चंडीगढ़ मामला: पोर्न माफिया समेत पूरे सिंडिकेट के अस्तित्व को खत्म करने की आवश्यकता है

ये ऐसे सुधरने वाले हैं ही नहीं!

चंड़ीगढ़ विश्वविद्यालय

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अभी के समय में इंटरनेट हमारे लिए वरदान समान है लेकिन कुछ मामलों में यह हमारे लिए किसी अभिशाप से भी कम प्रतीत नहीं होता। मौजूदा समय में यह देखने को मिल रहा है कि कैसे इंटरनेट के बढ़ते उपयोग से आजकल कई बच्चे गलत रास्ते पर जा रहे हैं। इसका नवीनतम उदाहरण चंड़ीगढ़ की मोहाली घटना से देखने को मिलता है। हाल ही में चंड़ीगढ़ के एक निजी विश्वविद्यालय में एक छात्रा के द्वारा हॉस्टल की अन्य छात्राओं का आपत्तिजनक वीडियो बनाने का मामला सामने आया, जिसने हर किसी को अंचभित करके रख दिया।

पूरी घटना कुछ ऐसी है कि चंड़ीगढ़ विश्वविद्यालय की करीब 60 छात्राओं का कथित MMS वायरल होने का मामला सामने आया है। आरोप ऐसे लगे हैं कि यूनिवर्सिटी में ही पढ़ने वाली एक छात्रा ने हॉस्टल के बाथरूम में नहाती हुई लड़कियों के वीडियो बनाए और इसके बाद उसे अपने एक पुरुष मित्र को भेज दिया। कथित तौर पर यहां से छात्राओं के वीडियो को इंटरनेट पर अपलोड कराया गया था। हालांकि, पंजाब पुलिस का कहना है कि छात्रा के द्वारा केवल अपने वीडियो ही भेजे गए थे। दावा तो यह तक किया गया कि इस घटना के बाद आठ छात्राओं ने आत्महत्या के प्रयास तक किए परंतु पंजाब पुलिस द्वारा इन बातों को अफवाह बताया गया है।

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इससे पहले भी आए हैं ऐसे मामले

चंड़ीगढ़ विश्वविद्यालय में घटी यह घटना इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है। आज से 18 वर्ष पूर्व जब स्मार्टफोन तो छोड़िए सामान्य फोन की पहुंच भी अधिक लोगों तक नहीं बनी थी, तब ऐसी ही एक घटना देश की राजधानी दिल्ली में घटी थी। वर्ष 2004 में दिल्ली के एक नामचीन स्कूल में दो नाबालिग छात्र-छात्राओं का अश्लील वीडियो सामने आया था। उस दौरान देश में कैमरे वाला फोन नया नया ही आया था। छात्र ने अपनी दोस्त के साथ अश्लील हरकतें करते हुए यह वीडियो रिकॉर्ड किया था। छात्रा का कहना था कि वीडियो रिकॉर्डिंग के बारे में उसे जानकारी नहीं थी। बाद में यह वीडियो कई अश्लील साइट्स पर भी वायरल होने लगा। आईआईटी के एक छात्र ने वीडियो क्लिप को बाजी डॉट काम नाम की एक वेबसाइट पर सेल करने के लिए लिस्ट भी कर दिया था। इस मामले को लेकर पूरे देश में जमकर बवाल मचा था।

2020 में बॉयज लॉकर रूम कांड को लेकर भी काफी बड़ा विवाद खड़ा हुआ था। दिल्ली के एक नामी स्कूल के कुछ बच्चों ने इंस्टाग्राम पर एक ग्रुप बनाया था, जहां छात्राओं के फोटोज और वीडियोज एडिट करके भेजे जाते थे। केवल इतना ही नहीं, इस ग्रुप में तो लड़कियों के बलात्कार तक की योजना बनाई जाती थी। जब ग्रुप पर अश्लीलता ज्यादा बढ़ गई तो एक सदस्य ने ग्रुप छोड़ दिया और उस पर हुई चैट्स का स्क्रीनशॉट ले  लिया। ग्रुप के कुछ चैट वायरल हुए जिसके बाद मामला प्रकाश में आया। ध्यान देने वाली बात है कि इसमें शामिल ज्यादातर बच्चे नाबालिग थे।

बात वर्तमान घटना की करें तो चंड़ीगढ़ विश्वविद्यालय के हॉस्टल से यूं छात्राओं की वीडियो बनाकर उसे पोर्न साइट्स पर अपलोड कर देने का यह मामला बेहद ही भयावह है। इसका मतलब है कि हम कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। लड़कियां मॉल वगैरह में शॉपिंग करने के लिए जाती हैं तो वहां वो चेजिंग रूम का उपयोग करती हैं। परंतु इन चेजिंग रूम से लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर पोर्न साइट पर अपलोड करने के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके अतिरिक्त होटल में भी हिडन कैमरा होने का संदेह अक्सर ही बना रहता है।

पोर्न माफियाओं को कुचलने का समय आ गया है!

देखा जाए तो भारत में पोर्न पूरी तरह से प्रतिबंधित है। देश में पोर्न बनाने, बेचने, शेयर करने और इसके प्रदर्शन आदि पर बैन है। बावजूद इसके पोर्न माफिया सक्रिय रूप से काम करते नजर आते हैं। पोर्न आजकल एक तरह से धंधा बन चुका है, जिसके माध्यम से लोग मोटा पैसा कमाते हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा से जुड़ा मामला तो आप अवश्य भूले नहीं होंगे। अश्लील फिल्में बनाकर मोटी कमाई करने के आरोप में पिछले वर्ष राज कुंद्रा की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद उन्हें कई दिन जेल में भी बिताने पड़े थे।

राज कुंद्रा का मामला तो केवल एक उदाहरण हैं। न जाने उनके जैसे कितने बड़े छोटे खिलाड़ी इस अश्लील काम में लिप्त होंगे। वैसे तो भारत में पोर्न से जुड़ी कोई इंडस्ट्री ही नहीं है। बावजूद इसके चोरी-छिपे अवैध तरीके से इसे केवल चलाया ही नहीं जा रहा बल्कि देश में बड़ी ही तेजी से यह फल फूल भी रहा है। अवैध रूप से चलाए जाने के कारण इसमें बच्चों तक का इस्तेमाल किया जाता है। यूं गलत तरीके से महिलाओं और लड़कियों की अश्लील वीडियो बनाकर इन्हें तमाम साइट्स पर अपलोड किया जाता है, जो पूरी तरह से उन लड़कियों के जीवन को बर्बाद करके रख देता है।

ऐसे में पोर्न माफियाओं को कुचलने का समय आ गया है। जैसे एक समय में मुंबई पर अंडरवर्ल्ड का बोलबाला हुआ करता था, पूरी मुंबई अंडरवर्ल्ड के इशारों पर ही चलती थी। जिस तरह से मुंबई के अंडरवर्ल्ड को कुचला गया और इसका नामोनिशान ही मिटा दिया गया, ठीक वैसे ही अब पोर्न माफियाओं और उनके सिंडिकेट को भी पूरी तरह से कुचलने की आवश्यकता है। सरकार को इन मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए और शीघ्र से शीघ्र इस मामले में सख्त कदम उठाना चाहिए।

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