही। इसमें कुछ ना कुछ गड़बड़ तो जरूर है।
दरअसल, जैसे ही मुस्कान की कहानी सोशल मीडिया पर थोड़ा वायरल होनी शुरू हुई, तो लोगों को इस पर शक हुआ। इसके बाद कुछ लोगों ने कहानी के पीछे की वास्तविकता जानने का प्रयास किया। जिसके बाद मालूम चला कि मुस्कान केवल फंडरेजर साइट केटो के माध्यम से ही मदद नहीं मांग रही। इसके अलावा उन्होंने एक अन्य फंडरेजर वेबसाइट मिलाप (Milaap) से भी डोनेशन देने की मांग की है। जहां केटो के जरिए उन्होंने 23 लाख की मदद की मांग की, तो वहीं मिलाप ने 25 लाख रुपये दान के तौर पर मांगे। जहां उन्होंने केटो पर स्वयं को चंडीगढ़ की और मिलाप पर धर्मशाला की रहने वाली बताया। वहीं सोशल मीडिया पर मौजूद कुछ लोगों ने जब मुस्कान की कुंडली खंगाली तो मालूम चला कि वो एक मॉडल भी है। मुस्कान यश मॉडल कंपनी के लिए काम करती है।
Muskaan Bawa is collecting ₹25 Lakh in Milaap and ₹23.62 Lakh in Ketto for her 'Education'.
In Milaap she is from Dharmshala and in Ketto she is from Chandigarh.@dir_ed @FinMinIndia pic.twitter.com/zRh3ankVZI
— Facts (@BefittingFacts) July 16, 2022
https://twitter.com/Meghna_venture/status/1548179615377608709?s=20&t=2jIrmmRZ8jvnWdPfZg1Wig
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इसके बाद से ही लोग इस पूरे मामले को एक घोटाला बताते नजर आ रहे है। प्रश्न उठाए जा रहे है कि क्या मुस्कान लोगों को अपनी भावुक कहानी के जाल में फंसाकर लोगों को ठगने का प्रयास कर रही है या फिर वो पैसा कमाने का एक माध्यम है। एक ट्विटर यूजर ने इस कांड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “क्राउडफंडिंग एक नई मनी लॉन्ड्रिंग योजना है। ह्यूमन ऑफ बॉम्बे के ग्राहक का हिस्सा है या माफिया का, यह हमारे लिए जानना आवश्यक है।” यहां यह भी बता दें कि मुस्कान केटो के जरिए अब तक 13 लाख से भी अधिक रुपये की रकम जुटा चुकी है।
Crowdfunding is the new money laundering scheme. Humans of bombay is the client or part of the mafia we need to know.
— Bong Times (@bongtimes) July 16, 2022
Literally E-Bhikhari ! @HumansOfBombay That basterds only steal your money as take this girl as a meduim. All the info. Regarding this girl are totally fake. https://t.co/vBHVH1S1oz
— sk (@pabloeskobar77) July 16, 2022
क्राउडफंडिंग जरूरतमंद लोगों की मदद करने का एक माध्यम है। परंतु उस पर अगर इस तरह के घोटाले होंगे, तो प्रश्न तो खड़े होंगे ही। कई लोग इन क्राउडफंडिंग के जरिए लोगों की सहायता करते है। हालांकि ऐसा लगता है कि क्राउडफंडिंग अब लोगों को झूठी बातों में फंसाकर ठगने का एक जरिया बन गया है। ऐसे में अब यह बेहद आवश्यक हो जाता है कि लोगों को अपनी मेहनत की कमाई से किसी की यूं मदद करने से पहले अच्छे से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए कि यह सबकुछ किसी घोटाले का तो हिस्सा नहीं।
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