‘प्रियंका कांड’ पर हिमंता ने राजदीप सरदेसाई के एक झन्नाटेदार थप्पड़ मारा है!

जो ‘पिट-पिटकर’ भी ना सुधरे, वो राजदीप!

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भई कुछ लोग इतने ढीठ होते हैं कि इनका शरीर छोड़िए, इनकी आत्मा तक पिटाई मांगती है। चाटुकारिता तो इनके रग-रग में है और इसके चक्कर में अगर इनकी सार्वजनिक बेइज्जती भी हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।

इस लेख में बात होगी राजदीप सरदेसाई की जिनका अरविन्द केजरीवाल से एक अलग ही प्रतिस्पर्धा चल पड़ी है कि आखिर दोनों में से कौन राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बेइज्जती ज्यादा करवाएगा।

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भट्टगंवारों की टोली धरना प्रदर्शन पर उतर आयी

तो इस कथा की उत्पत्ति होती हैं संसद से जहां भट्टगंवारों की टोली महंगाई के नाम पर पेरियार का कॉस्ट्यूम पहनकर धरना प्रदर्शन पर उतर आयी। अब देखो भैया, प्रदर्शन करने से किसी ने रोका तो है नहीं और सबको अपनी बातें रखने का अधिकार है, after all India is a Free country my friends, where every citizen has a right to express their opinion and freedom of thought, बाकी आप समझदार हैं।

परंतु दिक्कत तो तब हुई जब प्रदर्शन के नाम पर ED मुर्दाबाद के नारे लगाएंगे और संयोगवश दिन भी 5 अगस्त था, जिस दिन अनुच्छेद 370 का कलंक कश्मीर प्रांत पर से 2019 में हटाया गया था। अब ऐसे में ये संयोग तो हो नहीं सकता था कि इस प्रदर्शन के अगुआ कांग्रेसी हों और वो काले कपड़े पहनकर इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हों।

परंतु इसमें राजदीप कहां से आए और बंधु ने अपनी बेइज्जती का प्रबंध कैसे कराया? असल में इस प्रदर्शन में सबसे अधिक हाय तौबा प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी मचा रहे थे, जिसके पीछे प्रियंका गांधी को कुछ समय के लिए दिल्ली पुलिस ने हिरासत में भी लिया। ऐसे में राहुल गांधी रोते गाते हुए असली गोदी मीडिया के समक्ष दुखड़ा रोने पहुंच गए कि उनके साथ अन्याय हुआ है। बंधु कहते हैं कि हिटलर भी चुनाव जीतकर आया था और अब देश में तानाशाही व्याप्त है, ‘लोकतंत्र मार चुका है’।

बस फिर क्या था, जनपथ के प्रिय चाटुकार राजदीप ने सेवा में उपस्थित होते हुए ट्वीट किया, “क्यों न श्रीमान गांधी और मिस्टर मोदी के बीच एक डिबेट कराई जाए? सारे न्यूज मीडिया पर उसका प्रसारण भी हो?”

अति उत्साही चाटुकार के गाल पर लगा झन्नाटेदार तमाचा 

परंतु इस अति उत्साही चाटुकार के गाल पर मानो एक व्यक्ति ने अपने एक ही ट्वीट में झन्नाटेदार तमाचा जड़ दिया हो। ये व्यक्ति कोई और नहीं, अपने असम के धाकड़ मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा थे, जिन्होंने राजदीप को उसकी औकात बताते हुए ट्वीट किया, “माननीय प्रधानमंत्री और राहुल गांधी के बीच में – थोड़ा सोच समझके बोल लें। हाँ एक तरफा बकैती हो, तो भाजपा का कोई जिला पार्षद सदस्य भी चलेगा” –

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ऐसे में राजदीप सरदेसाई ने गांधी परिवार के बचाव में एक बार फिर सुनिश्चित किया है कि जब बात सार्वजनिक बेइज्जती कराने की हो तो राजदीप का एक ही नारा रहता है – हम फर्स्ट, हम फर्स्ट।

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