जैसे कितनी भी मशक्कत करने के बाद बॉलीवुड का फ्लॉप से पीछा नहीं छूट रहा, ख़राब फॉर्म विराट कोहली का पीछा नहीं छोड़ रहा, ठीक उसी प्रकार कांग्रेस का ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से पीछा नहीं छूट रहा है! वैसे कांग्रेसी नेताओं के भ्रष्टाचार में संलिप्तता के कारण ईडी काफी लंबे समय से कांग्रेस के पीछे पड़ी हैं। भ्रष्टाचार में संलिप्त गांधी परिवार के सदस्यों से पिछले कुछ समय में ईडी ने कई बार पूछताछ भी की है। वहीं, नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेसियों की मैडम सोनिया गांधी और उनके चश्मोचिराग राहुल गांधी को भी ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। इसी बीच खबर है कि ईडी ने नेशनल हेराल्ड ऑफिस के एक हिस्से को सील कर दिया है। ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद यह प्रतीत होने लगा है कि अब कुछ बड़ा होने वाला है!
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कर्नाटक दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली पहुंचे राहुल गांधी
दरअसल, ईडी ने बुधवार को दिल्ली में हेराल्ड बिल्डिंग में स्थित कांग्रेस की यंग इंडिया कंपनी के ऑफिस पर रेड मारी और उसे सील किया है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एक्शन लेते ही कांग्रेस नेताओं ने बवाल मचाना शुरु कर दिया। सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कांग्रेसी नेताओं ने गांधी परिवार के कुकर्मों को नजरअंदाज करते हुए मोदी सरकार पर सवाल उठाना शुरु कर दिया। ध्यान देने वाली बात है कि जब ईडी ने यह कार्रवाई की तो राहुल गांधी अपने कर्नाटक दौरे पर थे लेकिन जैसे ही यह खबर सामने आई वो अपना कर्नाटक दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली दौड़े चले आए। ज्ञात हो कि मंगलवार को ही ईडी की टीम ने सुबह से देर शाम तक नेशनल हेराल्ड के दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई सोनिया और राहुल से पूछताछ के बाद की गई थी।
मंगलवार को ईडी की छापेमारी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। ईडी की कार्रवाई पर राहुल गांधी ने कहा था- कांग्रेस आप लोगों की है और आप कांग्रेस की ताकत हैं। हमें तानाशाह के हर फरमान से लड़ना है। ध्यान देने वाली बात है कि नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी से 3 दिन में 12 घंटे सवाल हुए थे। 21 जुलाई को 3 घंटे, 26 जुलाई को 6 घंटे और 27 अगस्त को 3 घंटे ईडी ने पूछताछ की थी। इस दौरान उनसे 100 से ज्यादा सवाल किए गए। ईडी ने राहुल गांधी से भी जून में पांच दिनों में 50 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। बता दें कि यंग इंडिया वही कंपनी है जिसने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी (AJL) का टेकओवर किया था। इस कंपनी के 38% शेयर सोनिया गांधी के पास और इतने ही शेयर राहुल गांधी के पास हैं।
कांग्रेसी नेताओं ने उठाए सवाल
जैसे ही ईडी ने कांग्रेस के यंग इंडिया कंपनी के ऑफिस को सील किया वैसे ही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का ‘रोना’ आरम्भ हो गया। कांग्रेस के वफादार नेता अजय माकन सबसे पहले सामने आएं और बोले, भाजपा हमें डराना चाहती हैं लेकिन हम डरेंगे नहीं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घरों को घेर लिया है। यह बदले की राजनीति का सबसे खराब रूप है, लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे। कांग्रेस लगातार मोदी सरकार के अन्याय और विफलताओं के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी। हालांकि, ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस आलाकमान के करीबियों का यूं बिलबिलाना अपेक्षित था। हाल ही में एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर विपक्षियों के सवाल पर भाजपा ने करारी प्रतिक्रिया दी थी और स्पष्ट किया कि पार्टी किसी भी एजेंसी के काम में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है। एजेंसियां अपने काम को लेकर स्वतंत्र हैं।
क्या है नेशन हेराल्ड मामला?
आपको बताते चलें कि नेशनल हेराल्ड का मामला सबसे पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने वर्ष 2012 में उठाया था। उन्होंने ट्रायल कोर्ट में पिटीशन दायर कर आरोप लगाया था कि राहुल-सोनिया गांधी सहित कुछ अन्य नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का टेकओवर किया।अगस्त 2014 में ईडी ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। इस केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को मुख्य रूप से आरोपी बनाया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने गलत तरीके से यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का टेकओवर किया। यह सब दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था।
ज्ञात हो कि 1938 में जवाहर लाल नेहरू ने 5000 स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर नेशनल हेराल्ड को शुरु किया, जिसका संचालन AJL करता था। आजादी के बाद यह कांग्रेस का मुखपत्र बन गया। AJL ही अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करता था। कांग्रेस से मिले लोन के बावजूद वर्ष 2008 में यह अखबार बंद हो गया। 2010 में यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी यानी YIL बनी, जिसने AJL का अधिग्रहण किया। YIL में 76 फीसदी हिस्सेदारी सोनिया और राहुल गांधी के पास है। कांग्रेस ने AJL के लोन को YIL को ट्रांसफर कर दिया। जिसके बाद YIL पर 50 लाख रुपये देकर AJL की 2000 करोड़ की संपत्ति को हड़पने का आरोप लगा और वही मामला अब गांधी परिवार की नींद उड़ा रहा है।
गौरतलब है कि यंग इंडिया के दफ्तर को सील करना और कांग्रेस अध्यक्ष के आवास के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती इस मामले में आगे की कार्रवाई के संकेत हैं। मां-बेटे की जोड़ी से ईडी की लगातार पूछताछ और कई ठिकानों पर छापेमारी कर जुटाए गए दस्तावेजों ने दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यह कार्रवाई कांग्रेस पार्टी और उसके आलाकमान के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। अगर ईडी ने इस पूरे प्रकरण की अंतिम कड़ियां जोड़ ली और इसके केंद्र में सोनिया-राहुल की संलिप्तता पाई गई तो निस्संदेह उन पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है!
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