‘ये अंधेरा ही आज की कहानी है क्योंकि देश में आज पत्रकारिता की मौत हुई है। ईमानदारी की पराकाष्ठा पार करने वाले और दूसरों को सर्टिफिकेट बांटने वाले एक कथित पत्रकार और एजेंडाधारी शख्स को आज किसी चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता है तो वह बरनोल है!’ यह बिक गई है सरकार, अब इस देश में कुछ नहीं रखा जैसे मशहूर डायलॉग एक मीडिया संस्थान में खूब प्रयोग किए जाते थे लेकिन अब पासा बिल्कुल ही पलट गया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं NDTV के बिकने की, जो असल में दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी के हाथों में आ चुका है।
NDTV पर आप पिछले 8 वर्षों से मोदी सरकार की बुराई और एजेंडों का खेल देख रहे हैं। चैनल की बुनियाद ही मोदी और भाजपा का विरोध है। ये वही चैनल है जिसने सरकार के विरोध में अपनी स्क्रीन तक काली कर ली थी लेकिन अब चैनल के सुनहरे दिन लाने के लिए एक ऐसा फ़ैसला लिया गया है कि NDTV के कथित पत्रकारों के एडिटोरियल ग्रुप की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई है क्योंकि अब कंपनी का 29.18 प्रतिशत हिस्सा गौतम अडानी के हाथों में आ गया है। एनडीटीवी के पास तीन प्रमुख नेशनल चैनल- एनडीटीवी 24*7, एनडीटीवी इंडिया और एनडीटीवी प्रॉफिट और एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
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अडानी की कंपनी जल्द ही एनडीटीवी में 26 फीसदी हिस्सेदारी और खरीदने की कोशिश करेगी। इस हिस्सेदारी को खरीदने के लिए अडानी समूह करीब 493 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसके लिए कंपनी ने खुला ऑफर दिया है। इस पूरी डील पर एनडीटीवी की ओर से कहा गया है कि उन्हें इस बारे में नोटिस मिला है। लेकिन, इस मसले पर कंपनी से पहले कोई चर्चा नहीं की गई। हिस्सेदारी खरीदने की खबरें सामने आने के बाद एनडीटीवी की न्यूज वेबसाइट पर इसे लेकर एक खबर लगाई गई। इस खबर के मुताबिक अडानी समूह की ओर से इस डील के लिए एनडीटीवी और उसके फाउंडर-प्रमोटर्स से कोई चर्चा नहीं की गई।
Adani Group to purchase 29.18% stake in media group NDTV. pic.twitter.com/XMUUc4gUzK
— ANI (@ANI) August 23, 2022
अब सुधर जाएगा NDTV
ध्यान देने वाली बात है कि गौतम अडानी ने महज 3 महीने पहले मीडिया बिजनेस में अपना कदम रखा था और अब स्थिति ऐसी हो चली है कि वो देश के मशहूर चैनल एनडीटीवी के मालिक बन सकते हैं। अडानी समूह की मीडिया कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMNL) की सहायक कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड इस डील के साथ आगे बढ़ रही है। अडानी समूह की मीडिया कंपनी एमजी मीडिया नेटवर्क की स्थापना को 3 महीने कुछ दिन ही हुए हैं। 26 अप्रैल 2022 को गांधी नगर गुजरात के पते पर कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ है। कंपनी डिजिटल और ब्रॉडकॉस्ट मीडिया सेगमेंट पर जोर दे रही है। मीडिया बिजनेस देखने वाली कंपनी के तीन डायरेक्टर्स में प्रणव अडानी, सुदिप्त भट्टाचार्या और मशहूर पत्रकार संजय पुगलिया शामिल हैं।
#Adani to buy #NDTV 493 crores and #ravishkumar at 2 rupees 😜
Ravish kumar be like:- pic.twitter.com/7Ddr3hBZai
— Amit Kumar (@TheGoswamiAmit) August 23, 2022
एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (AMNL) के सीईओ संजय पुगलिया ने कहा कि “यह अधिग्रहण मीडिया इंडस्ट्री में आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हम भारतीय नागरिक, उपभोक्ताओं या भारत में रुचि रखने वालों को सूचना और ज्ञान के साथ सशक्त बनाना चाहते हैं। एनडीटीवी हमारे दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त प्रसारण और डिजिटल प्लेटफॉर्म है। हम समाचार वितरण में NDTV के नेतृत्व को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।”
गौरतलब है कि NDTV शुरु से ही वामपंथियों के कुतर्कों को तथ्य बनाकर अपना प्रोपेगेंडा चलाता रहा है। इस चैनल की टीआरपी और ब्रांड की पॉपुलारिटी काफी पहले से ही गर्त में है और साथ ही चैनल में एक से बढ़कर एक वामपंथी भरे पड़े हैं, जिन्हें न देश की बड़ी है और ना देशवासियों की! ऐसे में अब अडानी समूह के हाथों में आने से स्थिति में परिवर्तन देखने को मिल सकती है। हालांकि, कुछ समय पहले से यह लगातार देखने को मिल रहा है कि अडानी एक के बाद एक कर लगातार कई कंपनियों का अधिग्रहण कर रहे हैं और उन्हें नई रफ्तार दे रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में बर्बाद हो चुकी एनडीटीवी को भी अडानी संवार कर एक नया स्वरुप दे दें तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
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