अनन्या पांडे की वो ‘टेकनीक’ जिसके कारण उन्हें फिल्मों की कोई कमी नहीं होती

नाक से जीभ टच कर लेने के टैलेंट के साथ अनन्या पांडे अभी तक बॉलीवुड में कैसे टिकी हैं?

Ananya Panday

अरे भई, ई बॉलीवुड भी गजब गोला है भैया, जितना भी लिखो कम पड़ेगा। राजनीति में इतने दांव पेंच न होवे, जितने इस लोक में हैं और इसकी सबसे प्रत्यक्ष प्रमाण है अनन्या पांडे जिनके पास अपने दम पर एक भी हिट फिल्म नहीं है परंतु फिल्मों का भंडार है इनके पास। इस लेख में जानेंगे उस टेकनीक को जिसके कारण अनन्या जैसी फ्लॉप एक्ट्रेस को भी एक के बाद एक फिल्में मिलती ही जा रही हैं।

अनन्या पांडे की फिर चर्चा हो रही है

अनन्या पांडे इन दिनों फिर चर्चा में बनी हुई है, परंतु अपने फिल्म ‘लाईगर’ के लिए कम और अपने उस ‘स्वप्न’ के लिए अधिक जिसके पीछे उन्होंने एक शो पर तांडव मचा दिया था। कथित फिल्म क्रिटिक राजीव मसंद के इंटरव्यू शो में अनन्या ने दुखड़ा रोते हुए बताया था कि कितना स्ट्रलग करना पड़ा उनको। फिर उसी शो में आए गली बॉय फेम सिद्धांत चतुर्वेदी ने जवाब भी उतना ही तगड़ा दिया। क्या हुआ था शॉट में पहले ये जान लेते हैं जिसके लिए चंकी पाण्डे की लाडली को ट्रोल तक होना पड़ा था।

हुआ ये था कि 2020 में वायरल हुए एक वीडियो में अनन्या ने नेपोटिज्म के प्रश्न पर कहा था कि देखने में यह सब बहुत अच्छा लगता है कि सबकुछ मुझे आसानी से मिला। हमेशा से मैं एक्टर बनना चाहती थी। लोग कहते हैं हमें अधिक परेशानी उठाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। हमें संघर्ष की आवश्यकता नहीं पड़ती पर ऐसा नहीं है। हां मैं भागयशाली हूं कि चंकी पांडे की बेटी हूं मैं। बहुत मेहनत की है मेरे पिता ने। जब मेरी पहली फिल्म एक साल लेट थी तब मेरे पिता ने बधाई नहीं दी थी मुझे। क्योंकि यहां कुछ भी हो सकता है वो जानते हैं। मुझे मौका मिलेगा तो मैं जरूर लूंगी। कभी धर्मा फिल्म के साथ मेरे पिता ने काम नहीं किया। कभी उन्हें कॉफी विद करण में बुलाया नहीं गया। सबकी अपनी जर्नी है।

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इसके बाद सिद्धांत चतुर्वेदी ने भी स्ट्रगल की सही परिभाषा बता दी थी। उन्होंने कहा था कि हां सबकी अपनी अलग जर्नी है। फर्क ये है कि जहां हमारे सपने पूरे होते हैं इनका स्ट्रगल वहां शुरू होता है।

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ये है इनका टैलेंट

परंतु यही इनका टैलेंट नहीं है बंधु। इनके एक टैलेंट को हमारे ढपोरसंख शिरोमणि कपिल शर्मा ने ताली पीटकर राष्ट्रीय स्तर पर फेमस कर दिया था। अनन्या का ये टैलेंट था जीभ से नाक को टच कर लेना। क्या टैलेंट है भइया वाह। भई, अगर ये टैलेंट है न तो फिर जो संजय राऊत दिनभर चपड़-चपड़ करते हैं वो भी टैलेंट हुआ।

परंतु यही कुछ गुण अनन्या पांडे में समाहित नहीं है। ऐसे ही थोड़ी न उन्होंने फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री ऑन डेब्यू का पुरस्कार ‘खरीदा’ था। आखिरी पास्ता यानी चंकी पाण्डे की पुत्री का टेकनीक बड़ा ही सरल और स्मार्ट है बंधु, वो ये है कि उन फिल्मों में कार्य करें, जहां पर अधिक से अधिक एक्टर हों ताकि ताली पड़े तो बरोबर, और गाली पड़े तो भी बरोबर, अकेले खुद को न खानी पड़े।

विश्वास नहीं होता तो इनकी प्रथम फिल्म से ही देख लीजिए। “स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2” में टाइगर श्रॉफ, तारा सुतारिया, और स्वयं अनन्या पांडे थीं। इनके जीवन की एकमात्र सफल फिल्म, “पति, पत्नी और वो” में भी कार्तिक आर्यन, भूमि पेड़नेकर, अपारशक्ति खुराना समेत कई अभिनेता थे। “खाली पीली” में भी ईशान खट्टर, जयदीप अहलावत, जाकिर हुसैन, सतीश कौशिक समेत कई अभिनेता थे, और अभी तो हमने सुप्रसिद्ध प्रोजेक्ट ‘गहराइयां’ पर चर्चा भी नहीं की है।

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परंतु क्या इन सबसे अनन्या पांडे को क्लिप्स मिलना बंद हो जाएंगी? बिल्कुल नहीं। जैसे अनेक फ्लॉप और ‘शाबाश मिट्ठू’ एवं ‘शमशेरा’ जैसे मेगा disaster देने के बाद भी तापसी पन्नू और रणबीर कपूर के पास फिल्मों की लाइन लगी है, ठीक वैसे ही अनन्य पाण्डे के पास भी फिल्मों की कौनों कमी नहीं है। पुरी जगंनाध की बहुप्रतीक्षित ‘लाईगर’ इनके हाथ लगी है, इसमें भी ये केंद्र में बिल्कुल नहीं है, ठीक उसी प्रकार से इन्हें एक अन्य फिल्म भी हाथ लगी है “खो गए हम कहां”, जिसे लिखेंगे फरहान अख्तर और प्रोड्यूस करेंगी जोया अख्तर।

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