‘हम सावरकर की औलादों से नहीं डरते’, अरविंद केजरीवाल AAP ने ग़लत आदमी से पंगा ले लिया

सावरकर का अपमान करके केजरीवाल ने अपने राजनीतिक करियर को ख़त्म करने का ऐलान कर दिया है !

kejriwaal

Source- Google

कभी-कभी कुछ कहने से बेहतर होता है चुप रहना लेकिन आम आदमी पार्टी और उसके इकलौते चश्मोचिराग अरविंद केजरीवाल को ये बात न कल समझ आई थी, न आज आई है और न आगे आएगी। जिस बात की सही तरह जानकारी न हो उसके बारे में मुंह खोल अनर्गल ज्ञान बांटना एक मूर्ख व्यक्ति की निशानी होती है। लेकिन कौन समझाए केजरीवाल जी को जो भाजपा के विरोध में इतने अंधे हो जाते हैं कि किसी को भी कुछ भी बक देते हैं, उसके पीछे की असलियत और सत्य को जानने में केजरीवाल जी को न कल रूचि थी, न आज है और न आगे रहेगी। “हम सावरकर की औलाद से नहीं डरते” कहने वाले केजरीवाल इसलिए आप कभी भी राष्ट्रीय पार्टी के स्तर तक नहीं पहुँच सकते।

दरअसल, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर जांच की तलवार लटकने के साथ ही उनपर जेल और गिरफ़्तारी का भी साया मंडरा रहा है। इसपर पार्टी के सर्वेसर्वा, दिल्ली के स्वघोषित कथित मालिक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले से ही रोना शुरू कर दिया। यह तब है जब अभी तक गिरफ़्तारी का “ग’ भी नहीं हुआ है। बता दें, शुक्रवार को, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की 2021-22 की नई आबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। उपराज्यपाल के अनुसार इस आबकारी नीति को स्थापित करने का एकमात्र उद्देश्य सरकार में व्यक्तियों के वित्तीय लाभ के लिए निजी शराब बैरन को लाभ पहुंचाना था, जिससे सिसोदिया को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, कार्यों का वर्णन करते हुए, सक्सेना ने कहा कि “आबकारी विभाग के प्रभारी मंत्री, मनीष सिसोदिया ने वैधानिक प्रावधानों और अधिसूचित आबकारी नीति के उल्लंघन में बड़े वित्तीय प्रभाव वाले बड़े निर्णय / कार्यों को लिया और निष्पादित किया।”

और पढ़ें: आखिरकार केजरीवाल ने सिसोदिया को फंसवा ही दिया, 144 करोड़ के घोटाले में CBI कर सकती है जांच

सारी मर्यादा को लांघ दिये केजरीवाल

इसी बाबत सिसोदिया पर जांच की आंच आई और अनुमान लगाया जाने लगा कि सत्येंद्र जैन के बाद सरकार की सबसे बड़ी मछली सिसोदिया के जेल जाने का समय आ गया है। इसी के परिणामस्वरुप अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए और एलजी द्वारा दिए गए आदेश को भाजपा और केन्द्र सरकार से जोड़ दिया। यहाँ तक तो ठीक था पर तभी मर्यादा लांघ कर केजरीवाल ने कहा कि वे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक फर्जी मामला बना रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया को अपनी ओर से तो सत्यवादी कह ही दिया है, उन्होंने कहा कि, ”जेल से हमें डर नहीं लगता। तुम सावरकर की औलदा हो, तुम लोग सावरकर की औलाद हो, जिसने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। हम भगत सिंह की औलाद हैं, हम भगत सिंह को अपना आदर्श मानते हैं, जिसने अंग्रेजों के सामने झुकने से मना कर दिया और फांसी पर लटक गए। हमें जेल और फांसी से डर नहीं लगता। कई बार जेल हो आए हैं।”

सीएम की प्रतिक्रिया दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति, 2021-22, नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद आई है। रिपोर्ट में शराब माफिया को 144 करोड़ रुपये का फायदा देने का भी जिक्र है। अब इन महान सीएम केजरीवाल को कौन समझाए कि जिस महानसपूत वीर सावरकर को अपनी ओछी राजनीति में घृणित रूप से संदर्भित कर रहे हैं, भगत सिंह उन्हें वीर सावरकर के प्रशंसक और अनुयायी हुआ करते थे।

और पढ़ें: केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया कि वो बस एक मेयर हैं?

पूजनीय लोगो की छवि को धूमिल करते केजरीवाल

शहीद-ए-आजम भगत सिंह के मन में सावरकर के देशप्रेम और उनके विचारों को लेकर कितनी श्रद्धा दी इस बात को भगत सिंह के लिखे एक लेख के माध्यम से आज भी हम समझ सकते हैं। भगत सिंह ने “विश्व प्रेम” नाम के लेख में, जो 15 और 22 नवंबर, 1924 के “मतवाला” अंक में दो बार प्रकाशित हो चुका है, जिसमें भगत सिंह, सावरकर के विषय में लिखते हैं- “विश्वप्रेमी वह वीर है जिसे भीषण विप्लववादी, कट्टर अराजकतावादी कहने में हम लोग तनिक भी लज्जा नही समझते, वही वीर सावरकर। विश्वप्रेम की तरंग में आकर घास पर चलते-चलते रुक जाते कि कोमल घास पैरों तले मसली जायेगी।”

जिस आदरभाव के साथ भगत सिंह सावरकर को पूजते थे और उनके प्रति एक सम्मान भाव रखते थे, केजरीवाल जैसे लोभी नेता उस भाव को धूमिल करने का काम करते हैं। यह किसकी औलाद हैं किसकी नहीं यह जनता को जानने में कोई रूचि नहीं है पर वास्तव में वीर सावरकर के प्रति भगत सिंह का क्या भाव था वो केजरीवाल उनके साथियों को छोड़ समूचे देश को पता है। अरविंद केजरीवाल के इन्हीं कर्मों के चक्कर में वो अब आजीवन अपनी आम आदमी पार्टी को “राष्ट्रीय पार्टी” बनाने के स्वप्न को पूरा नहीं कर पाएंगे क्योंकि इस देश के लिए वीर सावरकर और भगत सिंह की महत्ता उतनी ही है जितनी अन्य किसी स्वतंत्रता सेनानी के लिए है। वे सब कल भी पूजनीय थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे।

और पढ़ें: अब लंबा नपेगा केजरीवाल का चेला अमानतुल्लाह खान, CBI चलाने जा रही है मुकदमा

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की राइटविचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

 

Exit mobile version