मोदी सरकार ने 7 भारतीय और पाक के एक यूट्यूब चैनल को ब्लॉक किया

Fake न्यूज के खिलाफ डिजिटल स्ट्राइक !

MODI JI YOUTUBE

Source- TFIPOST.in

फर्जी खबरों का दायरा आजकल काफी बढ़ चुका है। आए दिन कोई ना कोई फर्जी खबर हमें फैलती हुए देखने को मिल ही जाती है। सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ ही सेकेंड में फर्जी खबरों बड़ी तेजी से हर तरफ फैल जाती है। अक्सर देखने को मिलता रहता है कि सोशल मीडिया के जरिए कुछ लोग फर्जी खबरें फैलाने के साथ देश विरोधी गतिविधियों को भी अंजाम देते रहते है। आपको तमाम प्लेटफॉर्म पर ऐसे कई चैनल दिखेंगे, जो देश के विरुद्ध जहर उगलते और दुष्प्रचार फैलाने का काम करते हुए नजर आ जाते है। हालांकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए लगातार शिकंजा कसती रहती है।

भारत सरकार ने एक बार फिर डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 8 बड़े यूट्यूब चैनल के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है। राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया। जिन आठ चैनलों को सरकार द्वारा ब्लॉक किया गया, उसमें सात भारतीय और एक पाकिस्तानी चैनल शामिल था। IT नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल कर इनके खिलाफ यह एक्शन लिया गया।

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इस कार्रवाई के पीछे का कारण

इन चैनलों में ऐसा कंटेंट दिखाया जा रहा था, जिसके माध्यम से देश में दहशत पैदा करने, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने और सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने के प्रयास हो रहे थे। साथ ही चैनलों पर जो खबरें चलाई जा रही थी, वे असत्यापित यानी बिना तथ्यों पर आधारित थी। इन्हीं कारणों ने सरकार ने आठ यूट्यूब चैनलों के विरुद्ध कार्रवाई की और इन्हें ब्लॉक कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इन ब्लॉकड यूट्यूब चैनलों पर कुल व्यूअर की संख्या 114 करोड़ से भी अधिक थी, जबकि इनके सब्सक्राइबर्स की संख्या 85 लाख 73 हजार थी। सरकार ने जिन यूट्यूब चैनलों पर नकेल कसी उसमें लोकतंत्र टीवी, यू एंड वी टीवी, एएम रजवी, गौरवशाली पवन मिथिलांचल, सीटॉप 5टीएच, सरकार अपडेट और सब कुछ देखो शामिल रहे। इसके अतिरिक्त सरकार ने पाकिस्तानी चैनल News ki Dunya पर शिकंजा कसते हुए इसे भी ब्लॉक किया। लोकतंत्र टीवी का फेसबुक अकाउंट भी ब्लॉक किया गया, जिस पर फॉलोअर्स की संख्या 3 लाख 62 हजार के पार थी।

बताया जा रहा है कि मंत्रालय की तरफ से 16 अगस्त को इन चैनलों के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इन चैनलों पर कई तरह के झूठे दावे किए जा रहे थे जैसे कि भारत सरकार ने धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करना, सरकार द्वारा धार्मिक त्योहारों को मनाने पर प्रतिबंध लगाने, देश में धार्मिक युद्ध की घोषणा जैसी फर्जी खबरें फैलाई जा रही थी। इसके अलावा इन चैनलों का उपयोग सशस्त्र बलों और जम्मू-कश्मीर समेत विभिन्न विषयों पर भी फेक न्यूज प्रसारित की जा रही थी। बयान में कहा गया कि “चैनलों पर मौजूद सामग्री को राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य देशों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के दृष्टिकोण से संवेदनशील और पूरी तरह से झूठा पाया गया। चैनलों पर दिखाया जाने वाला कंटेंट सांप्रदायिक सद्भाव और देश में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकता था।“

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वैसे ऐसा पहली बार कतई नहीं है, जब सरकार ने सोशल मीडिया के माध्यम से देश के विरुद्ध जहर उगलने वाले इन चैनलों के विरुद्ध यूं कार्रवाई की। मोदी सरकार लगातार ऐसे चैनलों पर एक्शन लेती रहती है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 21 जुलाई को राज्यसभा में अपने एक बयान के माध्यम से बताया था कि वर्ष 2021-22 के बीच देश विरोधी कंटेंट को दिखाने के कारण सरकार ने 94 यूट्यूब चैनल और 19 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की और इन्हें बंद कर दिया। इसके अतिरिक्त 747 वेबसाइटों को भी सरकार द्वारा बंद किया जा चुका है। उन्होंने कहा था कि यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत की गई।

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