IIT अब वैश्विक होने जा रही है!

अब सारा संसार देखेगा IIT की ताकत

IIT

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी IIT जिसकी शैक्षणिक गुणवत्ता भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। अब इस संस्थान के पंख और वृहद होने जा रहे हैं। दरअसल, बहुत जल्द IIT का वैश्विक रूप से विस्तार होने वाला है। IIT को दुनिया तक पहुंचाने के प्रयासों की शुरुआत कर दी गयी है।

IIT ग्लोबल रूप से फैलने को हो रहा तैयार

IIT ग्लोबल रूप से फैलने को तैयार है, इसके लिए अलग-अलग देश में स्थित भारत के दूतावासों से बातचीत भी की गयी। केंद्र ने इस काम के लिए बकायदा एक समिति तक बना दी थी जिसने दूतावासों के साथ परामर्श करने के बाद 7 देशों की पहचान की है जहां पर IIT के ग्लोबल कैंपस ओपन किए जा सकेंगे। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर पर ध्यान दिया जाए तो जिन 7 देशों को चिह्नित किया गया है उनके नाम हैं ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, सऊदी अरब, कतर, मलेशिया और थाइलैंड।

जानकारी है कि यहां पर इंडियन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नाम से ही संस्थान खोले जाएंगे। इन चिह्नित देश की अगर बात करें तो ये देश तय किए गए कई मापदंडों पर फिट होते हैं। आईआईटी काउंसिल स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष हैं डॉ. के राधाकृष्णन जिसकी 17 लोगों की कमिटी ने एक रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को भेजी है जिसमें बताया गया है कि ये चिह्नित देश कई प्रमुख मापदंडों में आगे हैं। अगर यहां तय मापदंडों में से कुछ एक की बात की जाए तो इन में रुचि और प्रतिबद्धता का स्तर शामिल है, शैक्षणिक पीढ़ी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों के अलावा छात्रों को आकर्षित किया जा सके इसके लिए अनुकूल तंत्र को भी शामिल किया गया है, साथ ही नियामक प्रावधानों का भी ध्यान में रखा गया है। भारत के ब्रांडिंग और रिश्तों को बढ़ाने के लिए संभावित लाभ को भी इन मापदंडों में रखा गया है।

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ब्रिटेन भी है इच्छुक

IIT जिन देशों में फैलेगा उसमें एक देश ब्रिटेन भी है जहां कि 6 यूनिवर्सिटी से IIT ग्लोबल कैंपस में सहयोग के लिए प्रस्ताव मिले हैं, ब्रिटेन में भारतीय हाई कमीशन से मिले इनपुट में ऐसी जानकारी दी गयी। ये प्रस्ताव जिन यूनिवर्सिटी से मिले हैं उनमें यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम, किंग्स कॉलेज लंदन के साथ ही यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, इसके अलावा यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन शामिल हैं।

डॉ. के राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली कमिटी ने 26 देशों में स्थित भारती मिशनों से मिले फीडबैक के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की थी। विदेश मंत्रालय ने 2 फरवरी और 28 मार्च को इसके लिए वर्चुअल बैठक भी संपन्न करवाई थी जिसमें इस मिशन से संबंधित अधिकारी शामिल थे और इकॉनोमिक डिप्लोमेसी सेक्शन के अधिकारियों को भी इसमें शामिल किया गया था।

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ब्रिटेन स्थित हाई कमीशन की एक रिपोर्ट कहती है कि UAE, सऊदी अरब, मिस्र के साथ ही मलेशिया IIT दिल्ली के लिए पसंदीदा ऑप्शन है। साल 2022-23 से IIT कैंपस के लिए तो मिस्र बहुत अधिक इच्छुक भी है। मिस्र के मुताबिक फिजिकल कैंपस अगर अभी नहीं हो पाए तो ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की जाए। हालांकि, भारत की तरफ से किसी भी जल्दबाजी के आसार तो नहीं दिखते हैं क्योंकि समिति ने साफ कर दिया है कि सोच विचार के बाद ही आवासीय परिसरों को खोलना चाहिए।

देखने वाली बात ये है कि गठित समिति अन्य देशों को भी सिरे से नहीं खारिज करती बल्कि अन्य देशों को भी मौका देती है जिसमें भूटान, नेपाल, बहरीन के अलावा जापान, तंजानिया, श्रीलंका, वियतनाम और सर्बिया शामिल हैं। सिंगापुर, दक्षिण कोरिया के साथ ही उज्बेकिस्तान जैसे देश भी इस में आते हैं।

ध्यान देना होगा कि IIT का वैश्विक रूप से फैलाव शिक्षा के क्षेत्र में भारत का नाम और बड़ा करेगा। ऐसा होने से IIT को मजबूती तो मिलेगी ही इसके साथ ही सुधार, नवाचार और अनुसंधान के विकल्प भी खुलेंगे। वैश्विक शिक्षा प्रणाली में भारतीय शिक्षा प्रणाली को लेकर किसी भी तरह के भ्रम और मिथकों को यह वैश्विक IIT दूर करने में भी सहायक होगा।

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