TFI के विस्फोटक आर्टिकल के बाद BYJUs ने आकाश का पूरा पैसा दे दिया

BYJUs की वास्तविकता जनता के सामने लेकर आया TFI

BYJUs

आप किसी से एक बार झूठ बोल लेंगे, दोबारा भी बोल लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है कि आप बार-बार और हमेशा ही अपना एकतरफा सत्य बताते जाएंगे और जनता उसे मानती जाएगी, जनता इतनी भी भोली नहीं है। एक कहावत है कि काठ की हांडी बार-बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती और उसका अंत आग में ही निहित होता है, हाल में ऑनलाइन एजुकेशन देने वाले ऐड टेक प्लेटफॉर्म BYJUs के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उसकी वित्तीय स्थिति लगातार खराब होती गयी लेकिन इस पर कंपनी का मैनेजमेंट तनिक भी ध्यान नहीं देता था। अब जब TFI ने कंपनी की पोल खोली तो BYJUs के होश ठिकाने आ गए हैं और कंपनी अपनी छवि चमकाने के प्रयासों में लग गयी।

इस लेख में जानेंगे कि कैसे BYJUs के बारे में TFI के द्वारा किए गए विस्फोटक रिपोर्ट के बाद, आकाश के अधिग्रहण के लिए BYJUs ने ब्लैकस्टोन का बकाया अंततः चुकता कर दिया है।

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TFI ने बिजनेस पैटर्न को लगभग डीकोड ही कर दिया 

आज हम Byjus की पूरी कहानी बताने वाले हैं। हम पहले भी कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में आपको बता चुके हैं, बता चुके हैं किस तरह कंपनी अपने खस्ताहाल में है। वहीं हमने कंपनी के बिजनेस पैटर्न को भी लगभग डीकोड कर दिया था, हमारे सत्य बताने से BYJUs के शीर्ष पर बैठे लोगों को बहुत परेशानी हुई। वहीं कंपनी को सोशल मीडिया पर लोगों के कड़वे प्रश्नों के उत्तर भी देने पड़े। अंत में कंपनी ने अपनी छवि चमकाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है जो कि वास्तव में TFI की जीत को दर्शाता है।

दरअसल, आनलाइन लर्निंग एप्लिकेशन BYJUs की वित्तीय स्थिति तेजी से खराब हुई है, ऐसा नहीं है कि यह मामला इतना सहज है बल्कि इसके पीछे झोल की पूरी सूची है। चलिए आज आपको पूरा गणित समझाते हैं। कंपनी फंडिंग न मिलने के बाद भी फंडिंग की घोषणा कर देती है। कंपनी का निवेश भी संदेह के घेरे में रहा है। BYJUs ने एक विदेश स्थित कंपनी से 1200 करोड़ रुपये के फंडिंग राउंड की घोषणा की। हालांकि, कंपनी को अभी तक ये फंड नहीं मिला है।

कंपनी के निवेश संबंधी इस झोल में छोटी से लेकर बड़ी कंपनियां फंसने लगीं। सितंबर 2021 में, यूएस-आधारित ऑक्सशॉट ने 2,85,072 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से BYJUs में सीरीज़ F राउंड के हिस्से के रूप में 1,200 करोड़ रुपये का निवेश किया। द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट के अनुसार, राउंड में अन्य निवेशकों में एडलवाइस (344.9 करोड़ रुपये), आईआईएफएल (110 करोड़ रुपये), वेरिशन मल्टी-स्ट्रैटेजी मास्टर फंड (147 करोड़ रुपये) और एक्सएन एक्सपोनेंट होल्डिंग्स (150 करोड़ रुपये) शामिल थे।

कंपनी को उम्मीद थी कि इससे उसकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। साल 2020 में कंपनी ने अच्छी ग्रोथ हासिल की थी और सच कहें तो कोरोना युग इन आईटी सेक्टर्स की कंपनियों के लिए एक बेहतरीन साल रहा था लेकिन अहम बात यह है कि कोविड के बाद कंपनी का नेटवर्क गिरने लगा और वित्तीय स्थिति लगातार खराब होती गयी।

