पेप्सी, कोका कोला और स्प्राइट समेत सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाली अन्य कंपनियों का बाजार बंद होने वाला है क्योंकि 80-90 के दशक में लोगों के दिलों पर राज करने वाली स्वदेशी कंपनी कैंपा कोला एक बार फिर से वापसी करने को तैयार है। The Great Indian Taste के नाम से आने वाली कैंपा कोला उस दौर में लोगों की पसंदीदा सॉफ्ट ड्रिंक हुआ करती थी। अब यही कैंपा कोला बाजार में एक बार फिर से छाने को तैयार है।
दरअसल, मेड इन इंडिया कैंपा कोला भारतीय बाजार में एक बार फिर से वापसी करने वाली है और इसे कोई और नहीं बल्कि एशिया के दूसरे सबसे बड़े अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ही अलग अंदाज में मार्केट में उतारने की तैयारी में हैं। मुकेश अंबानी की रिलायंस ने कैंपा कोला बनाने वाली प्योर ड्रिंक ग्रुप के साथ एक सौदे के माध्यम से इस ब्रांड का अधिग्रहण कर लिया है। जानकारी के मुताबिक यह सौदा करीब 22 करोड़ रुपये में हुआ।
रिलायंस रिटेल के माध्यम से अब सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में उतरने के लिए तैयार है। यह वही रिलायंस रिटेल है, जिसका जिम्मा हाल ही में मुकेश अंबानी ने अपनी बेटी ईशा अंबानी को सौंपा है। ईशा अंबानी के हाथों में रिलायंस रिटेल की बागडोर जाने के बाद ही वार्षिक आम बैठक (AGM) में उन्होंने FMCG कारोबार में उतरने की घोषणा की थी। FMCG तेजी से बिकने वाली वस्तुओं का कारोबार होता है।
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जानकारी है कि इसी वर्ष दिवाली तक कैंपा कोला एक बार फिर बाजारों में छा सकती है। रिलायंस कैंपा कोला को तीन जायकों नींबू, नारंगी और कोला के साथ बाजार में उतारने की तैयारी में है। यह सीधे तौर पर अमेरिकी सॉफ्ट ड्रिंक दिग्गज ब्रांड जैसे कोका कोला, पेप्सी को टक्कर देगी, जिसके कारण ही कभी कैंपा कोला धीरे धीरे अपने अंत के कगार पर पहुंच गई थी। खबरों की मानें तो पहले चरण में रिलायंस इसे अपने रिटेल स्टोर्स, जियोमार्ट और किराना स्टोर्स में बेचेगी। कैंपा कोला के मार्केट में उतरने से सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियों के बीच मूल्य को लेकर होड़ भी देखने को मिल सकती है और इससे ग्राहकों को कम दाम में कोल्ड ड्रिंक उपलब्ध हो सकती है।
आपको ज्ञात होगा कि कैंपा कोला पहले वर्ष 1977 के दौरान मार्केट में आई थी, जब कोका कोला भारत से अपना कारोबार समेटने पर विवश होना पड़ा था। वर्ष 1949 के आसपास का वक्त था, जब भारत में सॉफ्ट ड्रिंक से जुड़ा कोई खास कारोबार नहीं था। तब ऐसे समय में अमेरिकी कंपनी कोका कोला ने भारत की प्योर ड्रिंक्स ग्रुप के साथ साझेदारी कर भारत में कदम रखा। भारत में कोका कोला के लॉन्च और वितरण के पीछे प्योर ड्रिंक्स समूह का ही हाथ था।
फिर आया वर्ष 1973, जब भारत सरकार FERA नाम से एक कानून लेकर आई, जिसके तहत विदेशी कंपनियों को भारत में कारोबार करने के लिए कुछ नियमों में बांधा गया। देश में आपातकाल लगा और इसके बाद जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई। 1976 तक तो कोका कोला जैसे तैसे भारत में कारोबार कर रही थी परंतु फिर सरकार ने कंपनी को लाइसेंस देने से इनकार कर दिया। इसके पीछे का कारण था कोका कोला हमारे नियम नहीं मान रही थी और उसने अपना सीक्रेट फॉर्मूल शेयर करने से इनकार कर दिया था।
फिर क्या था, कोका कोला को अपना कारोबार समेटना पड़ा और सरकार एक कंपनी बनाकर डबल 7 नाम से एक सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में लेकर आई। परंतु यह लोगों को पसंद नहीं आई। जिसके बाद वो प्योर ड्रिंक्स समूह, जो कभी भारत में कोका कोला का वितरण करती थी वही कैंपा कोला नाम की मेड इन इंडिया सॉफ्ट ड्रिंक लेकर आ गई। धीरे-धीरे कैंपा कोला ने सभी को पीछे छोड़ते हुए भारत में सॉफ्ट ड्रिंक से जुड़े बाजार पर अपना एकाधिकार कायम कर लिया। The Great Indian Taste की टैगलाइन के साथ आने वाली कैंपा कोला हर भारतीय को पसंद बनने लगी। करीब 20 वर्षों तक कैंपा कोला ने भारतीय बाजार पर राज किया।
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कई वर्षों तक कैंपा कोला ने जबरदस्त कारोबार किया परंतु फिर Thums Up जैसे भारतीय ब्रांड के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ने और उदारीकरण का दौर आने के बाद कैंपा कोला के बुरे दिन शुरू हो गए। 1991 में जब भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोला गया तो अमेरिकी कंपनी कोका कोला ने भारतीय बाजार में प्रवेश किया और प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण कैंपा कोला का कारोबार सिमटने लगा। वर्ष 2012 आते आते कंपनी रसातल में चली गई थी। हालांकि, अब भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस ने इसे पुर्नजीवित करने का जिम्मा उठाया है।
देखा जाए तो आज संपत्ति के मामले में मुकेश अंबानी भले ही भारतीय अरबपति गौतम अडानी से काफी पीछे रह गए हो परंतु इस दौरान वो अपने कारोबार को तेजी से विस्तार करने में जुटे हुए हैं। अंबानी एक के बाद एक कई क्षेत्रों में प्रवेश करते जा रहे हैं। इसके बाद अब रिलायंस ने कोला मार्केट में अपनी धाक जमाने की योजना बनाई है।
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