भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं है, बल्कि लोग इसे एक धर्म की पूजते हैं। हमारे यहां करोड़ों लोग क्रिकेट के चाहने वाले है। पहले क्रिकेट को केवल पुरुषों के खेल की तरह देखा जाता था, परंतु अब महिलाओं के क्रिकेट को भी महत्व मिलने लगा है। कई महिला खिलाड़ी ऐसी हैं, जो क्रिकेट के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ती नजर आ रही हैं। भारतीय महिला क्रिकेट को नाम, पहचान दिलाने का श्रेय अगर किसी को दिया जाता है, तो वो हैं टीम इंडिया की स्टार गेंदबाज झूलन गोस्वामी।
वही भारतीय टीम की दिग्गज खिलाड़ी झूलन गोस्वामी जो अब क्रिकेट से संन्यास लेने की तैयारी में है। “चकदा एक्सप्रेस” के नाम से लोकप्रिय झूलन इंग्लैंड के विरुद्ध अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की तैयारी में है। 24 सितंबर को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक स्टेडियम में झूलन अपना आखिरी मुकाबला खेलेंगी। संन्यास से पहले उन्होंने महिला एथलीट से जुड़ी एक बेहद ही अहम मुद्दे पर अपनी राय रखी है, जिस पर अब तक अधिक चर्चाएं नहीं हुई। यह मुद्दा है महिला एथलीटों के मासिक धर्म यानी मेंसटूरेशन से जुड़ा।
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मासिक धर्म ऐसी प्रक्रिया जिससे हर महिला को गुजरना होता है
महिला एथलीटों को भी इसका सामना करना पड़ता है। इस दौरान उन्हें कई तरह की समस्याएं भी होती है। झूलन ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए इन्हीं समस्याओं पर अपनी बात रखी। साथ ही उन्होंने महिला एथलीटों पर मासिक धर्म के प्रभावों को समझने के लिए अधिक वैज्ञानिक शोध का आग्रह किया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पूर्व कोच डब्ल्यूवी रमन के साथ एक टॉक शो में बातचीत करते हुए झूलन गोस्वामी ने बताया था पहले वे मासिक धर्म के विषय पर चर्चा भी नहीं कर सकती थी। उन्होंने कहा- “मैं जब छोटी थी, तो इस पर चर्चा नहीं कर सकती थी। इसको मैं केवल अपने तक ही रखूंगी, कोच को नहीं बताऊंगी, चुपचाप ही इसका सामना करूंगी और इससे लड़ूंगी।“
झूलन ने इसे महिला एथलीटों के जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा- “अगर किसी प्रतियोगिता के दौरान पीरियड्स होते है, तो इस कारण मैच पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। इस दौरान आपको मानसिक रूप से अधिक मजबूत रहना पड़ता है। तब ऐसा हो सकता है कि आप अधिक ध्यान केंद्रित करने और अधिक प्रयास कर पाने में सक्षम नहीं हो पाते। परंतु लोग इसे नहीं समझते। उन्हें इसका एहसास नहीं होता। वे बोलते है कि अरे यार इसे क्या हो गया? लोग पर्दे के पीछे की कहानी नहीं जानते। यह ऐसी स्थिति होती है, जिसका सामना दुनियाभर की महिला एथलीटों को करना होता है, इसलिए यह बेहद ही महत्वपूर्ण है।“ झूलन ने इस दौरान पूछा- “क्या हम प्रतिस्पर्धा के दौरान मासिक धर्म चक्रों को समायोजित करने का कोई तरीका ढूंढ सकते हैं? लोगों को इस पर सही तरीके से शोध करने की आवश्यकता है। बहुत सारे विज्ञान है।“
इस दौरान दिग्गज गेंदबाज ने महिला एथलीटों के हौसलें की प्रशंसा की, जो मासिक धर्म में पीड़ा के दौरान स्वयं को प्रतियोगिता में बनाए रखती है। उन्होंने कहा कि “इस दौरान आप एक कमरे में रहकर आराम करना चाहते हैं। परंतु हम ऐसा नहीं कर सकते। हम बहाना नहीं बना सकते। मैदान पर छह घंटे खेलना बहुत बड़ा काम है और यही हमारी महिला एथलीटों की खूबसूरती भी है।” गोस्वामी ने कहा कि “यह देखने के लिए शोध की आवश्यकता है कि वो किन परिवर्तनों से गुजरती हैं और उन्हें कैसे कम किया जाए।“
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दिग्गज खिलाड़ी झूलन गोस्वामी ने उठाई महत्वपूर्ण बात
देखा जाए तो झूलन गोस्वामी ने महिला एथलीटों की इस समस्या को लेकर बेहद ही महत्वपूर्ण और उचित बातों को उठाया है। मासिक धर्म को लेकर आज के समय में लोगों की अवधारणा बदल रही है। समाज में इसको लेकर जागरूकता बढ़ने लगी। आज इसे किसी समस्या की तरह देखने के बजाए, महिलाएं मजबूती से इसका सामना करती है। मासिक धर्म कोई समस्या तो नहीं, परंतु इस हकीकत से भी मुंह नहीं फेरा जा सकता कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को पीड़ा और कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जब किसी महिला को मासिक धर्म के दौरान कई घंटे मैदान में पसीने बहाने पड़े, तो यकीनन उनके लिए यह चुनौती से भरा समय होता होगा। ऐसे में झूलन ने इसे मुद्दे को उठाते हुए लोगों का ध्यान इसकी ओर आकर्षित करने के प्रयास किए।
बात झूलन गोस्वामी की करें तो वे एक दिग्गज खिलाड़ी रही हैं। 20 साल के अपने करियर में झूलन ने भारतीय महिला क्रिकेट में अपना अतुल्य योगदान दिया और इसके माध्यम से उन्होंने वे एक अमिट छाप छोड़कर जा रही हैं। 39 साल की झूलन ने 6 जनवरी 2002 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने कदम रखे थे। वे अब तक 281 मुकाबले खेल चुकी हैं, जिनमें गोस्वामी ने 352 विकेट झटके है। विश्व कप में सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में झूलन का नाम शीर्ष पर आता है। विश्व कप के 34 मुकाबलों में उन्होंने 43 विकेट लिए हैं। झूलन ने टी-20 और टेस्ट क्रिकेट को पहले ही अलविदा कह दिया। झूलन गोस्वामी के क्रिकेट में उनके योगदान और रोमांचक सफर पर बायोपिक भी बन रही हैं, जिसमें एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा उनका किरदार निभाती नजर आएगीं।
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