“जो आया है वो जाएगा, कह गए साधु संत!” ये तो समय की रीति है और समय के आगे किसी की नहीं चली है। इसी समय ने हमारे सबसे महान हास्य कलाकारों में से एक राजू श्रीवास्तव को हमसे अलग कर दिया। लंबी बीमारी के पश्चात वे 58 वर्ष की आयु में संसार को छोड़ गए। उनके असामयिक निधन से पूरा राष्ट्र शोकाकुल है, परंतु कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें न केवल इस बात की प्रसन्नता है, अपितु इस बात को वे सार्वजनिक रूप से प्रकट भी कर रहे हैं।
हृदयाघात के पश्चात निधन
हाल ही में राजू श्रीवास्तव का हृदयाघात के पश्चात लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया। सम्पूर्ण राष्ट्र शोकाकुल हैं, क्योंकि वे उन चंद कलाकारों में सम्मिलित थे जिनके प्रशंसकों में कमी तो कतई नहीं थी। परंतु कुछ ऐसे भी निकृष्ट लोग हैं जो केवल अपने आका को प्रसन्न करने हेतु किसी भी स्तर तक गिरने को तैयार हैं।
एक ट्विटर यूजर ‘मुल्ला इब्राहिम’ ट्वीट करते हैं “राजू श्रीवास्तव एक धर्मांध व्यक्ति थे। वो एक नस्लवादी थे, इस्लाम विरोधी थे”। अच्छा जी, चूंकि राजू श्रीवास्तव इनके पंथ के नहीं थे, इनके विचारधारा की सेवा सुश्रुषा नहीं करते थे इसलिए इन्हें मूलभूत अधिकारों से भी वंचित कर दिया जाए, नहीं?
अब कुछ तो अखिलेश बाबू की भांति केवल अपनी राजनीति चमकाने तक सीमित रहते हैं, परंतु कुछ प्रशांत कनौजिया जैसे भी होते हैं।
ऐसे ही एक अन्य ट्विटर यूजर कुंठा से भरे ट्वीट में लिखता है, “मैं पिछले 5-7 वर्षों में खासा नाराज़ था, जब इसने अपना ‘राक्षसी’ चेहरा दिखाया। ये अपशब्द बोल देता था और इतना नीचे गिर गया कि इसने अपना मान सम्मान सब खो दिया। मृत्यु के बाद भी पाप पीछा नहीं छोड़ते, पर यही तो अंतर है हम में और उनमें!” –
Indeed We all loved him for his art and I was really disappointed with him in last 5-7 years, when he showed his monstrous face. He abused and went so low that he lost his art and respect. Sins don't go away even after death but that's the difference with them and us. RIP https://t.co/47wNzaHvOa
— Prashant Kanojia (@KanojiaPJ) September 21, 2022
ये तो कुछ भी नहीं है। भंग पड़ चुके कथित कॉमेडी ग्रुप AIB के वामपंथी कलाकार रोहन जोशी ने जो कहा उसे पढ़कर आप समझ नहीं पाएंगे कि क्या कोई इतना नीचे भी गिर सकता है।
ये व्यक्ति इंस्टाग्राम पर पोस्ट करता है कि “राजू श्रीवास्तव ने नए स्टैंड अप कॉमेडियनों को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हमने कुछ नहीं खोया है। Fu%k Him. उन्हें कॉमेडी की भावना के बारे में कुछ नहीं पता था, भले ही उन्होंने एकाध अच्छे चुटकुले मारे होंगे। जिन भक्तों ने आपदा के वक्त अपनों को खोया, वो तनाव न लें। उनके पापा और अक्षय कुमार एक मंदिर बनवा रहे हैं, वहाँ प्रार्थना कर लेना आत्मा की शांति के लिए। मुझे राजू श्रीवास्तव के जाने का कोई दुःख नहीं” –
Rohan Joshi of AIB is abusing #RajuSrivastav & celebrating his death
These are people who in the name of comedy even went to the extent of Pedophilia, now abusing a natural comedian who was widely respected
Don't forget the people who supported them and their sexual misconduct pic.twitter.com/q4Pl4Ebo9z
— Vikrant ~ विक्रांत (@vikrantkumar) September 21, 2022
ये वो रोहन जोशी बोल रहे हैं जिनका स्वयं का AIB ग्रुप अपने स्वयं के एक रोस्ट वीडियो तक को नहीं संभाल पाया और जब चंद पादरियों से झेला नहीं गया तो उनके सामने ऐसे मिमियाने लगे मानो बकरियों को नहीं इन्हीं को हलाल किया जा रहा हो।
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किसी की मृत्यु पर उत्सव!
