सत्ता की हनक, सत्ता की सनक और सत्ता की तानाशाही देखनी हो तो कांग्रेस को देखिए

Zee News मामले ने कांग्रेस के आपातकाल की याद दिला दी!

Rohit Ranjan

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भाजपा नाम की सरकार चलाती है, उसे तो अब भी कांग्रेस से सीखना चाहिए कि तंत्र का प्रयोग कैसे करना चाहिए और कैसे अपनी वास्तविक ताकत का प्रयोग किया जाना चाहिए। गिने चुने राज्यों में बची सरकारों के तंत्र को जिस क्षमता के साथ कांग्रेस उपयोग कर रही है उससे भाजपा को प्रेरणा लेनी चाहिए कि संख्या चाहे कितनी भी हो, शेर के मुंह में हाथ डालने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए।

इस लेख में जानेंगे कि कैसे छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गाजियाबाद पहुंचकर किए गए हाई वोल्टेज ड्रामे के माध्यम से कांग्रेस ने भाजपा को यह सीख दिया कि दबाव बनाना महत्वपूर्ण होता है फिर चाहे स्वयं ही क्यों न निपट लो। हाल की कांग्रेस की गतिविधियों से तो कम से कम ऐसा ही लगता है।

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क्या है हालिया घटनाक्रम

अब हालिया घटनाक्रम को ही देखें तो छत्तीसगढ़ की पुलिस, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर ज़ी न्यूज़ चैनल के एंकर रोहित रंजन की गिरफ़्तारी के लिए गाजियाबाद पहुंची और फिर मंगलवार तड़के गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एंकर के आवास पर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा एक वीडियो में दिए गए बयान का संदर्भ ही बदल दिया गया था और उसे किसी और घटना से संदर्भित कर चला दिया गया था। ज़ी न्यूज़ के शो DNA- में चलाए गए वीडियो और एंकर रोहित रंजन के गलत तथ्यों के साथ रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के कारण कांग्रेसी आग बबूला हो गए थे। हालांकि इसके लिए एंकर ने माफी भी मांग ली थी।

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वहीं एंकर रोहित रंजन ने सुबह ही ट्वीट करते हुए लिखा कि, “बिना लोकल पुलिस को जानकारी दिए छत्तीसगढ़ पुलिस मेरे घर के बाहर मुझे अरेस्ट करने के लिए खड़ी है,क्या ये क़ानूनन सही है।” अब चूंकि छत्तीसगढ़ पुलिस ने सामान्य प्रक्रिया का पालन नहीं किया था, न ही स्थानीय पुलिस को सूचित किया और न ही वर्दी में रोहित रंजन की गिरफ़्तारी के लिए गए, सारे काम ऐसे खूफिया ढंग से किए गए जैसे किसी आतंकी पर दबिश डालने जा रहे हों। खैर ऐसा करना महान शासन के महान प्रशासन की अवश्य ही बड़ी कूटनीति का हिस्सा होगा जो भाजपा कभी आत्मसात नहीं का पाएगी।

मंगलवार सुबह हुई इस घटना के बारे में बोलते हुए, अभय कुमार मिश्रा, सर्कल ऑफिसर, इंदिरापुरम ने कहा कि “हमें इमारत के निवासियों से शिकायत मिली कि 15-20 लोगों ने सुरक्षा गार्ड का फोन छीन लिया और उसे एक कोने में बैठा दिया। इसके बाद इन लोगों ने रोहित रंजन के घर में घुसने की कोशिश की। हमने एक टीम भेजी जिसने तब पाया कि वे लोग छत्तीसगढ़ पुलिस के हैं। उन्होंने वर्दी नहीं पहनी हुई थी और उनके नाम का टैग नहीं था। कुछ देर बाद नोएडा पुलिस आयी और कहा कि वे रंजन को एक मामले में पूछताछ के लिए ले जाएंगे।”

सेक्टर 20 पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि रंजन से उनके पूर्व सहयोगियों के विरुद्ध शिकायत के संबंध में पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (सार्वजनिक शरारत के लिए अनुकूल बयान – वर्गों के बीच दुश्मनी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

एंकर अमन चोपड़ा पर द्वेषभावना से हुई थी शिकायत

यह कोई नयी बात नहीं थी जब हिम्मती कांग्रेस सरकार ने ऐसे पुलिसिया कार्रवाई कर जोरआजमाइश की है। इस वर्ष अप्रैल-मई माह में न्यूज़ 18 इंडिया के एंकर अमन चोपड़ा पर द्वेषभावना से हुई शिकायत के चक्कर में अशोक गहलोत की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने चोपड़ा के घर भी पुलिस भेजी पर ज़्यादा कुछ कर नहीं पाए। उस समय भी मामला टीवी पर कही बात का ही था, इस बार भले ही संदर्भ में गलती का मामला था जिसके लिए टीवी समेत सार्वजानिक रूप से ज़ी न्यूज़ और स्वयं रोहित रंजन ने भी माफ़ी मांग ली थी पर चूंकि कांग्रेस के चश्मोचिराग के आगे नंबर बनाने थे तो इस बार भूपेश बघेल ने यह ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली और उन्हीं के निर्देश पर राज्य की पुलिस गाजियाबाद कूच कर गयी।

यहां आते ही जो ड्रामा हुआ उसका कोई सानी नहीं था। छत्तीसगढ़ पुलिस के गुंडई वाले रवैये ने खूब फुटेज बटोरी। तानाशाही की भी सीमा को पार करते हुए रोहित रंजन को जबरन गिरफ्तार करने की रणनीति के साथ आए पुलिस कर्मियों ने बदतमीज़ी से लेकर हाथापाई सब की, लेकिन हासिल क्या हुआ? निल बटे सन्नाटा। बड़ी विडंबना की बात है कि देश की वयोवृद्ध पार्टी कांग्रेस और उसके नेता एक मानवीय भूल को न समझकर ऐसे कार्रवाई को आमादा हुए कि अपने दायित्वों को ही भूल गए। अब कभी-कभी यह स्वाभाविक इसलिए भी लगता है क्योंकि यह वही कांग्रेस और कांग्रेसी हैं जिनकी एक समय पर एक ही मालकिन हुआ करती थीं जिनका नाम था इंदिरा गांधी। वो इंदिरा गांधी जो गूंगी गुड़िया कहलाने के साथ-साथ देश में एमरजेंसी लगाने वाली प्रधानमंत्री थीं जिन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्वस्त करने का काम किया था।

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जिस प्रकार एक मानवीय भूल पर कांग्रेस की सरकारें ऐसे आमादा हो गयीं और गुंडई करने वाली पुलिस रोहित रंजन की गिरफ़्तारी के लिए भेज दी, उसके बाद तो भाजपा जिसकी देश में 18 राज्यों में सरकार है उसके हाथ में तो इतना बड़ा तंत्र है, कल को वो पीएम मोदी को गाली देने और मारने की धमकी देने वाले कांग्रेसी नेताओं को जेल में भरने लगी तो जेल कम पड़ जाएंगी क्योंकि संख्या आम नहीं है। शायद यही तंत्र अब भाजपा को कांग्रेस से सीख लेना चाहिए कि परिणाम चाहे कोई भी हो निर्णय लेने चाहिए।

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