चीन दुनिया का सबसे बेकार, कपटी और धूर्त राष्ट्र है. दुनिया के कई देशों को वह अपनी धूर्तता का शिकार बना चुका है. बीते कुछ समय से चीन द्वारा साइबर अटैक की खबरें भी थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं. इसी बीच भारत सरकार ने चीन निर्मित लोकप्रिय मीडिया प्लेयर वीएलसी मीडिया प्लेयर को भारत में प्रतिबंधित कर दिया है. कंपनी ने अब इसकी पुष्टि की है. वीडियोलैन के अध्यक्ष ने भी प्रतिबंध रिपोर्ट को स्वीकार किया है और कहा है कि मीडिया प्लेयर कुछ आईएसपी पर काम कर रहा है लेकिन दूसरों पर नहीं.
ध्यान देने वाली बात है कि वीएलसी मीडिया प्लेयर वीडियोलैन प्रोजेक्ट द्वारा विकसित एक स्वतंत्र, पोर्टेबल, क्रॉस-प्लेटफॉर्म मीडिया प्लेयर सॉफ्टवेयर और स्ट्रीमिंग मीडिया सर्वर है. VLC डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम और मोबाइल प्लेटफॉर्म जैसे Android, iOS और iPadOS के लिए उपलब्ध है. वीएलसी मीडिया प्लेयर की वेबसाइट कई प्लेटफार्म में सबसे लोकप्रिय मीडिया प्लेयर में से एक है.
वीएलसी मीडिया प्लेयर पर भारत में क्यों लगाया प्रतिबंध?
हालांकि, वीएलसी मीडिया प्लेयर पर महीनों पहले ही भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन आधिकारिक तौर पर वीडियोलैन के डेवलपर ने उस प्रतिबंध की पुष्टि अब की है. प्रतिबंध के पीछे का आधिकारिक कारण अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन कुछ रिपोर्ट से पता चलता है कि वीएलसी मीडिया प्लेयर को देश में इसलिए प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल चीन समर्थित हैकिंग समूह सिकाडा द्वारा भारत पर साइबर हमलों के लिए किया गया था. कुछ महीने पहले, भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों ने पाया कि सिकाडा लंबे समय से अपने साइबर हमले अभियान के चलते वीएलसी मीडिया प्लेयर का इस्तेमाल करते हुए एक मैलवेयर लोडर को फैला रहा था.
VLC प्लेयर के निर्माता VideoLAN क्या कह रहे हैं?
वीडियोलैन ने बताया कि मीडिया प्लेयर को भारत में 13 फरवरी को प्रतिबंधित कर दिया गया था. हालांकि, कंपनी ने प्रतिबंध के पीछे कोई कारण नहीं बताया. आपको बता दें कि वीडियोलैन ट्विटर पर भारत में लोगों से सहायता मांग रहा है क्योंकि कंपनी को इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले वीएलसी मीडिया प्लेयर को अचानक प्रतिबंधित क्यों कर दिया गया है.
If you are in India, please help us. https://t.co/rOpIjlx0q9
— VideoLAN (@videolan) August 12, 2022
क्या कह रही है भारत सरकार?
भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर मीडिया प्लेयर पर प्रतिबंध लगाने के कारण का खुलासा नहीं किया है. हालांकि, वेबसाइट पर यह दिख रहा है कि “आईटी अधिनियम, 2000 के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश के अनुसार वेबसाइट को अवरुद्ध कर दिया गया है.” यह अधिनियम भारत में साइबर अपराध और इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स से संबंधित प्राथमिक कानून से संबंधित है.
और पढ़ें: ‘साइबर जिहाद’ से लड़ने के लिए तैयार है भारत, अमित शाह ने किया ऐलान
यह मीडिया प्लेयर भारत में अभी भी कुछ ISP पर काम कर रहा है लेकिन कुछ के लिए यह अनुपलब्ध है. हाल ही में एक टिप्पणी में कंपनी के अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें कोई अनुमान नहीं कि भारत सरकार ने क्यों वीएलसी पर प्रतिबन्ध लगा दिया है और न ही सरकार की ओर से कोई आधिकारिक उत्तर आया है. उनका कहना था कि “हमने भारत सरकार से इस विषय में पूछा है और हमें कोई जवाब नहीं मिला. सबसे अजीब बात यह है कि कुछ आईएसपी इसे रोक रहे हैं और कुछ नहीं. तो ऐसा क्यों है? क्या कुछ ISP सरकार की नहीं सुन रहे हैं? वीएलसी और वीडियोलैन काफी अराजनैतिक हैं (हम केवल डीआरएम के खिलाफ और ओपन सोर्स के लिए लड़ते हैं) और वीएलसी एक शुद्ध उपकरण है.”
आपको बताते चलें कि साइबर अटैक इस दौर में किसी भी देश के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है. भारत भी इस ख़तरे से निरंतर जूझ रहा है. इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस तरह के हमलों की तीव्रता और मात्रा में तेजी से वृद्धि होने वाली है. ऑनलाइन दुनिया में व्यक्तियों की बढ़ती ऑनलाइन उपस्थिति के साथ यह और अधिक सुविधाजनक होता जा रहा है. भारत बहुत लंबे समय से आतंकी हमलों का सामना कर रहा है और दूसरी ओर चीन की हरकतों को तो पूरी दुनिया देख रही है. ऐसे में भारत सरकार की ओर से चीन पर कड़ा प्रहार करते हुए वीएलसी को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।