क्या कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि उसका मकसद पीएम मोदी की हत्या करना है?

और कितना नीचे गिरेगी कांग्रेस

RSS

देश की सबसे पुरानी पार्टी होने का घमंड करने वाली कांग्रेस अपने कर्मों का ही परिणाम भुगत रही है। कभी पूरे देश में दशकों तक राज करने वाली कांग्रेस आज केवल दो ही राज्यों में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है। कांग्रेस की जो मौजूदा हालत है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि वो दिन अब अधिक दूर नहीं जब भारत के चुनावी नक्शे से वो पूरी तरह से मिट जाएगी। यही कारण है कि स्वयं को पुर्नजीवित करने के प्रयासों में जुटी कांग्रेस आजकल भारत जोड़ो यात्रा पर निकली हैं।

अपनी ही फजीहत करा रही है कांग्रेस

न जाने किस भारत को जोड़ने के लिए कांग्रेस अपने चश्मोचिराग राहुल गांधी के नेतृत्व में यह यात्रा निकाल रही है। परंतु देखा जाए तो कांग्रेस अपनी इस यात्रा के माध्यम से भारत तोड़ने का काम अधिक करती नजर आ रही है। भारत जोड़ो यात्रा के बीच ही कांग्रेस ने एक बार फिर ऐसा कुछ कांड कर दिखाया है, जिसके जरिए वो अपनी भारी फजीहत करा बैठी है।

दरअसल, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर राजनीति बढ़ते-बढ़ते कब RSS की निक्कर तक आ गयी यह पता ही नहीं चला। हाल ही में कांग्रेस ने अपन आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से RSS की “जलती निक्कर” की एक तस्वीर साझा की, जिसके बाद इस पर भारी विवाद खड़ा हो गया है। उल्लेखनीय है कि खाकी निक्कर कुछ समय पहले तक आरएसएस का ड्रेस कोड हुआ करता था परंतु अब यह बदल गयी है।

कांग्रेस की इस हरकत पर भाजपा बुरी तरह से बिफर पड़ी और उस पर देश के माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाने लगी। भाजपा का कहना है कि इसके जरिए मुख्य विपक्षी दल देश को हिंसा के लिए उकसा रहा है और देश में आग लगाने के प्रयास कर रही है।

परंतु मामला केवल यहीं सीमित नहीं रहा, कांग्रेस द्वारा RSS की जलती निक्कर वाली किए गए ट्वीट पर राजनीति हो रही थी। इन सबके बीच कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए RSS की जलती निक्कर वाली फोटो के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी जोड़ दी। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी भी RSS की पोशाक में ही नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी लिखा- “निक्कर में आग लग गयी।

यहां यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि मणिकम टैगोर तमिलनाडु की विरुधुनगर से कांग्रेस सांसद हैं और वो राहुल गांधी के काफी करीबी भी माने जाते हैं।

और पढ़ें- पहले द कश्मीर फाइल्स, फिर RRR और अब RSS पर फिल्म, बदल रही है भारतीय सिनेमा की स्थिति!

RSS की जलती निक्कर का मामला

अब यहां प्रश्न यह उठता है कि आखिर RSS की जलती निक्कर के साथ प्रधानमंत्री मोदी को जोड़कर कांग्रेस और उसके सांसद संदेश क्या देना चाह रहे हैं? क्या वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध हिंसा को उकसा रहे थे? या फिर किसी बड़ी साजिश का इशारा कर रहे थे? ये बात तो समझ में आती है कि जो सरकार सत्ता में बैठी है उनके विरुद्ध बोलने का आपको पूरा अधिकार है। परंतु विरोध की आड़ में आप प्रधानमंत्री जैसे ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति के लिए इस प्रकार का काम करेंगे तो यह कहां तक सही है? जो सांसद प्रधानमंत्री के विरुद्ध हिंसा को उकसा रहा है, क्या उसके विरुद्ध कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है?

कांग्रेस अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही “RSS की जलती निक्कर” के मामले को तूल दे रही है, उसको लेकर भाजपा भड़की हुई है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल ने केरल में ‘आतंकवादियों’ को इशारा किया कि आरएसएस के पदाधिकारियों को निशाना बनाया जाए। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस का आग से बहुत पुराना नाता रहा है। सत्ता में रहने के दौरान उसने पंजाब को आग में झोंका और वर्ष 1984 में सिखों को जिंदा जलाया था।

बात कांग्रेस की यात्रा की करें तो यह भारत जोड़ो यात्रा की जगह हिंदू अपमान यात्रा अधिक दिखायी देती है। सनातन धर्म का अपमान करना हमेशा से ही कांग्रेस के डीएनए में शामिल रहा है। अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने फिर इसका साक्ष्य दे दिया। दरअसल, 10 सितंबर को तमिलनाडु के  कन्याकुमारी में विवादित कैथोलिक पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मुलाकात की थी। इस मुलाकात का एक वीडियो क्लिप भी काफी वायरल हुआ, जिसमें भड़काऊ बयानों के लिए परिचित पादरी पोन्नैया राहुल गांधी को यह समझाते दिखे कि केवल जीसस क्राइस्ट यानी यीशु मसीह ही एकमात्र वास्तविक भगवान हैं, कोई शक्ति देवी या देवता भगवान नहीं हैं। वीडियो के सामने आने के बाद इस पर भारी बवाल मचा और राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग भी उठी थी। अब आप स्वयं ही समझ सकते हैं कि कांग्रेस किस नीयत से भारत जोड़ा यात्रा पर निकली है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Exit mobile version