स्वघोषित ईमानदार पार्टियों में से एक आम आदमी पार्टी और उसके नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार कितनी ईमानदार हैं वो हाल के कुछ समय से जगज़ाहिर होता जा रहा है। दिल्ली के हर विभाग में भ्रष्टाचार का यह आलम है कि आज शराब से लेकर बसों तक सभी के विभागों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है और जैसे ही इस जांच की आंच आती दिखती है तो यही केजरीवाल सरकार बिलबिलाकर “सब मिले हुए हैं जी” का राग अलापना शुरू कर देती है।
इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे भ्रष्टाचार का नया पर्याय बने अरविंद केजरीवाल का अब लंबा नपना तय हो गया है।
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बसों की खरीद संबंधी भ्रष्टाचार के आरोपों की होगी जांच
दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार द्वारा 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद संबंधी भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जांच को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो या सीबीआई को दिल्ली परिवहन निगम द्वारा 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद की जांच करने का काम सौंपा गया है। मुख्य सचिव नरेश कुमार की सिफारिश के बाद मामले को जांच एजेंसी को सौंपने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञात हो कि जिस प्रकार उपराज्यपाल को आबकारी नीति के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई थीं उसी प्रकार उपराज्यपाल को जून माह में एक शिकायत मिली थी, जिसमें दिल्ली परिवहन मंत्री की बसों के टेंडर और खरीद और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) की नियुक्ति से संबंधित समिति के अध्यक्ष के रूप में भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगाया गया था। अधिकारियों ने कहा कि उपराज्यपाल ने जुलाई में मुख्य सचिव को यह शिकायत भेजी थी और अगस्त में मुख्य सचिव से एक रिपोर्ट मिली थी।
मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में निविदा प्रक्रिया में गंभीर विसंगतियों की ओर इशारा किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि “सीवीसी दिशानिर्देशों और सामान्य वित्तीय नियमों का घोर उल्लंघन है।” डीआईएमटीएस को जानबूझकर निविदा प्रक्रिया में विसंगतियों को छिपाने के लिए सलाहकार बनाया गया था।
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सब झूठ, बस आम आदमी पार्टी ही सत्यवादी
अब ऐसा तो है नहीं कि ये सभी जांच झूठ हैं और सत्यवादी आम आदमी पार्टी ही है। पहले ठेकों को खोलने में शराब कंपनियों के आंकाओं और माफ़ियाओं के साथ सरकार का हाथ मिलाना रहा हो या अन्य ख़रीद संबंधी आरोप, केजरीवाल सरकार जमकर पैसों की बर्बादी में संलिप्त पायी जाती है। विज्ञापनों में घोटाला, मोहल्ला क्लीनिक में घोटाला, पानी में घोटाला, बिजली में घोटाला, स्कूल में घोटाला, अस्पताल में घोटाला, ऐसे सभी कामों में घोटाला और भ्रष्टाचार किया। दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने के बाद तो पार्टी के लिए भ्रष्टाचार के रास्ते और मज़बूत हो गए हैं। जो अब तक दिल्ली में हो रहा था अब वो पंजाब में भी हो रहा है।
आम आदमी पार्टी की ये दोनों सरकारें भारी आर्थिक तंगी से जुझ रही हैं। यही कारण है कि दिल्ली में एक के बाद एक नया मंत्री और नया विभाग CBI जांच की रडार पर आता जा रहा है। 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर नकेल कसती जा रही है। ऐसे में शराब नीति के बाद अब परिवहन विभाग के इस घोटाले की जांच शुरू होने पर यह तो सिद्ध हो गया है कि केजरीवाल बोले तो भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार बोले तो केजरीवाल।
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