भारतीय क्रिकेट टीम के युवा खिलाड़ी ऋषभ पंत निडर और आक्रामक बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते हैं। अपने इसी अंदाज के कारण पंत कई बार आलोचनाओं का भी शिकार हो चुके हैं। ऋषभ पंत की तकनीक पर फैंस से लेकर तमाम क्रिकेट विशेषज्ञ तक प्रश्न उठाते आए हैं। परंतु इन तमाम आलोचनाओं का उत्तर ऋषभ पंत ने अब अपने बल्ले से दिया है।
भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों के टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच एजबेस्टन में खेला जा रहा है। पांचवें टेस्ट मुकाबले का पहला दिन ऋषभ पंत के नाम रहा। पंत ने अपनी तूफानी पारी से इंग्लैंड के गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए। 89 गेंदों में 15 चौके और एक छक्का जड़कर पंत ने शानदार शतक लगाया। एक भारतीय विकेटकीपर द्वारा जड़ा गया यह सबसे तेज शतक था।
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जब भारतीय टीम मुश्किल में थी तब आए पंथ
ऋषभ पंत बल्लेबाजी करने के लिए ऐसे समय पर आए जब भारतीय टीम मुश्किल में थी। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने मैदान में उतरी टीम इंडिया के 98 रनों पर पांच विकेट गंवा दिए थे। विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गज भी सस्ते में ही ऑउट होकर पवेलियन लौट गए थे। भारतीय खिलाड़ी एक एक करके इंग्लैंड के गेंदबाजों के आगे घुटने टेक रहे थे। तब भारतीय टीम का 150 रनों तक पहुंचना भी मुश्किल लग रहा था।
इस दौरान भारतीय टीम को आवश्यकता थी एक चमत्कार की और इस दौरान टीम इंडिया के संकटमोचक बनकर मैदान में उतरे ऋषभ पंत। ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को जमकर कूटा। क्या एंडरसन, क्या ब्रॉड, ऋषभ पंत ने किसी भी गेंदबाज को नहीं छोड़ा। पंत ने 146 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसकी बदौलत पहले दिन टीम इंडिया का स्कोर 338 रनों तक पहुंच गया। इसी के साथ पंत ने कई दिग्गजों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।
इस दौरान वो उसी अंदाज में खेलते नजर आए, जिसके लिए वो जाने जाते है। वो बेहद ही निडरता और आक्रामकता से खेलते हुए नजर आए। इसके लिए ही वो आलोचनाओं में भी घिरे रहते है। पंत को अधिकतर बार खराब शॉट खेलने के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें कई बार बाहर आती गेंद का पीछा करने हुए आउट होते देखा गया है। क्रिकेट विशेषज्ञ उन्हें अपनी तकनीक में सुधार नहीं करने को लेकर फटकार भी लगाते है, उनके शॉट चयन पर प्रश्न उठते रहे हैं। परंतु अब इंग्लैंड के विरुद्ध खेली गई पारी में पंत ने तमाम आलोचनाओं का बल्ले से उत्तर दिया है। उन्होंने कई शानदार शॉर्ट्स खेले और टीम इंडिया को संकट की घड़ी से भी उभारा। भारतीय टीम मुश्किलों में थी फिर भी ऋषभ ने संभलकर खेलने की जगह पलटवार करना ही बेहतर समझा, जिसका इंग्लैंड के गेंदबाज कोई तोड़ नहीं निकाल पाए।
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पंत लगातार खराब फॉर्म का सामना कर रहे थे
ऋषभ पंत लगातार खराब फॉर्म का सामना कर रहे थे। आईपीएल में उनका बल्ला कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाया। वहीं, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई टी-20 सीरीज में ऋषभ पंत को कप्तानी का जिम्मा सौंपा गया, तो भी वे कुछ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। पांच मैचों की सीरीज में पंत ने केवल 57 रन ही बनाए। इसके चलते टीम इंडिया में उनकी जगह को लेकर भी सवाल उठाए जाने लगे थे।
हालांकि अब पंत ने आलोचकों को अपनी काबिलियत का एहसास करा दिया। ऋषभ पंत की यह पारी इतनी धमाकेदार थी कि उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाकर इतिहास तक रच दिया। पंत दुनिया के इकलौते ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिनके नाम इंग्लैंड में मेहमान विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर दो शतक लगाने का रिकॉर्ड है। इससे पूर्व उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ साल 2018 में सेंचुरी जड़ी थीं। वहीं 25 साल के ऋषभ पंत के करियर का यह पांचवां टेस्ट शतक था।
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धोनी के 17 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया
बतौर भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज पंत ने टेस्ट में सबसे तेज शतक के मामले में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के 17 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। साल 2005 में धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ 93 गेंदों पर शतक लगाया था। अब पंत ने यह कमाल केवल 89 गेंदों में कर दिखाया है। इसके अलावा कई रिकॉर्ड उन्होंने अपनी इस पारी से ध्वस्त कर दिए।
ऋषभ पंत जिस निडरता, आक्रामकता और तेजी के साथ खेलते हैं, उन्होंने टी-20 का खिलाड़ी माना जाता है। परंतु देखा जाए तो टेस्ट में भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। अपने टेस्ट करियर में ऋषभ पंत ने अब तक केवल 31 मुकाबले ही खेले हैं और इस दौरान उन्होंने 43.04 की औसत से 2066 रन जड़ दिए है। इसमें पांच शतक और नौ अर्धशतक शामिल है। वहीं बात टी-20 की करें तो पंत ने अब तक 48 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 23.3 की औसत से 741 रन बनाए।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि ऋषभ पंत एक बढ़िया खिलाड़ी हैं जो अकेले अपने दम पर किसी भी मैच का पासा पलट सकते है। हर खिलाड़ी का खेलने का अपना तरीका होता है। पंत निडरता और आक्रामकता से खेलते हैं। हां इस दौरान वो कुछ खराब शॉर्ट खेलकर अपना विकेट जरूर गंवा बैठते हैं, परंतु यह उन्हें एक खराब खिलाड़ी नहीं बना देता। इसमें कोई दो राय नहीं कि ऋषभ पंत में प्रतिभा है और वो भारतीय टीम के भविष्य के स्टार माने जाते हैं। ऐसे में उनके खेलने के तरीके और उनकी तकनीक पर सवाल खड़े करना सही नहीं है।
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