बेरोज़गारी की सबसे बड़ी मार जिस तबके को पड़ी है वो है तथाकथित पत्रकारों का वो कुनबा जो 2014 तक सरकार की आलोचना की जगह उसका महिमामंडन किया करता था। अनेकानेक घोटालों पर चुप्पी साधे हुए यह पत्रकार 2014 के बाद चैनल छोड़ भागते चले गए, फिर चाहे इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर रहे अजीत अंजुम हों, NDTV के अभिसार शर्मा हों, ऐसे तमाम नाम हैं जो सुधीर चौधरी के ज़ी न्यूज़ छोड़ आज तक में जाने से बिलबिला उठे हैं और सामान्य सुचिता को भी बरकरार रखने में यह सभी नाकाम रहे हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे सुधीर चौधरी की आज तक में एंट्री ने वामपंथियों के गुट को झकझोर कर रख दिया है।
और पढ़ें- अजीत अंजुम: भाजपा विरोधियों की तलाश में अपनी भद पिटवाने वाले एक बेरोजगार पत्रकार
कुछ लोग दुख से बिलबिला रहे हैं
दरअसल, जी मीडिया के पूर्व सीईओ और प्रधान संपादक सुधीर चौधरी आज तक में सलाहकार संपादक के रूप में समूह से जुड़ गए हैं। सुधीर चौधरी और आज तक अपने 10 करोड़ दर्शकों के लिए उनके द्वारा एंकर किया गया एक नया शो लाने के लिए सहयोग करेंगे। यह शो न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद की देखरेख में होगा। टीवी टुडे के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए, इंडिया टुडे ग्रुप के वाइस-चेयरपर्सन कली पुरी ने कहा, “सुधीर चौधरी को आखिरी बार ज़ी न्यूज़ पर पुरस्कार विजेता, बेहद आकर्षक, टीआरपी रिकॉर्ड-सेटिंग शो डीएनए में देखा गया था। सोशल मीडिया पर उनकी सबसे बड़ी फॉलोइंग है।”
उनकी इस नयी यात्रा पर जितना उनके प्रशंसक खुश हैं, उसके विपरीत कुछ बहुत दुखी भी थे। यह दुखियारी आत्मा वो थे जिन्हें मेनस्ट्रीम की रेवड़ी मिलना 2014 में ही बंद हो गया था अर्थात बेरोज़गारी का ऐसा आलम की नया रोजगार तलाशने के लिए इन सभी को YouTube पर आना पड़ा।
इनमें सबसे प्रमुख रुदाली राग गाने वाले थे, अजीत अंजुम जिन्होंने सुधीर चौधरी के आज तक पहुंचने की खबर सुनते ही ट्विटर पर चिंघाड़ना शुरू कर दिया। रोयें भी क्यों न, जो सुधीर उनसे जूनियर रहे वो जी के सीईओ से एडिटर इन चीफ जैसे पदों पर रहने के बाद अब देश के सबसे प्रख्यात चैनल आज तक से जुड़ गए हैं। ऐसे में उनके लिए इससे बड़ा त्रास क्या ही होगा। अपना रोना रोते हुए अजीत अंजुम ने एक के बाद एक थ्रेड के नाम ट्विटर पर पूरी कथा ही लिख दी।
और पढ़ें- शिमला समझौता: एक ऐसा जख्म जिससे आज तक उबर नहीं पाया भारत
अजीत करने लगे एक के बाद एक ट्वीट
अजीत ने लिखा कि, ‘वसूली चौधरी’ के स्टिंग का टेप आज तक के ऑफिस में ही टीवी संपादकों की मीटिंग में देखा गया था। राहुल कंवल समेत तीन संपादकों की कमेटी ने तय पाया कि ये सीधे-सीधे ब्लैकमेलिंग का मामला है। हर हाल में वसूली चौधरी को संपादकों की संस्था से निकाला जाना चाहिए। उसी आज तक में पालकी से उतरे हैं।”
'वसूली चौधरी' के स्टिंग का टेप आजतक के ऑफिस में ही टीवी संपादकों की मीटिंग में देखा गया था.राहुल कंवल समेत तीन संपादकों की कमेटी ने तय पाया कि ये सीधे सीधे ब्लैकमेलिंग का मामला है.हर हाल में वसूली चौधरी को संपादकों की संस्था से निकाला जाना चाहिए.
