वो कहते हैं न जो दूसरों की जड़ें खोदने की कोशिश करता है उसका न्याय प्रभु करते हैं! संजय राउत के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। जिस संजय राउत ने अपने स्वार्थ को परिपूर्ण करने के लिए शिवसेना को उसके मूल से भटकाने में सबसे मुख्य किरदार निभाया, जिनके कहने पर पूरा ठाकरे परिवार उल्टी दिशा में चलने लगा आज वो संजय राउत जेल की ओर कूच कर चुके हैं। निश्चित रूप से संजय राउत ने महा विकास अघाड़ी की सरकार के दौरान जिनके खिलाफ भी ग़ैरक़ानूनी कृत्य किया होगा वो सभी उन्हें कह रहे होंगे कि राउत साहब ‘कर्मा कैफे’ में आपका स्वागत है। ध्यान देने वाली बात है कि संजय राउत को रविवार को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया वो भी ऐसे वैसे घोटाले में नहीं भूमि घोटाले में।
दरअसल, रविवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को गिरफ्तार किया है। राउत को मुंबई की एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं और उनकी पत्नी से संबंधित लेन-देन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले समन भेजकर पूछ्ताछ की गई और बाद में उन्हें इसी मामले में गिरफ्तार भी कर लिया गया। ईडी द्वारा उनके आवास पर छापेमारी के बाद राउत को गिरफ्तार किया गया। राउत पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत मामला दर्ज किया गया था और सोमवार को उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश भी किया गया। कोर्ट ने उन्हें 4 अग्सत तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है।
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ज्ञात हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम रविवार सुबह शिवसेना सांसद संजय राउत के मुंबई स्थित आवास पर पहुंची और घंटों तलाशी लेने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया। राउत के खिलाफ पूर्व में मुंबई की ‘चॉल’ के पुनर्विकास से जुड़ी कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच की गई थी, जिसमें हुए कथित लेन-देन में उनकी पत्नी का नाम भी सामने आया था। खबरों के मुताबिक संजय राउत ईडी अधिकारियों को सहयोग भी नहीं कर रहे थे। बताया जा रहा है कि जब अधिकारियों ने उन्हें ईडी कार्यालय जाने के लिए कहा तो उन्होंने बताया कि वह मौजूदा सांसद हैं और उन्होंने सात अगस्त तक का समय मांगा।
ध्यान देने वाली बात है कि यह वही संजय राउत हैं जो बीते अप्रैल माह में एक मौजूदा लोकसभा सांसद और उनके विधायक पति को एक ऐसे मामले में जेल भेजने को आतुर थे जिस मामले का कोई सर-पैर नहीं था। नवनीत राणा और रवि राणा को अप्रैल 2022 में मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की जिद के बाद गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जहां राणा को स्थानीय मजिस्ट्रेट के आदेश पर भायखला महिला जेल भेज दिया गया था। उस मामले में राउत ने क्या कुछ नहीं कहा था पर अपनी बारी आते ही उन्हें ‘सांसदी’ याद आ गई।
राउत के कर्मकांडों की लिस्ट लंबी है। उन्होंने कंगना रनौत जैसी अभिनेत्री को अनेकों बार अपशब्दों से नवाजा और सवाल पूछे जाने पर ऐसा जवाब दिया, जो बच्चे भी अपने बचाव के लिए नहीं देते हैं। ज्ञात हो कि यह वही संजय राउत हैं जिन्होंने अघाडी सरकार के निर्देश पर बीएमसी की कार्रवाई को सही बताया था। सितंबर 2020 में बीएमसी ने अवैध निर्माण का हवाला देते हुए बांद्रा में कंगना रनौत के कार्यालय के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया था। उस समय कंगना तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तमाम नामचीन व्यक्तियों पर हमलावर थीं क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद जो रवैया उद्धव के नेतृत्व वाली सरकार का था उसमें से पक्षपात की दुर्गंध आ रही थी।
किसी को भी, कभी भी, कुछ भी कह देने वाले यह संजय राउत कितने पानी में हैं वो जांच में अब शीघ्र ही पता चल जाएगा। बता दें कि ईडी ने पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में रविवार को की गई छापेमारी के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत के आवास से 11.50 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की है। ऐसे में और कई खुलासे अब जांच पश्चात सामने आने ही वाले हैं क्योंकि झूठ के पैर नहीं होते जिस वजह से वो अधिक देर तक नहीं चल सकता।
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