सिसोदिया को भाजपा ने दिया था मुख्यमंत्री का ऑफ़र, बस यह ‘अलग स्थान’ पर हुआ था

सिसोदिया के आरोप बिलकुल सही हैं, TFI की EXPLOSIVE रिपोर्ट।

Manish Sisodia

Source- TFI

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नंबर दो मनीष सिसोदिया को भारतीय जनता पार्टी ने तोड़ने की कोशिश की, आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में आने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद भी ऑफर किया गया, आप यह जानकर चौंक गए होंगे लेकिन यही सच है. भाजपा को हम सभी पसंद करते हैं, भाजपा के लिए हम सभी मतदान भी करते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी को हम सभी ने सिर-आंखों पर बिठाया लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी ऐसा करती है तो उसका विश्लेषण करना भी हमारे लिए आवश्यक हो जाता है. आइए विस्तार से समझते हैं!

तारीख- 22 जून, 2022

जगह- पटपड़गंज, पूर्वी दिल्ली

समय- 3 बजकर 22 मिनट

अपने घर में मनीष सिसोदिया लेटे-लेटे अपनी पसंदीदा फिल्म ‘रूप की रानी, चोरों का राजा’ देख रहे हैं, तभी उनका फ़ोन बजता है-

मनीष सिसोदिया: हैलो!

अज्ञात: नमस्कार सिसोदिया जी, कैसे हैं आप?

सिसोदिया: मैं बढ़िया हूं. आपका परिचय.

अज्ञात: मेरा परिचय छोड़िए सिसोदिया जी, जो मैं कह रहा हूं वो ध्यान से सुनिए.

सिसोदिया: बताइए, क्या कह रहे हैं- मैं मीटिंग में हूं.

अज्ञात: सिसोदिया जी, मुझे पता है आप कहां हैं और क्या कर रहे हैं, इसलिए अब ध्यान से सुनिए.

सिसोदिया: जी

अज्ञात: सिसोदिया जी, आपने दिल्ली में कमाल कर दिया. मतलब शिक्षा के क्षेत्र में जो आपने प्रचार किया है, उसके चर्चे तो न्यूयॉर्क तक हैं.

सिसोदिया: बहुत-बहुत धन्यवाद आपका, लेकिन हमने प्रचार ही नहीं काम भी किया है.

अज्ञात: बिल्कुल सिसोदिया जी, आपने ही काम किया है. दिल्ली की सरकार आप ही चला रहे हैं, केजरीवाल तो बस कागजों में मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री का वास्तविक काम तो आप ही कर रहे हैं. कोई भी मंत्री हटता है तो उसकी जिम्मेदारी आप ले लेते हैं. जैसे ही सत्येंद्र जैन को ED ने जेल में डाला, स्वास्थ्य विभाग भी आपके पास आ गया यानी आपकी मेहनत से कोई अपरिचित नहीं है.

सिसोदिया: जी, बहुत-बहुत धन्यवाद.

अज्ञात: सिसोदिया जी, जब मुख्यमंत्री का वास्तविक काम आप कर ही रहे हैं, मेहनत इतनी कर ही रहे हैं तो उपमुख्यमंत्री बनकर ही क्यों रह गए हैं. आपको तो मुख्यमंत्री होना चाहिए.

सिसोदिया: बहुत-बहुत धन्यवाद आपका, लेकिन मुख्यमंत्री तो केजरीवाल जी हैं.

अज्ञात: सिसोदिया जी, आज केजरीवाल हैं, कल आप हो सकते हैं. राजनीति को तो आप जानते ही हैं, यहां कुछ भी हो सकता है. महाराष्ट्र में जो हुआ वो भी आपने देखा. उद्धव ठाकरे, ठाकरे ही बनकर रह गए, शिंदे मुख्यमंत्री बन गए. हम मुख्यमंत्री बनाते हैं, हम दिल्ली में एक शिंदे ढूंढ रहे हैं.

सिसोदिया: अच्छा, तो आप भाजपा से बोल रहे हैं.

अज्ञात: कहां से बोल रहे हैं वो छोड़िए सिसोदिया जी, ऑफर बिल्कुल सीधा है. मुख्यमंत्री का पद आपका, सरकार हमारी.

सिसोदिया: आपका जो भी नाम हो, आप जानते नहीं मैं सिसोदिया हूं, मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूं, मैं राजपूत हूं, मैं बिकूंगा नहीं…

अज्ञात: सिसोदिया जी, सुनिए तो!