इसी पर कटाक्ष करते हुए TFI के संस्थापक अतुल मिश्रा ने रोहन जोशी का पोस्ट्मॉर्टेम करते हुए ट्वीट किया – “यह रोहन जोशी की कुछ कैन्डिड फोटो है, जब AIB को ईसाईयत का उपहास उड़ाने के लिए क्षमा मांगनी पड़ी थी। तब ये चर्च को न्यू ऐज कॉमेडी और न्यू वेव ऑफ कॉमिक्स समझाने में असफल रहे थे। परंतु इनकी इंस्टा स्टोरी देखिए, जब कोविड 19 पर ‘Bhakts’ के मृत्यु का ये जश्न मना रहे थे और इन्हें राम मंदिर का उत्सव मनाने को कह रहे थे और हाँ, इसके लिए इन पर क्षमा मांगने को दबाव नहीं डाला गया!”
Candid photo of Rohan Joshi apologising to the Christian community after AIB made jokes relating to Christianity. He was unable to explain the wave of new comics and new age comedy to the church. pic.twitter.com/5asbkgWFev
— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) September 21, 2022
यही रीति अटल बिहारी वाजपेयी, मनोहर पर्रिकर एवं सुषमा स्वराज की मृत्यु पर भी देखने को मिली थी। राजनेताओं को छोड़िए, इन राक्षसों ने तो सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर तक को नहीं छोड़ा, और इन्हें बचाने में हमारे स्वघोषित फ़ैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर पीछे कैसे रहते –
Here are a few reactions on TOI.
Many on Facebook don't know to use 'Emoji reactions'. But you please continue with your propaganda… pic.twitter.com/pj2qiOygmb— Mohammed Zubair (@zoo_bear) February 6, 2022
अब प्रश्न ये उठता था – यदि आपके विचार किसी से भिन्न हैं तो क्या आप उसके मृत्यु का जश्न मनाओगे? क्या हम जीते जागते zombie नहीं बन रहे? एक बार मैंने भी यही पाप कुछ वर्षों पूर्व किया था और इसके दुष्परिणाम आज भी मुझे कचोटते हैं। अब जो जाते हैं, तो वे न कोई बुरहान वानी है, जिनके जाने से कोई जगह आतंक मुक्त हुई, न ही यह सैयद अली शाह गिलानी, जिनके मृत्यु से देश और समाज का कल्याण हुआ हो, परंतु उन्हें कोसने वाले व्यक्तियों को अपने मानसिकता पर न केवल गर्व होता है अपितु ऐसा प्रतीत होता है जैसे इन्होंने कोई पदक प्राप्त किया है।
परंतु आपको क्या लगता है? ये केवल राजू श्रीवास्तव तक सीमित है? इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं। समय के चक्र को तनिक घुमाइए। जब जनरल बिपिन रावत की असामयिक मृत्यु हुई, तब क्या किया था इन लोगों ने?
भारत में चल रही पाकिस्तान की बी टीम नेशनल हेराल्ड और उसके संपादक संजुक्ता बसु ने एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, “मैं कुछ भी कहने की कोशिश नहीं कर रही हूं, ‘आत्म-सेंसरिंग’ क्योंकि ठीक है दुखद मौत और सब कुछ, लेकिन हां, अभी कुछ हफ्ते पहले उन्होंने (सीडीएस रावत) “कश्मीरी आतंकवादी” की हत्या का उत्साहपूर्वक समर्थन किया था। लोगों को दूसरों के लिए क्रूर मौत की कामना नहीं करनी चाहिए। भले ही वे आतंकवादी क्यों न हों!” संजुक्ता बासु के इस ट्वीट से आप उनकी मानसिक स्थिति और आतंकियों के प्रति उनकी सहानुभूति का स्पष्ट तौर पर अंदाजा लगा सकते हैं!
