यूँ तो आपने भारत के बहुत से ऐसे बडें-बड़े बल्लेबाजों के नाम जैसे सचिन, कोहली, धोनी सुने होंगे, जो अपने बल्लों से पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की बॉलिंग लाइनअप की बक्कियाँ उधड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन जब बात किसी भारतीय गेंदबाज की हो जिसने पाकिस्तानी बैटिंग लाइनअप की नाक में सालों तक दम किया हो तो दिमाग में 90 दशकों में भारत के तेज गेंदबाज़ वेंकटेश प्रसाद का नाम याद आता है। अपनी स्विंग और सटीक लाइन लेथ से बालेबाजों को चकित कर देने वाले वेंकटेश प्रसाद भले ही तेज गेंदबाजी नहीं करते थे
लेकिन उनका अपना अलग ही एक स्टाइल था, जिसके दम पर उन्होंने बड़े-बड़े बल्लेबाजों को अपना विकेट देने के लिए मजबूर कर दिया। वेंकटेश प्रसाद किसी अन्य टीम के विरुद्ध भले ही घातक गेंदबाज़ी से अच्छा प्रदर्शन ना दिखा पाएं हो, लेकिन पाकिस्तान के विरुद्ध तो उनकी गेंदबाज़ी आग उगलती थी। वो दुश्मन देश पाकिस्तान के विरुद्ध मुक़ाबले में विकेटों का अंबार लगा देते थे। 90 के दशक में वेंकटेश और जवागल श्रीनाथ की जोड़ी काफी प्रसिद्ध हुआ करती थी। इन दोनों बेहतरीन गेंदबाजों की जोड़ी ने भारत की कई जीतों में एक अहम भूमिका निभाई है।
आज 5 अगस्त को भारत के पूर्व गेंदबाज़ वेंकटेश प्रसाद का 53वां जन्मदिन हैं। ये पूर्व भारतीय गेंदबाज़ अपने छोटे से करियर में भी मैदान के अंदर और बहार अपने प्रदर्शन के दम पर दोनों ही जगह छाया रहा। वेंकटेश प्रसाद का जन्म कर्नाटक के बेंगलुरु में 5 अगस्त, 1969 में हुआ था। इन्होने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पर्दापण 1994 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वनडे में किया था। जबकि 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट पर्दापण किया था। वेंकटेश प्रसाद 2001 तक मुख्य रूप से भारतीय टीम में गेंदबाज़ी की रीढ़ बनें रहें। इन्होनें 5 साल टेस्ट खेला और 7 साल वनडे खेला।
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पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में यादगार प्रदर्शन
दो साल वनडे क्रिकेट खेलने के बाद वेंकटेश को 1996 में भारत में हुए विश्व कप की टीम में जगह मिली। जिस मौके का इन्होनें भरपूर फ़ायदा उठाया। पाकिस्तान के खिलाफ टूर्नामेंट में हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में वेंकटेश प्रसाद और पाकिस्तानी बल्लेबाज आमिर सोहेल के बीच मैदान पर जो तकरार हुई, वो शायद ही कोई क्रिकेट फैन भूल सकता है। भारत ने मैच में पाकिस्तान के सामने 287 रन का लक्ष्य खड़ा किया था। जब पाकिस्तान की टीम बल्लेबाजी के लिए उतरी तो बल्लेबाज आमिर सोहेल बार-बार वेंकटेश प्रसाद को उकसाने की कोशिश करने लगे, उन पर छींटाकशी की। जिसका जवाब वेंकटेश प्रसाद ने उनको बोल्ड कर के लिया। जिसके बाद पूरे भारतीय खेमे में जोश भर गया। वेंकटेश प्रसाद को आमिर सोहेल के विकेट के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। भारत वर्ल्ड कप का क्वाटर फाइनल 39 रन से जीता। इस मैच में वेंकटेश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 महत्वपूर्ण विकेट लिए थे।
वेंकटेश प्रसाद का क्रिकेट करियर
वेंकटेश प्रसाद ने अपने करियर में 161 वनडे मुकाबले खेले। इनमें उन्होंने 32 की औसत से 196 विकेट लिए। पाकिस्तान के खिलाफ उनका प्रदर्शन जबरदस्त रहा है। इस टीम के खिलाफ 29 मैच में उन्होंने 43 विकेट लिए है। अगर बात उनके वनडे करियर के सबसे अच्छे प्रदर्शन की करें तो वो भी पाकिस्तान के खिलाफ था, जो 27 रन देकर पांच विकेट लेना था। वही टेस्ट मैच में इन्होनें 33 मक़ाबलें खेले हैं, जिसमें इन्होनें 35 की औसत से 96 विकेट लिए हैं। इन्होनें 1991-1993 के बीच फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेला। 123 फर्स्ट क्लास मैच में उनके नाम 361 विकेट दर्ज हैं। जबकि लिस्ट-ए क्रिकेट में इन्होनें 295 विकेट लिए हैं। वेंकटेश प्रसाद को लॉर्ड्स ऑनर्स बोर्ड में भी जगह मिली है। क्योंकि 1996 में लॉर्ड्स के मैदान में इन्होनें 76 रन देकर 5 विकेट लिए थे जो अपने आप में किसी भी गेंदबाज़ के करियर में एक बड़ी उपलब्धि हैं।
गेंदबाज़ी में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले वेंकटेश प्रसाद बल्लेबाज़ी में कभी कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा सकें। बल्लेबाज़ी में इनका सर्वाधिक स्कोर 37 रन है।
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कोच की भूमिका में भी असरदार रहें
वेंकटेश प्रसाद रिटायरमेंट के बाद कोचिंग के फील्ड में उतर गए। वे पहले भारतीय अंडर-19 टीम और फिर कर्नाटक के कोच बने। इनको मई, 2007 में भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया गया। इस दौरान जहीर खान और इशांत शर्मा के साथ इन्होनें काम किया और इनकी गेंदबाज़ी में सुधार लाने में मदद की। गेंदबाजी कोच रहते हुए ये 2007 में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे। ये 2007 में पहली बार T-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के गेंदबाज़ी कोच भी थे। 2009 में आईसीसी टूर्नामेंट में भारतीय टीम के खऱाब प्रदर्शन के बाद उन्हें गेंदबाज़ी कोच के पद से हटा दिया गया था। आईपीएल में ये चेन्नई सुपरकिंग्स और पंजाब किंग्स जैसी टीमों के बॉलिंग कोच के रूप में काम किया। ये एक अच्छे कमेंटटेटर के रूप में भी जाने जाते हैं।
वेंकटेश प्रसाद को 2001 में प्रसाद को अर्जुना अवार्ड से सम्मानित किया गया था। ये अवार्ड उनको उस वक्त मिला जब वो टीम में अपनी जगह दोबारा बनाने की कोशिशों में लगे थे। 2014 में इस शानदार गेंदबाज़ ने बड़े पर्दे पर अपना डेब्यू किया। इन्होनें कन्नड़ फिल्म सचिन तेंदुलकर आला में जवागल श्रीनाथ के संग अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया।
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