’कर्ज लो, घी पियो और मुफ्त की राजनीति करो’ ये वो आदत है जिसके कारण भारतीय राजनीति और लोकतंत्र वैश्विक स्तर पर बदनाम है। पहले इस परंपरा की शुरुआत कथित तौर पर देश की आज़ादी में सहयोग देने वाली कांग्रेस पार्टी ने की और अब जब वो राजनीतिक प्रासंगिकता के लिए संघर्षरत है तो उसकी इस परंपरा को आम आदमी पार्टी जैसे कुछ राजनीतिक रिश्वत देने वाले दल आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे में जब किसी के द्वारा नाम लिए बिना मुफ्त बांटों वाली परंपरा पर प्रहार किया जाता है तो सबसे पहले आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ही बिलबिलाते हैं। कुछ ऐसा ही एक बार फिर हुआ है जिसके लिए केजरीवाल फिर हास्य के पात्र बन गए हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के जालौन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। इस दौरान अपने संबोधन में ‘रेवड़ी कल्चर’ का उल्लेख किया। उन्होंने मुफ्त में सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली राजनीति की तीखी आलोचना की और कहा कि यह ‘रेवड़ी कल्चर’ देश के विकास के लिए बहुत घातक है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सब मिलकर इस ‘फ्री पॉलिटिक्स’ का विरोध करें और देश की राजनीति से इसे उखाड़ फेके। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग कभी भी विकास का काम नहीं करेंगे और फ्री में चीजें देकर लोगों को खरीदने की कोशिश करते हैं।
युवाओं सावधान!!
वोट की राजनीति के लिए मुफ़्त की रेवड़ी बाँटने वाले आपके लिए आगे जाकर घातक साबित हो सकते है। 🙏🏽 pic.twitter.com/vsWbWNeLYs
— Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) July 16, 2022
रेवड़ी कल्चर की आलोचनाओं के बीच पीएम ने खासकर युवाओं को आगाह किया और कहा कि यह देश के विकास के लिए बहुत घातक हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था और तेजी से सुधार के साथ बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में ‘डबल इंजन’ सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और इस दौरान उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की।
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पीएम ने अपने इस संबोधन में किसी भी राजनीतिक दल या नेता का नाम नहीं लिया। लेकिन एक कहावत है कि चोर की दाढ़ी में तिनका होता है और जैसे पीएम ने रेवड़ी कल्चर पर प्रहार किया चोर की दाढ़ी में तिनका निकल आया और बिल से बाहर निकले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल। उन्होंने मुफ्त की योजनाओं और सुविधाओं को रेवड़ी कल्चर बताने के पीएम मोदी की आलोचना की और कहा कि वो दिल्ली में गरीबों को मुफ्त बिजली और बच्चों को मुफ्त शिक्षा व इलाज देकर उनका जीवन सहज कर रहे हैं जबकि पीएम और केन्द्र सरकार सिर्फ बड़े-बड़े दावे करती है।
गौरतलब है कि केजरीवाल को मिर्ची केवल इसलिए लगी है कि उन्होंने दिल्ली में अनेकों मुफ्त की सुविधाएं दी है और इसे लेकर एक सच यह भी है कि इससे मध्यम वर्ग से लेकर गरीबों की खूब कमर भी टूटती है। इसकी वजह यह है कि जिस दिल्ली में केजरीवाल मुफ्त बिजली का दावा करते हैं उसी दिल्ली में 200 की बजाए 201 यूनिट की खपत पर दोगुने के क़रीब का चार्ज लिया जाता है जो कि मध्यवर्गीय परिवारों के लिए एक अतिरिक्त बोझ है।
इसके अलावा मोहल्ला क्लीनिक की बेहाल व्यवस्था दो वर्षों के कोरोना काल में उजागर हो गई और सामने आया कि मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने केवव प्रचार प्रसार ही किया है। हालांकि, कई ऐसे वादे हैं जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में यदि यह कहा जाए कि मुफ्त का रेवड़ी कल्चर यूं ही चलता रहा तो निश्चित है कि कल को भारत में भी श्रीलंका जैसी स्थिति देखने को मिल सकती है।
केजरीवाल की मुफ्त की राजनीति का ही अ़सर है कि दिल्ली के MCD कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाता है। इसके अलावा लगातार प्रत्येक घटना को बीजेपी से लिंक कर दिया जाता है। खबरों के अनुसार दिल्ली पर करीब 40,000 करोड़ का कर्ज है लेकिन इस मुद्दे पर केजरीवाल का ध्यान नहीं है। उनका ध्यान सिर्फ और सिर्फ सुविधाओं को फ्री में बांटकर अपना वोट बैंक खड़ा करना है। दिल्ली पर इतने बड़े कर्ज को देखकर यह कहा जा सकता है कि अरविंद केजरीवाल मुफ्त की मलाई के नाम पर दिल्ली को आर्थिक संकट में डाल रहे हैं जो कि आने वाले समय में राज्य की मुश्किलें बढ़ा सकती है। संभवतः इसी के कारण पीएम मोदी ने फ्री पॉलिटिक्स खेलने वाली राजनीतिक पार्टियों को निशाने पर लिया है।
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