इस्लामवादियों और खालिस्तानियों से ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा सकती है क्योंकि दुनिया जानती है कि ये किसी के नहीं हैं। लेकिन भारतीय सेना के कुछ पूर्व अधिकारियों ने भी ऐसी प्रतिक्रिया दी, जिसे लेकर उनकी जमकर थू-थू हो रही है। सेवानिवृत्त कर्नल बलजीत बख्शी ने ट्वीट का सहारा लिया और सीडीएस के दुर्घटना की खबर पर खुशी जताई। बख्शी ने बिना नाम लिए सीडीएस पर निशाना साधा और कहा, “लोगों से निपटने का कर्म का अपना तरीका है।” हालांकि, अब इस ट्वीट को हटा दिया गया है।
वहीं, लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल दुहून जैसे अन्य वरिष्ठ सेना अधिकारी, जिन्होंने सीडीएस के समान वर्दी पहनने के बावजूद अपनी घृणित मानसिकता का परिचय दिया।
यही नहीं भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त कर्नल अजय शुक्ला, जो नियमित रूप से बिजनेस स्टैंडर्ड में रक्षा विशेषज्ञ के रूप में प्रोपेगेंडा कॉलम लिखते हैं, उन्होंने भी अपनी मानसिक कुंठा को उजागर किया। भारतीय वायु सेना द्वारा रावत जी की मृत्यु की आधिकारिक घोषणा के कुछ ही घंटों बाद और जब देश शोक में था, शुक्ला ने ट्विटर पर एक केक की तीन तस्वीरें पोस्ट की, जिसका Caption लिखा था “यम्मी”।
यह समझ में आता है कि लोगों का अपना जीवन होता है, लेकिन सेना के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी की मृत्यु और राष्ट्रीय शोक के समय ऐसी तस्वीरें लगाना न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि अजय में सहानुभूति और परिपक्वता की कमी तथा जनरल बिपिन रावत के प्रति कुंठा दिखाई पड़ती है।
This is what former Army officer and currently newspaper columnist @ajaishukla tweeted last night. When called out, he deleted it
Will @bsindia continue to platform him? pic.twitter.com/4JvcL30DwV
— Gems Of (ALTered) News (@GemsOfNews) December 9, 2021
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इसके अलावा विंग कमांडर अनुमा आचार्य नाम की एक अन्य सेवानिवृत्त अधिकारी ने ट्विटर पर दिवंगत CDS के प्रति अपनी नफरत को फिर से दर्शाया। उन्होंने ट्वीट किया, “रोल ख़त्म, खेल ख़त्म, जय हिंद” (रोल ओवर, गेम ओवर, जय हिंद)।
All cowards who wore uniforms and then tainted it, are on the blocking spree but how long you will run?
Anuma Acharya, bootlicker of Gandhi family, you have shown your dirty reality to the whole world, stop flaunting that uniform and rank… you l*ser of the highest order. https://t.co/HyVJnycaex pic.twitter.com/RLnV832Vjw
— Agnostic_Exploring 🎆🎇 (@aimingforlight) December 9, 2021
सच कहें तो यह घृणा इस हद तक बढ़ी हुई है कि वह अपनी विचारधारा के विकृत एजेंडे से देश के लिए अच्छे-बुरे के बीच मुश्किल से अंतर नहीं कर पा रही है। अगर हमने इन्हें अभी नहीं रोका तो राजू श्रीवास्तव तो केवल एक मील का पत्थर हैं, ये तब तक नहीं रुकेंगे जब तक इनकी वासना समूचे समाज का विनाश नहीं कर देती।
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