“भारत, पाकिस्तान को पीछे छोड़ बांग्लादेश दक्षिण एशिया का स्टैंडआउट स्टार बना”, “सामाजिक सूचकांकों पर भारत, पाकिस्तान को पीछे छोड़ आगे बढ़ता सोनार बांग्ला” ये शब्द हैं बिज़नेस स्टैंडर्ड, टाइम्स ऑफ़ इंडिया जैसे बड़े-बड़े अखबारों के बड़े-बड़े लेखकों के। खबर है वर्ष 2021 की जब जीडीपी घोषित हुई थी और बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद पिछले वर्ष की तुलना में 9% बढ़कर 2,227 डॉलर हो गयी थी। उसी रिपोर्ट में पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय 1,543 डॉलर और भारत की प्रति व्यक्ति आय मात्र 1,947 डॉलर आंकी गयी थी।
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लिबरल एकदम सक्रीय हो गए
रिपोर्ट आते ही लिबरल एकदम सक्रीय हो गए और एक के बाद एक धड़ाधड़ ट्वीट करने लगे। अखबारों में भारत की जितनी हो सके उतनी बेइज्जती करने लगे। ऐसा लग रहा था मानो उन सभी में एक होड़ लगी हो कि भारत को कौन कितना बदनाम कर सकता है. अंग्रेजी भाषा के महाज्ञाता शशि थरूर भी इस विषय पर बोलने से स्वयं को नहीं रोक पाए और ट्वीट कर डाला, “बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी पिछले वर्ष की तुलना में 9% बढ़ी, जो बढ़कर 2227 डॉलर हो गई। भारत की $1947 है। पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय 1543 डॉलर है। 1971 में, पाकिस्तान बांग्लादेश से 70% अमीर था; आज बांग्लादेश पाकिस्तान से 45 फीसदी ज्यादा अमीर है।”
Bangladesh's GDP per capita grew by 9% over the past year, rising to $2227. India's is $1947. Pakistan’s per capita income is $1543. In 1971, Pakistan was 70% richer than Bangladesh; today, Bangladesh is 45% richer than Pakistan. @mihirssharma explains: https://t.co/knlTS4tRpp
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 2, 2021
लेकिन अर्थव्यवस्था के महान ज्ञानी कुछ आवश्यक बातें तो भूल ही गए जैसे, बांग्लादेश का क्षेत्रफल भारत के उत्तर प्रदेश से कम है जबकि पाकिस्तान उत्तर प्रदेश से थोड़ा ही बड़ा है. 2020 के आंकड़ों के अनुसार बांग्लादेश की जनसंख्या 16.47 करोड़, पाकिस्तान की जनसंख्या 22.09 करोड़ और उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 23.15 करोड़ है. अब अगर इन ज्ञानियों को स्मरण हो तो उत्तर प्रदेश जिसकी जनसंख्या इन दोनों पडोसी देशों की जनसंख्या से भी अधिक है वह भारत का केवल एक राज्य है. पूरे भारतवर्ष की जनसंख्या के हिसाब से यदि व्यक्ति की औसत आय निकाली जाएगी तो वह कम ही निकलेगी।
किसी देश की प्रति व्यक्ति आय की गणना देश की राष्ट्रीय आय को उसकी जनसंख्या से विभाजित करके की जाती है। जब जनसंख्या कम होगी तो कितनी ही बंटेगी।
खैर ताज़ा खबर यह है कि जिन अर्थशास्त्र के ज्ञाता ने जिस देश के लिए डंके की चोट पर कहा था कि भारत बांग्लादेश से पिछड़ गया है, उसे बांग्लादेश से कुछ सीखना चाहिए और बांग्लादेश भारत को और पीछे छोड़ने वाला है वगैरह वगैरह, उसी बांग्लादेश ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं पर बढ़ते दबाव से निपटने के लिए मदद मांगने के लिए अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका की भांति अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 4.5 अरब डॉलर का ऋण मांगा है।
बांग्लादेश मुख्य रूप से परिधान-निर्यात उद्योग के लिए जाना जाता है, बांग्लादेश ने अपने भुगतान संतुलन और बजटीय जरूरतों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों के लिए धन की मांग की है। बांग्लादेश बैंक ने हाल ही में फलों, गैर-अनाज खाद्य पदार्थों और डिब्बाबंद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के आयात को हतोत्साहित करके डॉलर को संरक्षित करने की नीति की घोषणा की।
एक साल के अंदर बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार 45.5 बिलियन डॉलर से गिरकर 39.67 बिलियन डॉलर रह गया है जो अब मुश्किल से अगले पांच महीने तक ही देश के लिए आयात प्राप्त करने के लिए काफी है.
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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट क्या कहती है?
हाल ही में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट आयी है जिसमें उसने उन देशों के नाम बताये हैं जो आने वाले कुछ समय में मंदी का सामना कर सकते हैं। जहां एक तरफ न्यूजीलैंड, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश मंदी का शिकार हो सकते हैं वहीं भारत के मंदी में गिरने की संभावना शून्य है. हालांकि अभी तक किसी लिबरल का इस रिपोर्ट पर कोई बयान नहीं आया है परन्तु आशा करते हैं कि वे ब्लूमबर्ग को आरएसएस का एजेंट बताकर इस रिपोर्ट को गलत साबित करने के लिए धरने पर नहीं बैठेंगे.
#Recession probability forecast by Bloomberg. pic.twitter.com/DeuHmvo340
— Zeenat Dar (@zeedee93) July 26, 2022
साथ ही जो स्वघोषित अर्थशास्त्री और राजनीति के महाज्ञाता हैं, जिन्होंने बांग्लादेश के लिए बड़े-बड़े दावे किये थे, उम्मीद है कि वे एक बार फिर अपने शब्दों का मंथन करेंगे साथ ही यह सत्य भी स्वीकारेंगे कि भले ही केंद्र में बैठी सरकार उनकी पसंद की नहीं है, भले ही उन्हें भारत में रहने वाले हर हिन्दू से परेशानी है और भले ही उन्हें मोदी के हिन्दू होने से सबसे अधिक दिक्कत है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वे केवल केंद्र में बैठी सरकार को नीचा दिखाने के लिए सम्पूर्ण भारतवर्ष को गलत, झूठा और डूबता हुआ दिखाएंगे। आशा है कि उन्होंने इस रिपोर्ट से कुछ तो सबक लिया होगा।
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