काम बोलता है, यह कथन एकदम सत्य है। वर्ष 2014 के बाद से मोदी सरकार में जिस मंत्रालय के काम की चर्चा सबसे ऊपर रही वो था केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जिसकी बाग़डोर नितिन जयराम गडकरी के पास है। पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में लगभग हर बडे चेहरे को बदलते देखा गया, मंत्रालय इधर से उधर बदलते देखा गया पर एक नेता जिसको जस का तस वही मंत्रालय दिया जाता रहा वो नितिन गडकरी का यही मंत्रालय था। राजमार्गों में आमूलचूल परिवर्तन करने गाँवों से बड़े बड़े हाईवे पहुंचाने के बाद अब गडकरी का अगला पायलट प्रोजेक्ट वो है जिससे जनता का समय बचेगा।
दरअसल, भारत सरकार पूरे भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा को हटाने और स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरों के माध्यम से टोल टैक्स प्राप्त करने की योजना बना रही है, जो वाहन नंबर प्लेट पढ़ेंगे और वाहन मालिकों के लिंक किए गए बैंक खातों से स्वचालित रूप से टोल काट लेंगे। यह कहना है स्वयं केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का।
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केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी
गडकरी के अनुसार, “2019 में, हमने एक नियम बनाया कि कारें कंपनी-फिटेड नंबर प्लेट के साथ आएंगी। तो, पिछले चार साल में जो वाहन आए हैं उन पर अलग-अलग नंबर प्लेट हैं। अब टोल प्लाजा को हटाने और कैमरे लगाने की योजना है। जो इन नंबर प्लेट को पढ़ेगा और सीधे खाते से टोल काट लिया जाएगा। हम इस योजना का पायलट भी कर रहे हैं। हालांकि, एक समस्या है। कानून के तहत वाहन मालिक के लिए कोई प्रावधान नहीं है जो टोल प्लाजा को छोड़ देता है और भुगतान नहीं करता है। हमें उस प्रावधान को कानून के दायरे में लाने की जरूरत है। हम उन कारों के लिए एक प्रावधान ला सकते हैं जिनमें ये नंबर प्लेट नहीं हैं, उन्हें एक निश्चित अवधि के भीतर स्थापित करने के लिए। इसके लिए हमें एक विधेयक लाना होगा।”
ज्ञात हो कि, सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में अबतक टोल पर कुल संग्रह का लगभग 97% FASTags के माध्यम से होता है जो लगभग 40,000 करोड़ रुपये आता है और शेष 3% FASTags का उपयोग नहीं करने के लिए सामान्य टोल दरों से अधिक भुगतान करता है। फास्ट टैग से एक टोल प्लाजा को पार करने में प्रति वाहन लगभग 47 सेकंड का वक्त लगता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मैनुअल टोल संग्रह लेन के जरिए हर घंटे 112 वाहनों पास होते हैं। वहीं इसकी तुलना में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह लेन से हर घंटे 260 से अधिक वाहन टोल देकर आगे बढ़ जाते हैं।
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केंद्रीय परिवहन मंत्री ने यह सभी जानकारी 23 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली में फिक्की फेडरेशन हाउस में सड़क और राजमार्ग शिखर सम्मेलन ‘एक्सेलरेटिंग द रोड इंफ्रास्ट्रक्चर: न्यू इंडिया @ 75′ (Road Infrastructure: New India @75’) के तीसरे संस्करण के दौरान साझा की। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय का यह पायलट प्रोजेक्ट टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ को कम करने के साथ ही इस काम में तेजी और सुविधा लाएगा। यहां पायलट प्रोजेक्ट से मतलब किसी काम को छोटे स्तर पर शुरू करना और उसे बड़े स्तर पर लागू करने से पहले उसकी व्यवहार्यता को जानना है।
आधुनिकता का नया स्वरुप
स्वचालित नंबर प्लेट रीडर -एएनपीआर (Automatic Number Plate Reader-ANPR) कैमरे या नंबर प्लेट रीडर कैमरे (Number Plate Reader Cameras) के इस्तेमाल से टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ और कम होने की उम्मीद की जा रही है। लेकिन बहुत कुछ सिस्टम के कार्यान्वयन पर निर्भर करेगा। लेकिन सत्य तो यह है कि हर बात की शुरुआत करना, नींव पडना आवश्यक होता है। ऐसे में नितिन गडकरी जिस बात को ठान लेते हैं उसको पूरा करके ही दम लेते हैं यह हमेशा से सबको ज्ञात रहा है। अब यह तो समय बताएगा कि आधुनिकता का नया स्वरुप क्या करिश्मा रचता है और कितना प्रभावशाली बन भारत की परिवर्तन यात्रा में सहभागी बनता है।
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