गाजियाबाद और उससे आगे: एक कुत्ते के लिए मानव जीवन को कमतर नहीं आंका जा सकता

कुत्ते से प्यार करो पर मानव जीवन के मूल्य पर नहीं!

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कुत्तों को इंसान का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि कुत्ते कर्तव्यनिष्ठ होते हैं। आज के समय में विशेष रूप से देखने को मिलता है कि लोगों में कुत्ता पालने की रुचि बढ़ती जा रही है। विशेषकर आज के समय में युवाओं को कुत्ता पालना काफी पसंद होता है। इसके लिए वो काफी पैसे भी खर्च करते हैं और विदेशी नस्ल के कुत्ते ऊंचे मूल्य पर मंगवाते हैं। कई लोग तो एक बच्चे की तरह अपने कुत्ते का पालन पोषण करते हैं। यहां तक तो सब सही है, परंतु समस्या तब बढ़ जाती है जब कुछ लोग कुत्ते को मनुष्यों से भी ऊपर जानने लगते हैं।

गाजियाबाद की घटना हैरान करती है

हाल ही में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक चौंकाने वाली घटना सामने आयी। लिफ्ट में एक पालतू कुत्ते ने बच्चे को काट लिया। मामला केवल इतना सामान्य नहीं है जितना आपको लग रहा है। दरअसल, घटना कुछ ऐसी है कि एक महिला अपने कुत्ते के साथ लिफ्ट में जा रही थी। इसी दौरान सात से आठ वर्ष का एक बच्चा भी लिफ्ट के अंदर ही होता है, कुत्ता बच्चे को काट लेता है जिससे बच्चा दर्द से कराहने लगता है।

परंतु इस दौरान लिफ्ट में ही मौजूद कुत्ते की मालकिन का दिल जरा भी उस बच्चे के लिए नहीं पसीजता, बच्चे को बचाने की जगह पूरी घटना को देखकर बड़ी ही निलर्ज्जता से वह हंस रही होती हैं। महिला की हरकतों से ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे उनको बच्चे की पीड़ा की कोई पड़ी ही नहीं हो। इससे अधिक संवेदनहीनता की पराकाष्ठा भला और क्या हो सकती है। हालांकि इस पूरे मामले पर कार्रवाई करते हुए महिला के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया गया है। इस घटना का वीडियो खूब वायरल हुआ।

https://twitter.com/DeshmukhHarish9/status/1567014775695233024?s=20&t=QCdhQOKnT__5o9UwlT59_A

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कुछ दिनों पहले भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जब अपने पालतू कुत्ते को बचाने के लिए एक व्यक्ति ने अपने ही बच्चे की जान को खतरे में डाल दिया था। घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें देखने मिला कि एक शख्स अपने पालतू कुत्ते और स्ट्रालर (बच्चा घुमाने वाली गाड़ी) को लेकर सड़क पर जा रहा होता है, तभी अचानक एक दूसरे घर से एक कुत्ता दौड़ते हुए आता है और उसके पालतू डॉगी पर हमला बोल देता है। इस दौरान व्यक्ति अपने कुत्ते को बचाने के लिए स्ट्रालर को छोड़ देता है और अपने मासूम बच्चे की जान को जोखिम में डाल देता है। हालांकि बाद में वह कुत्ते को पकड़कर गाड़ी की तरफ भागता है।

आजकल कई लोग कुत्तों को एकदम अपने बच्चे की तरह पालते हैं। कई मामले में तो यह भी हुआ है कि महिला अपने पालतू कुत्तों को स्तनपान तक कराती हैं। वहीं कई लोग अपने-अपने कुत्ते को प्रेम जताने के लिए उन्हें चुमने लगते हैं। ऐसा करना उनके लिए ही नुकसानदेह होता है, क्योंकि कुत्तों के मुंह में ऐसे कई किटाणु होते हैं जो हमारी सेहत के लिए खतरनाक भी हो सकते है।

कुत्ते भले ही इंसान के कितने भी अच्छे मित्र हों, परंतु इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता था कि वो हैं तो एक जानवर ही, जो कब अपने मालिक का ही दुश्मन बन जाएं कहा नहीं जा सकता। हाल ही में इसका उदाहरण भी देखने को मिला था, जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिटबुल कुत्ते ने कुत्तों को बदनाम करते हुए वफादारी भूलकर अपनी ही मालकिन को नोच-नोचकर मार डाला था। पुलिस ने बताया था कि पालतू पिटबुल कुत्ते ने अपनी मालकिन को डेढ़ घंटे तक नोचता रहा और वो अपनी ही मालकिन का हत्यारा बन गया था।

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कुछ लोग कुत्ते के लिए कानून की मांग करते हैं

कुत्ते बेजुबान जानवर होते हैं, जिनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य हैं। कुत्तों के साथ होने वाली बर्बरता को रोकना भी हमारी ही दायित्व हैं। हालांकि उन्हें एक इंसानी जान से ऊपर समझना भी ठीक नहीं है। परंतु आज के समय में कुछ लोग जो स्वयं को कुत्ता प्रेमी यानी डॉग लवर दिखाने के लिए कुत्तों को इंसान के बराबर ही कानूनी अधिकार दिलाने की मांग तक करते हैं। प्रश्न उठता है कि इस तरह की मांग कितना सही या गलत है।

जानवरों के साथ होने वाली बर्बरता और उन्हें इंसान के बराबर कानूनी अधिकार देने का मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है। जिस पर उस समय के मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा था कि जानवर इंसानों के समान नहीं हैं और याचिकाकर्ता से यह भी प्रश्न किया था कि क्या कुत्ता आपके समान हैं। वर्ष 2020 में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि वो यह मानते हैं कि जानवरों के साथ बर्बरता करने पर दंड अवश्य दिया जाना चाहिए, परंतु जानवर इंसान के बराबर नहीं है। वहीं 2016 में अपनी एक टिप्पणी में शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि कुत्तों को लेकर चिंता इंसानी जान की कीमत से अधिक नहीं समझा जा सकता।

यह समझने की आवश्यकता है कि कुत्ता पालना, कुत्ते के लिए प्रेम जताना सबकुछ ठीक है। परंतु कुत्तों को एक इंसानी जान से अधिक महत्व देना सही नहीं है। कुत्तों को इंसान के बराबर कानूनी अधिकार की मांग कितनी सही है? जरा सोचिए, गाजियाबाद में जब लिफ्ट में कुत्ते ने बच्चे को काटा, तो उसके साथ कोई बड़ी अनहोनी हो जाती तो इसका जिम्मेंदार कौन होता? ऐसे में कुत्ते के साथ प्रेम वगैरह सबकुछ ठीक है, परंतु समझना होगा कि यह सबकुछ एक सीमा में ही हो। कुत्ते के सामने एक मानव जीवन को कम नहीं समझा जा सकता।

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