NDTV अपने मालिकों को कोर्ट में घसीटेगा! इससे अधिक हास्यास्पद और कुछ भी नहीं

रस्सी जल गयी पर अकड़ नहीं गयी, इस समय NDTV का हाल भी कुछ ऐसा ही है

adani

उफ ये दुख, ये दर्द, ये कष्ट, ये पीड़ा। सभी को पता था कि NDTV को अडानी द्वारा अधिग्रहण पचेगा नहीं। एनडीटीवी ने मानो शपथ ले ली हो कि भई कथा अभी खत्म नहीं हुई है, अभी और बेइज्जती करानी है।

इस लेख में जानेंगे कि कि कैसे NDTV अडानी ग्रुप द्वारा अपने अधिग्रहण से कुपित होकर उसे कोर्ट में घसीटने को तैयार है। जानेंगे कि कैसे इस पूरी प्रक्रिया में केवल और केवल NDTV की ही बेइज्जति होनी है।

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NDTV के मूलभूत अधिकार अब अडानी के पास होंगे

हाल ही में हम सबने देखा कि कैसे NDTV को रातों रात अडानी ग्रुप ने एक अनोखे डील के तहत खरीद लिया। गौतम अडानी ने NDTV में भयंकर हिस्सेदारी प्राप्त की है जो लगभग 29.3 प्रतिशत के आसपास है। परंतु वे इतने तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं। उन्होंने इस अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी के साथ एक ओपन ऑफर भी लॉन्च किया है, यदि इसमें वे सफल रहते हैं तो NDTV में उनकी कुल हिस्सेदारी लगभग 56 प्रतिशत हो जाएगी यानी NDTV के मूलभूत अधिकार अब अडानी के पास रहेंगे।

स्वभाव के अनुसार हाय तौबा जताते हुए NDTV प्रबंधन बोली“हम बता देते हैं कि यह कार्य हमारी सहमति से नहीं हुई, न हमसे राय ली, न हमसे चर्चा हुई और हमसे विचार विमर्श किए बिना यह डील कर दी गयी। हमें बस अभी पता चला और आवश्यकता पड़ने पर हम न्यायालय भी जा सकते हैं

क्लासरूम के रोतलु बच्चे की भांति अब NDTV अडानी उसी SEBI से इनकी शिकायत करेगा, जहां से इनके माई बाप को कुछ ही समय पूर्व लात मारकर भगाया गया था। विश्वास मानिए, इसी लहजे में इन्होंने शिकायत दर्ज कराई है।

एनडीटीवी के अनुसार, “अडानी समूह की फर्म विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) के लिए एनडीटीवी की प्रवर्तक इकाई आरआरपीआर लिमिटेड में हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए बाजार नियामक सेबी की मंजूरी जरूरी है”

परंतु ये दलीलें न एनडीटीवी के वास्तविक स्वामी, विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड को पची, और न ही अडानी ग्रुप को, जिन्होंने एनडीटीवी का अधिग्रहण किया। दोनों ने एनडीटीवी को उनके हास्यास्पद तर्कों के लिए जमकर धोया। वीसीपीएल ने आरआरपीआर की इस दलील को ”बेबुनियाद, कानूनी तौर पर खरा नहीं उतरने वाली और बेकार” बताया और कहा कि होल्डिंग कंपनी को वॉरेंट एक्सरसाइज नोटिस के अनुसार ”तुरंत अपना दायित्व पूरा करना चाहिए और इक्विटी शेयर आवंटित करने चाहिए।” वैसे भी, वर्षों पहले रॉय दंपति ने VCPL को एनडीटीवी के बहुमत स्टेक प्रदान किए थे, यानि एनडीटीवी के प्रबंधन एवं निवेश से जुड़े अधिकतम निर्णय लेने का अधिकार अब मूल रूप से VCPL को होगा।

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अडानी एंटरप्राइजेज ने स्पष्ट कहा है-

इसके अतिरिक्त अडानी एंटरप्राइजेज ने स्पष्ट कहा, ”आरआरपीआर सेबी के 27 नवंबर 2020 को जारी आदेश में पक्षकार नहीं है। इसलिए आरआरपीआर ने सेबी की ओर से लगाई गई जिस पाबंदी का उल्लेख किया है, वह आरआरपीआर पर लागू नहीं होती है।”  समूह ने कहा कि आरआरपीआर द्वारा नोटिस के मुताबिक दायित्वों को पूरा करने से सेबी के आदेश का उल्लंघन नहीं होगा क्योंकि इससे प्रणय रॉय या राधिका रॉय की प्रतिभूतियों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से लेनदेन नहीं हो रहा है।

वैसे भी रॉय दंपति के कर्मकांड ऐसे हैं, कि वे चाहकर भी कुछ विशेष परिवर्तन नहीं कर पाएंगे। वो कैसे? असल में NDTV के प्रोमोटर RRPR Holding Limited ने 2008 में ICICI Bank से एक लोन के संबंध में समझौता किया था। उसके चक्कर में 2020 में एक महत्वपूर्ण निर्णय में सेबी ने न केवल NDTV प्रमुख प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के Securities Market में प्रवेश पर दो वर्षों के लिए निषेध लगा दिया। साथ ही वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त पाए जाने के लिए 16.97 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।

देखो NDTV, दर्द सबको होता है, दुख सबको होता है, और उससे उबरने के लिए भगवान ने कई पदार्थ दिए हैं। अब भी समय है, स्वीकार लो इस परम सत्य को, अन्यथा अपने ही मालिकों के विरुद्ध SEBI जाने के चक्कर में न घर के रहोगे न घाट के, चाहो तो मियां अभिसार से ही पूछ लो।

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