लोग कुछ भी कहें परंतु बॉयकॉट अभियान में बड़ी ताकत है। इस समय तो सबकी लंका लगी पड़ी है और बॉलीवुड का तो हाल भी मत पूछिए। लाल सिंह चड्ढा के विरुद्ध राष्ट्रीय स्तर पर #BoycottLaalSinghChaddha ट्रेंड कर रहा है। लोगों ने मानो ठान लिया है कि आमिर खान की फिल्म को फ्लॉप कराकर ही छोड़ेंगे पर कुछ लोग धुन के इतने पक्के हैं कि ऐसी विकट स्थिति में भी बॉलीवुड का समर्थन करना नहीं छोड़ रहे हैं। राहुल ढोलकिया भी उन्हीं में से एक हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे राहुल ढोलकिया न केवल Boycott Laal Singh Chaddha के विरोध में आमिर खान के साथ खड़े हैं बल्कि सोशल मीडिया पर अपना ‘बॉलीवुडिया ज्ञान’ भी उड़ेला है।
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ध्यान देने वाली बात है कि हाल ही में करीना कपूर और मिलिंद सोमन जैसे एक्टर्स ने आमिर खान के समर्थन में बयान दिया और कहा कि फिल्म अच्छी होगी तो इन छोटे मोटे अभियानों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन निर्देशक राहुल ढोलकिया को तो कुछ अलग ही करना था। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “किसी फिल्म को इसलिए ट्रोल करना, क्योंकि एक व्यक्ति या उसके क्रू मेम्बर की विचारधारा आपसे मेल नहीं खाती बाकी सब के लिए काफी अनुचित है। विशेषकर उनके लिए जिन्होंने इस फिल्म के लिए अपना सर्वस्व अर्पण किया है। उन्होंने अपना सब कुछ इस फिल्म की सक्सेस पर निवेश किया है ताकि उनके सपने पूरे हो सके। सोचिए जरा” –
Trolling a film because a cast or crew members ideology differs from yours is unfair to the other hundreds who have worked hard to make the film. They have also pinned their hopes on the success of the film to help realizes their dreams. Spare a thought. 🙏🏽
— rahul dholakia (@rahuldholakia) August 3, 2022
हालांकि, उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने करारी प्रतिक्रिया देते हुए उनकी बोलती बंद करा दी है। ध्यान देने वाली बात है कि यह वही राहुल ढोलकिया हैं, जिन्होंने ‘परजानिया’, ‘रईस’ जैसी मास्टरपीस फिल्म संसार को दी है। उनके जिंदगी का एक ही मकसद रहा है कि कैसे भी करके नरेंद्र मोदी को विलेन साबित करें और इसके लिए उन्होंने काफी प्रयास भी किए हैं। चाहे कभी नरेंद्र मोदी के US वीजा पर रोक के लिए विरोध प्रदर्शन करना हो या फिर निरंतर उन्हें दोषी सिद्ध करना हो, वो भी तब जब कोर्ट में मामला चल रहा हो, राहुल ढोलकिया ने सब किया है। ‘परजानिया’ के लिए उन्हें तत्कालीन सरकार द्वारा वर्ष 2007 में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और उसी वर्ष तीस्ता सीतलवाड़ को सामाजिक सेवा के लिए पद्म श्री भी मिला था।
परंतु यह तो मात्र प्रारंभ है। क्या आप जानते हैं कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ से वामपंथी इतने चिढ़े हुए क्यों हैं? क्योंकि उन्हें राहुल ढोलकिया की फिल्म ‘लम्हा’ की बड़ी याद सताती है, जहां यासीन मलिक हीरो थे, आसिया अंदराबी हीरोइन थीं, तब कश्मीर को भारत से अलग करने की बातों को देशद्रोह नहीं, न्याय माना जाता था और गंगा जमुनी तहज़ीब अपने शिखर पर था! यूं समझ लीजिए सेक्युलरिज्म के चाशनी में घोल के पिलाई हुई विषबेल थी ‘लम्हा’, जिसके ठीक उलट द कश्मीर फाइल्स ने पूरी सच्चाई को दिखाया और इन एजेंडाधारियों के किये कराए पर पानी फेर दिया।
आपको बताते चलें कि ‘शाबाश मिट्ठू’ की आज जो हालत हुई है, ये तो कुछ भी नहीं है। इसके मूल डायरेक्टर श्रीजित मुखर्जी नहीं अपितु राहुल ढोलकिया थे, जिनकी पसंद थी तापसी पन्नू। हालांकि, बाद में श्रीजित मुखर्जी ने ही इसे डायरेक्ट किया। अब सोचिए, जब श्रीजित मुखर्जी के रहने पर फिल्म इतनी खराब निकली तो राहुल ढोलकिया के होने पर फिल्म का क्या हाल होता? ऐसे में जब राहुल #BoycottLaalSinghChaddha पर ज्ञान दें तो क्रोध कम हंसी अधिक आती है क्योंकि वो खुद का करियर संभालने के बजाए दुनिया को ज्ञान देने में लगे रहते हैं!
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