सिसोदिया: कुछ नहीं सुनना मुझे. भाजपा मुझे खरीदना चाहती है लेकिन वो नहीं जानती कि मैं केजरीवाल का आपिया हूं. आपिया का मतलब जानते हैं आप? आपिया यानी केजरीवाल का चेला, केजरीवाल का आदेश ही मेरे लिए सर्वोपरि है.

अज्ञात: सिसोदिया जी, लेकिन केजरीवाल ने तो आपको क्लर्क बना कर रख दिया है.

सिसोदिया: मुझे क्लर्क ही रहना है. आप मेरे और केजरीवाल के बारे में कुछ नहीं जानते. केजरीवाल को मैंने अपना गुरु माना है, अपना राजनीतिक गुरु. मैं उनके साथ कभी गद्दारी नहीं करूंगा, मैं उन्हें कभी धोखा नहीं दूंगा, मैं उनका हूं, वो मेरे हैं, हम दोनों एक-दूसरे के हैं.

अज्ञात: वो तो ठीक है सिसोदिया जी लेकिन…

सिसोदिया: लेकिन-वेकिन कुछ नहीं, तुम भाजपा वाले तो बड़ी हिंदुत्व की बात करते हो, तुम नहीं जानते क्या कि हमारी संस्कृति में गुरु का क्या स्थान है- ये श्लोक कभी सुना है आपने-

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:

गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः

अज्ञात: सिसोदिया जी, तो आप यह ऑफ़र अस्वीकार कर रहे हैं?

सिसोदिया: अस्वीकार नहीं कर रहा हूं बल्कि मैं सीधे और स्पष्ट शब्दों में कहता हूं कि इस ऑफर को मैं चीमटे की नोक से भी नहीं छूऊंगा.

इतना कहने के बाद मनीष सिसोदिया फोन काट देते हैं.

आपने ऊपर जो भी पढ़ा यह पूरी तरह से सच है, ऐसा हुआ है लेकिन अब एक सवाल है कि इसका प्रमाण क्या है? अगर भाजपा की ओर से मनीष सिसोदिया के पास कॉल की गई थी, सिसोदिया को ऑफर दिया था तो फिर सिसोदिया के पास उसकी रिकॉर्डिंग भी होनी चाहिए. बिल्कुल, क्योंकि आम आदमी पार्टी वाले तो वो लोग हैं जिन्हें अंबानी के अकाउंट में दशमलव के बाद की रकम भी पता होती है, ये वो लोग हैं- जिन्हें स्विस बैंक में किसका कितना पैसा जमा है पता होता है, ये वो लोग हैं- जो ऑडियो रिकॉर्डिंग- वीडियो रिकॉर्डिंग दिखा-दिखाकर सत्ता में आए हैं, ऐसे में यह तो हो ही नहीं सकता कि कॉल आया हो और सिसोदिया ने रिकॉर्ड न किया हो, लेकिन मनीष सिसोदिया कॉल रिकॉर्डिंग सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं. अब आपके मस्तिष्क में सवाल उठ रहा होगा कि कॉल रिकॉर्डिंग नहीं तो फिर सिसोदिया वो नंबर ही जारी कर दें, जिस नंबर से उन्हें मुख्यमंत्री पद ऑफर किया गया था लेकिन सिसोदिया वो भी नहीं कर रहे हैं. मतलब कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं.

अब हम आपको बताते हैं कि सिसोदिया को भाजपा ने मुख्यमंत्री बनने का ऑफ़र कहां दिया था? दरअसल, मनुष्य के शरीर में सबसे ताकतवर उसका मस्तिष्क होता है और यहीं पर भाजपा ने सिसोदिया को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया था यानी कि सिसोदिया के मस्तिष्क में. जी हां, ऐसा होता है, बिल्कुल होता है. कई बार मनुष्य जब एक ही बात को सोचता रहता है, बार-बार सोचता रहता है तो उसे प्रतीत होने लगता है कि वही सच है और सिसोदिया के साथ भी यही हुआ. उन्होंने शिंदे बनने की बात इतनी बार सोची कि वो उन्हें सत्य प्रतीत होने लगी यानी कि यह सब हुआ तो है लेकिन मनीष सिसोदिया के मस्तिष्क में ही हुआ है वास्तविक संसार में नहीं हुआ. इसीलिए सिसोदिया के पास कोई प्रमाण नहीं है, सिसोदिया हवा में कुछ भी फेंक रहे हैं लेकिन उन्हें समझना पड़ेगा कि इस देश की जनता इस झूठ की राजनीति को बहुत बुरी तरह से नकारती आ रही है.

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