पहली बार कोई भारतीय कंपनी भारत में ही बनाएगी आई-फ़ोन

इस कंपनी के सिवाय यह इतिहास और कौन बना सकता है?

apple

‘कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता’ इस कथन को आईफोन समझ चुका है इसलिए चीन से आगे भी सभी काम जारी रखने में वो संकोच कर रहा है। आईफोन की मानें तो वो अब मात्र चीन को ही उसका एकमात्र स्थान नहीं बने रहने देना चाहता बल्कि वह भारत से अपने मजबूत रिश्तों की नींव सुनिश्चित करने के लिए भारत की ओर रुख कर चुका है। आईफोन जल्द भारत में ही असेम्बल होकर और यहीं बिक पाएं इस परिप्रेक्ष्य में कदम आगे बढ़ाए जा चुके हैं। ऐसे में सब यथावत रहा तो चीन को टक्कर देने के लिए भारत मोबाईल क्षेत्र में भी बाजी मार पाएगा क्योंकि कई देश चीन से अपने संबंधों को तिलांजलि देने के मूड में हैं। अंततः अब iPhone, MADE in INDIA की शह पर निर्मित होगा और यह भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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बड़ा कदम उठाने वाला है टाटा समूह

दरअसल, भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह कंपनी, टाटा समूह, वर्तमान में एप्पल इंक के लिए एक ताइवानी आपूर्तिकर्ता के साथ चर्चा कर रही है। यह बातचीत मूल रूप से भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए हो रही है। बता दें, टाटा समूह भारत में iPhones को असेंबल करना चाहता है। ताइवान की कंपनी Wistron Corp. के साथ बातचीत का मकसद टाटा को टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग में एक बड़ी ताकत बनाना है। चूंकि, अब तक भारत में कभी भी iPhones निर्माण को लेकर किसी भी कंपनी या समूह ने पहल नहीं की है इस लिहाज से यह पहली बातचीत है जो iPhone निर्माण को लेकर भारतीय समूह टाटा एयर एप्पल इंक के बीच हो रही है।

अगर वर्तमान में चल रही इन वार्ताओं को सफलता मिलती है तो टाटा आईफ़ोन बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बन जाएगी। यह सर्वविदित है कि iPhone निर्माण वर्तमान में मुख्य रूप से चीन से ही होता है लेकिन कोरोना के बाद से जब से चीन का कई मायनों में बहिष्कार होना शुरू हुआ उससे iPhone जैसी कंपनियों को यह सोचने पर विवश कर दिया कि अगर वो चीन से ही ऑपरेट करते रहे तो किसी समय बहिष्कार की दोहरी मार उसे भी झेलनी पड़ेगी। ऐसे में जितना स्वार्थ भारतीय कंपनी का निहित नहीं है उससे कहीं अधिक स्वार्थ तो iPhone जैसी कंपनियों का है।

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विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप जैसे ताइवान के निर्माण दिग्गजों द्वारा इकट्ठा किया जाता है। सौदे की संरचना और अधिक विवरण अभी जारी नहीं किया गया है। यह भी अनुमान लगाया गया है कि यह योजना टाटा को विस्ट्रॉन के भारत परिचालन में इक्विटी खरीद सकती है या कंपनियां पूरी तरह से एक नया असेंबली प्लांट बना सकती हैं। इसके अतिरिक्त वे इन दोनों चालों को निष्पादित कर सकते हैं। कोरोना के बाद से ही Apple खुद को चीन से बाहर विस्तारित करना चाहता है।

यह सत्य है कि, Apple 2022 में अपने तीन अनुबंध निर्माताओं- फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन के साथ भारत में लगभग 1.1-1.2 करोड़ नये iPhones का उत्पादन करने के लिए तैयार है जो 2021 में 7.5 मिलियन से अधिक है। उक्त कार्य का सफल निष्पादन समग्र रूप से भारत के लिए उपलब्धियों का सैलाब साथ लाएगा। सर्वप्रथम भारत के निर्माण शुरू करने से यह चीन के जबरन आधिपत्य को झटका देगा, दूसरा ये कि 2026 में कुल इलेक्ट्रॉनिक निर्यात के लिए भारत का मिशन एक बड़ा समूह बन जाएगा, तीसरा यह कि भारत में iPhones की असेंबलिंग कम टैक्स और आयात शुल्कों के साथ देश के ग्राहक आधार को काफी हद तक पूरा करेगी और चौथा, यह कि भारतीय दिग्गज कंपनी टाटा को एक मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) में यह बदल देगा।

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नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है भारत

भारत प्रतिदिन इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है यह किसी से छुपा नहीं है। 2021 में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का विनिर्माण उत्पादन कुल मिलाकर 5.5 ट्रिलियन भारतीय रुपये से अधिक हो गया है। यह भारत में अब तक के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है, विशेष रूप से मोबाइल फोन निर्माण उद्योग। यह प्रदर्शित करता है कि भारत वर्तमान में लगभग हर संभव क्षेत्र में एक महाशक्ति बनने की होड़ में है। इसमें सरकार द्वारा शुरू की गयी पहलों का एक बड़ा योगदान शामिल है, पहले मेक इन इंडिया और अब आत्मनिर्भर भारत। सरकार की हालिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है। जैसे-जैसे कंपनियां चीन से बाहर जा रही हैं, भारत विनिर्माण बाजार पर कब्जा करने की प्रक्रिया में है। व्यापार करने में आसानी से लगातार आर्थिक सुधार भारत को शीर्ष मोबाइल निर्माता बना देगा। iPhones सूची में हाल ही में जोड़ा जा सकता है।

ऐसे में यह वार्ता अपने गंतव्य तक पहुंचते ही भारत चीन को एक और चोट प्रदान करेगा और यह चोट आर्थिक होगी। इस आर्थिक चोट से बहुत कुछ तितर-बितर हो जाएगा। आज चीन से लगभग हर कोई त्रस्त है, सबकी निगाह उसको टक्कर देने वाले भारत की तरफ हैं। अन्य तमाम विकसित और विकासशील देश यह मानते हैं कि भारत ही है जो चीन को चुनौती देने के साथ-साथ उसका डटकर सामना कर सकता है और MADE in INDIA के तहत भारत में iPhone निर्माण की इस प्रक्रिया का एक अंश होने वाला है।

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