राजनीतिक सूचिता को लांघना कोई कांग्रेस पार्टी से सीखे! राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से कुंठा निकालने के लिए उनके बच्चों पर निशाना साधना कोई कांग्रेस से सीखे! चुनाव जीतने के अलावा इधर-उधर के हर काम में निपुणता हासिल करना कोई कांग्रेस से सीखे! यह सब यूंही नहीं कहा जा रहा है इसके पीछे वो तुच्छ मानसिकता है जिसका परिचय हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और प्रवक्ताओं ने दिया है। इस बार सभी सीमाओं को लांघते हुए कांग्रेस ने उनसे पंगा मोल ले लिया है जो 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेसियों के चश्मोचिराग पर भारी पड़ी थी। कांग्रेसियों ने स्मृति ईरानी की बेटी का नाम गोवा के एक बार से जोड़कर उनपर कई तरह के संगीन आरोप लगा दिए लेकिन अब स्मृति ईरानी ने इस मामले पर अपने सख्त कदम से इतना तो स्पष्ट कर दिया है कि वो इस मामले को ऐसे ही नहीं जाने देने वाली हैं।
ईरानी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है और कोर्ट में इसका जवाब देने की बात कही है। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेताओं पवन खेड़ा, जयराम रमेश, नेता डिसूजा और पार्टी को कानूनी नोटिस भी भेजा है जिसमें उनसे बिना शर्त लिखित माफी मांगने को कहा गया है। इसके साथ उनसे आरोपों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने के लिए कहा गया है।
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जानें क्या है सच्चाई?
दरअसल, कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि अवैध बार स्मृति ईरानी की बेटी जोइश ईरानी द्वारा चलाया जा रहा है लेकिन उनके इस दावे में कहीं से कोई सच्चाई नहीं है। जोइश ईरानी स्मृति ईरानी की छोटी बेटी हैं। उनका जन्म सितंबर 2003 में हुआ था। जोइश कराटे में ब्लैक बेल्ट हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल अपने नाम किए हैं। जोइश 18 वर्ष की हैं और कॉलेज के प्रथम वर्ष में पढ़ती हैं। इसके अलावा वह शेफ बनना चाहती हैं। उन्होंने पाक कला सीखने के लिए विभिन्न रेस्तराओं में काम किया है। ऐसे ही 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने गोवा के एक रेस्तरां में इंटर्नशिप की थी। ऐसे में स्मृति ईरानी की बेटी पर बिना किसी ठोस सुबूत के ऐसा अनर्गल आरोप लगाना, कांग्रेस की विकृत मानसिकता को प्रदर्शित करता है। भारत की राजनीति में चल रहे भाई-भतीजावाद के इतर अगर जोइश ईरानी अपने पैर पर खड़ा होने का प्रयास कर रही हैं तो इसमें गलत क्या है? वैसे भी कांग्रेसियों के सामान्य ज्ञान के लिए उन्हें बता दें कि किसी भी जगह पर काम करने वाला ‘इंटर्न’ वहां का मालिक नहीं होता।
ध्यान देने वाली बात है कि पिछले महीने यानी जून 2022 में ‘विवादित’ रेस्टोरेंट के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए एक आवेदन किया गया, जिसे रेस्टोरेंट के मालिक एंथनी डी गामा के कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा किया गया था। दरअसल, एंथनी डी गामा का मृत्यु पिछले साल मई में ही हो गई थी और इसी रेस्टोरेंट से जोइश ने इंटर्नशिप की थी। ऐसे में कांग्रेसियों के लिए स्मृति ईरानी की बेटी को निशाना बनाने का एक आसान अवसर मिल गया और बिना जांच पड़ताल किए कांग्रेस नेताओं ने ऐसे घिनौने आरोप जड़ दिए।
कांग्रेसियों ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है
आपको बता दें कि कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप पर स्मृति ईरानी की बेटी के वकील किरत नागरा ने एक बयान जारी किया और कहा कि उनका मुवक्किल न तो मालिक है और न ही सिली सोल्स गोवा नामक रेस्तरां का संचालन करती हैं और उसे किसी से कोई कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है। नागरा ने कहा कि हमारे मुवक्किल की मां, प्रसिद्ध राजनेता स्मृति ईरानी की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे विभिन्न दुष्प्रचारकों द्वारा विभिन्न “गलत, तुच्छ, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक सोशल मीडिया पोस्ट किए जा रहे हैं, जिनमें प्रत्येक पोस्ट झूठ पर आधारित हैं।”
उसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी स्वयं बाहर आईं और प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी बात रखते हुए सभी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उनकी बेटी का कैरेक्टर असैसिनेशन किया है। ईरानी ने कहा, नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 5,000 करोड़ रुपये की लूट पर मेरे मुखर रुख के चलते मेरी बेटी को ऐसे झूठे केस में फंसाया जा रहा। कांग्रेस वाले गलत, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट किए जा रहे हैं, वह स्मृति ईरानी की बेटी है इसलिए राजनीतिक स्वार्थ साधने की कोशिश कर रहे हैं।
स्मृति ईरानी ने चुनौती देते हुए कहा कि उसकी (स्मृति की बेटी) गलती यह है कि उसकी मां ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। ईरानी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि मैं राहुल गांधी को 2024 में फिर से अमेठी लोकसभा सीट से लड़ने की चुनौती देती हूं और वादा करती हूं कि वह फिर से हारेंगे।
सारगर्भित बात यही है कि कांग्रेस की वर्ष 2019 वाली हार की कुंठा आजतक शांत नहीं हुई है उसका बदला कांग्रेस नेता अब स्मृति ईरानी की बेटी पर अनर्गल आरोप लगाकर निकाल रहे हैं जिसका पर्दाफाश भी हो गया है। जिस प्रकार स्मृति ईरानी ने कोर्ट में सामना करने की बात की है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पवन खेड़ा और कांग्रेस का हाल अरविंद केजरीवाल जैसा न हो जाए कि पहले आरोप लगा दिए, पुष्टि न होने पर मानहानि के मुक़दमे से बचने के लिए अंत में लिखित माफ़ी मांग ली। हालांकि, केंद्रीय मंत्री के एक्शन से यह तो स्पष्ट हो गया है कि इस बार स्मृति ईरानी इन्हें कहीं का नहीं छोड़ने वाली!
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