उसी आजतक में पालकी से उतरे हैं.— Ajit Anjum (@ajitanjum) July 11, 2022
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा- “सौ करोड़ के स्टिंग में जब ये वसूली चौधरी पकड़ा गया तो BEA की एक मीटिंग बुलाई गई. उस मीटिंग में सब लोग बहुत उत्तेजित थे .ये बेशर्म आदमी कभी कह रहा था कि हमने स्टिंग के लिए जिंदल के आदमी को बुलाया था ,कभी कह रहा था बिजनेस के लिए लोग बात करते ही हैं .इसकी बेशर्मी पर सभी हैरान थे.”
सौ करोड़ के स्टिंग में जब ये वसूली चौधरी पकड़ा गया तो BEA की एक मीटिंग बुलाई गई . उस मीटिंग में सब लोग बहुत उत्तेजित थे .ये बेशर्म आदमी कभी कह रहा था कि हमने स्टिंग के लिए जिंदल के आदमी को बुलाया था ,कभी कह रहा था बिजनेस के लिए लोग बात करते ही हैं .इसकी बेशर्मी पर सभी हैरान थे.
— Ajit Anjum (@ajitanjum) July 11, 2022
अगले ट्वीट में लिखा- “स्टिंग में इसके पकड़े जाने के बाद टीवी संपादकों की संस्था BEA की ये पहली मीटिंग थी . न्यूज़ 24 के दफ्तर में हुई मीटिंग में आज तक के संपादकों के साथ साथ आठ – दस चैनल के संपादक थे . वसूली चौधरी को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था। सब हैरान हो गए इसकी दलीलें सुनकर.”
अजीत ने आगे लिखा कि- “फिर तय हुआ कि तीन संपादकों की एक कमेटी बना दी जाए. एनके सिंह, दिबांग और राहुल कंवल कमेटी के सदस्य बने . फिर दो मीटिंग आज तक के ही दफ्तर में हुई. टेप देखकर कमेटी ने पाया कि 100 करोड़ मांगे जा रहे हैं. कोई IF AND BUT नहीं है. इसे BEA से निकाला जाना चाहिए .”
उन्होंने लिखा कि “वसूली चौधरी का पक्ष जानने के लिए NEWS 24 में हुई पहली बैठक में अर्नब भी आए थे.अर्नब समेत सबकी साफ राय थी कि ये साफ तौर पर ब्लैकमेलिंग का मामला है .आखिरी और चौथी बैठक भी NEWS 24 में ही हुई थी. आज तक के संपादकों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से ये फैसला हुआ कि इसे BEA से बाहर किया जाए.”
आगे कहा कि “मुझे इस आदमी की बेशर्म दलीलें आज भी याद है . कभी कुछ. कभी कुछ. जब एक बार इसने कहा कि वो हमें पैसे ऑफर कर रहे थे इसलिए हमने उनका स्टिंग करने के लिए बुलाया था .तब हम सबने कहा कि फिर दिखाओ वो फुटेज. आपके पास होना चाहिए फुटेज .तब ये कुछ और कहानी बताने लगा था. अर्नब से नोंकझोंक भी हुई।”
मुझे इस आदमी की बेशर्म दलीलें आज भी याद है . कभी कुछ .कभी कुछ.