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TFI की भविष्यवाणी सही साबित हुई

TFI द्वारा लगातार यह बताया गया कि दो वर्षों पूर्व जो BYJUs मुनाफे में चल रही थी, वो कैसे अब बर्बाद होती चली जा रही है। लगातार यह अनुमान जताए जा रहे हैं BYJUs दिवालिया होने की कगार पर आकर खड़ी हो गयी है और कुछ ऐसा ही हुआ। TFI की भविष्यवाणी सही साबित हुई जब कंपनी ने 18 महीनों बाद अपने वित्तीय आंकड़े जनता के सामने रखे। इस रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में BYJUs का घाटा 17 गुना बढ़ गया। कंपनी को 4500 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, जो एक वर्ष पूर्व यानी वित्त वर्ष 2019-20 में 262 करोड़ रुपये था। केवल इतना ही नहीं कंपनी के राजस्व में भी भयंकर कमी आयी है और यह राजस्व 2020-21 में 14 फीसदी घटकर 2428 करोड़ रुपये रह गया है जबकि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व 2704 करोड़ रुपये रहा था।

अब यह तो लाजिमी है कि आप किसी का सच सामने ले आएंगे तो वो कांपने लगेगा। नतीजा यह हुआ कि कंपनी की को फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ ने TFI की  रिपोर्ट को बेबुनियाद साबित करना शुरू कर दिया। उन्होंने हमारे अलग-अलग लेखों के स्क्रीन शॉट डालकर उनके टाइटल पर प्रश्न खड़े किए। दिव्या गोकुलनाथ ने सीधे सीधे यह आरोप लगाया कि TFI केवल कंपनी को टारगेट कर रहा है जबकि असल में BYJUs की ग्रोथ अभूतपूर्व स्तर तक जाने वाली है।

दिव्या गोकुलनाथ ने कंपनी की ग्रोथ को लेकर TFI की बातों को नकारते हुए कहा, “आपने बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर देखी या नहीं, मुझे यकीन है कि आपने हमारे परिणाम देखे होंगे, लेकिन क्या आपने पूरी तस्वीर देखी है? क्योंकि फिल्म समीक्षाओं की तरह ही, 280 कैरेक्टर पढ़ने वाले इस युग में सच्चाई से अधिक सनसनीखेजता को क्लिक किया जाता है।” दिव्या गोकुलनाथ ने TFI के लेखों पर प्रश्न उठाते हुए लिखा, “हमारे बारे में लिखी गई कहानियों से मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई। वास्तव में हमारे परिणामों पर अधिकांश रिपोर्ट की सामग्री सकारात्मक है लेकिन कुछ सुर्खियों की बात और है। यह भूलना आसान है कि वित्त वर्ष 2022 के बाद हम 18 महीने आगे आ चुके हैं और इस अवधि में BYJUs 4 गुना से अधिक बढ़ गया या फिर वित्त वर्ष 2021 में हमारे ‘चौड़े घाटे’ को वित्त वर्ष 2022 ने घटाकर आधा कर दिया गया है।”

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जनता के सामने सत्य लेकर आया TFI

TFI ने एक बार फिर उनका झूठ खोलकर जनता के सामने रख दिया। वहीं कंपनी लगातार अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर लोगों की आलोचनाओं का शिकार होने लगी और इसी बीच एक बड़ी खबर आयी। यह ख़बर उस डील को लेकर थी जिसका मुद्दा TFI ने उठाया।

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के अधिग्रहण के लिए एडटेक डेकाकॉर्न BYJUs ने निजी इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन को उसका बकाया भुगतान कर दिया। भुगतान 1,983 करोड़ रुपये की अंतिम किश्त का किया गया है। बताया जाता है कि जून 2022 तक ऐसे बड़े अधिग्रहण के लिए कंपनी को उसके निवेशक ब्लैकस्टोन की बताया भुगतान करना था, जिसे उस समय 2022 के ही 23 सितंबर तक के लिए टाला गया। अप्रैल 2021 में 950 मिलियन डॉलर के बड़े अधिग्रहण की BYJUs ने घोषणा की थी।