जब एक बार इसने कहा कि वो हमें पैसे ऑफर कर रहे थे इसलिए हमने उनका स्टिंग करने के लिए बुलाया था .तब हम सबने कहा कि फिर दिखाओ वो फुटेज.आपके पास होना चाहिए फुटेज .तब ये कुछ और कहानी बताने लगा था .अर्नब से नोंकझोंक भी हुई— Ajit Anjum (@ajitanjum) July 11, 2022
अपनी पत्रकारिता के दौरान केवल एजेंडा धारी बनकर उभरे अजीत अंजुम लिखते ऐसे हैं जैसे स्वयं महाराजाधिराज हरिश्चंद्र के अनुयायी हों।
अगला नंबर है अभिसार शर्मा का जो स्वयं तो पत्रकारिता में पिटे ही और उसकी कुंठा अब वीडियो बनाकर निकालते हैं। सुधीर चौधरी के आज तक जाने से अगला दुःख इन्हें हुआ। जब पहले इन्होंने अजीत अंजुम का ट्वीट रीट्वीट किया और बाद में सुधीर चौधरी से जुड़े पुराने मामलों को संदर्भित कतरे हुए उन्हें “तिहाड़ रिटर्न पत्रकार” के नाम से संबोधित करते दिखे। यह तब है जब खुद के तार चीन की फंडिंग से संचालित ‘न्यूजक्लिक’ से जुड़े हैं। ज्ञात हो कि, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने वर्ष 2021 में कहा था कि मीडिया पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच से पता चला है कि मीडिया आउटलेट के प्रमोटरों को उन संस्थाओं से लगभग 38 करोड़ रुपये मिले, जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी हो सकती हैं।”
अगला नंबर उस न्यूज़लॉन्ड्री जैसे निकृष्ट संस्थान का है जो ग्राउंड रिपोर्टिंग के नाम पर अपने एजेंडे को पोषित करता आया है। पब्लिक ओपिनियन को काटकर अपने चैनल पर संचालित करने वाला न्यूज़लॉन्ड्री ज्ञान बिखेरता है तो हंसी आती है। न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने अजीत अंजुम के उसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि “तिहाड़ शिरोमणि आज तक से जुड़ गए हैं। इस मौके पर शिरोमणि के कारनामे का यह थ्रेड पढ़ा जाय।”
तिहाड़ शिरोमणि आज तक से जुड़ गए हैं। इस मौके पर शिरोमणि के कारनामे का यह थ्रेड पढ़ा जाय। https://t.co/mNWK3lAw04
— Atul Chaurasia (@BeechBazar) July 11, 2022
अपनी कुंठा व्यक्त करते हुए एक टैक जर्नलिस्ट @baxiabhishek ने लिखा कि, “सुधीर चौधरी ने ‘अपना उद्यम शुरू करने’ के लिए ज़ी न्यूज़ छोड़ दिया और फिर आज तक में शामिल हो गए। ये आदमी व्यक्तिगत जानकारी भी गलत देता है। आदत से मजबूर।”
Sudhir Chaudhary quit Zee News to 'start his own enterprise'… and then joined Aaj Tak.
Ye aadmi personal information bhi galat deta hai. Aadat se majboor.
— Abhishek Baxi (@baxiabhishek) July 11, 2022
न्यूज़लॉन्ड्री की एक और तथाकथित सच्चाई की मूरत, कार्यकारी संपादक, मनीषा पांडे ने लिखा कि, “‘एलेक्सा, आएगा तो मोदी ही’ ज़ी न्यूज़ पर सुधीर चौधरी द्वारा बोले गए सच्चे शब्द। जैसे ही एंकर आज तक की ओर बढ़ रहा है, पेश है उनकी कुछ बेहतरीन तस्वीरें।
'Alexa, aaega toh Modi hi' ~ true words uttered by Sudhir Chaudhary on Zee News.
As the anchor moves on to Aaj Tak, here's looking at some of his greatest. Full list: https://t.co/0Mu5z2cTJr pic.twitter.com/pGRuV6vY0D
— Manisha Pande (@MnshaP) July 11, 2022
इसके माध्यम से न्यूज़लॉन्ड्री वही कट-पेस्ट पत्रकारिता कर अपने एजेंडे को चलाना चाह रहा था। उक्त सभी कथनों से यह प्रतीत हो रहा है कि, सूप बोले तो बोलो छन्नी भी बोले, जा में 72 छेद, यह सभी एजेंडाधारी सुधीर चौधरी की पदोन्नति से ऐसे बिफरते हैं जैसे बारात में आए रूठे हुए फूफा हों।
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।