अब कंपनी ने बकाया चुका तो दिया है लेकिन प्रश्न यह उठता है कि अभी तक क्यों नहीं चुकाया था। इस प्रश्न का सीधा और सटीक जवाब है कि कंपनी के पास अपने देनदारो को देने के लिए पैसे नहीं थे और वह कोई बड़ा रिस्क नहीं लेना चाहती थी। वहीं ध्यान देने वाली बात है कि TFI Media ने BYJUs की पूरी जन्मपत्री खोल कर रख दी है। TFI के लेखों की ताकत और वास्तविक पत्रकारिता के कारण कंपनी की छवि पर नाकारात्मक असर पड़ने लगा था। लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर लगातार कंपनी की आलोचना की जाने लगी थी। लोगों ने स्पष्ट शब्दों में कंपनी को चोर और दिवालिया समेत धोखेबाज जैसे विशेषणों की संज्ञा तक देना शुरू कर दिया था। कंपनी की को फांउडर ने हमारे लेखों को क्लिक बिट बताया, उनका कहना था कि हम बस चंद व्यूज पाने के लिए कंपनी को बदनाम कर रहे हैं जबकि वास्तविकता यह है कि वे स्वयं ही कंपनी की असलियत छिपा रही थीं।

BYJUs की को फाउंडर का कहना था कि कंपनी की वित्तीय रिपोर्ट ठीक वैसी ही है जैसा बालीवुड मूवी ब्रह्मास्त्र का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन है। असल में सच कहा था उन्होंने, जैसे ब्रह्मास्त्र का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन फुस्स था ठीक वैसे ही BYJUs की वित्तीय रिपोर्ट फुस्स निकली है।

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खामी प्रोडक्ट में होगी तो डिमांड तो कम होगी ही

पत्रकारिता के काम में लगे TFI को BYJUs ने लगातार बदनाम करने का प्रयास किया लेकिन TFI ने BYJUs का पूरा भेद खोलकर यह जाहिर कर दिया कि वास्तविक ब्लॉकबस्टर काम हम करते हैं और यही कारण है कि करोड़ों भारतीय पाठकों का हम पर अडिग विश्वास है।

दिव्या गोकुलनाथ को पहले अपने प्लेटफॉर्म को दुरुस्त करना चाहिए। जिन बच्चों ने कंपनी का सब्सक्रिप्शन ले लिया है वे सोशल मीडिया पर आए दिन प्लेटफॉर्म की खामियां उजागर करते रहते हैं। उन्हें अनेकों मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बच्चे इस प्लेटफॉर्म पर पढ़ने के उद्देश्य से आते हैं लेकिन वास्तव में परेशानियों और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। यही कारण है कि लोग सोशल मीडिया पर यह तक लिखने लगे हैं कि वे कभी भी BYJUs से अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं कहेंगे।

इतना ही नहीं कंपनी की माली हालत बेहद खराब है क्योंकि जब खामी प्रोडक्ट में होगी तो डिमांड खत्म हो जाएगी और निवेशकों का पैसा स्पष्ट रूप से डूबेगा। ऐसे में आवश्यक है कि निवेशकों का पैसा डुबाने के बजाए कंपनी या तो अपनी वित्तीय स्थिति सुधारे या फिर कंपनी को बंद कर निवेशकों का पैसा उन्हें दे दे, क्योंकि TFI यह कह चुका है कि यदि कंपनी यूं ही संचालित होती रही तो इसका अंत निश्चित है और हम यह अह सकते हैं कि हमारी अन्य भविष्यवाणियों की तरह यह भविष्यवाणी भी सही ही साबित होगी।

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