लालू के लाल अब खाएंगे जेल की दाल, CBI ने लपेट लिया

IRCTC स्कैम में तेजस्वी यादव का उपमुख्यमंत्री पद भी जाएगा!

Lalu ke Lal will eat the Jail’s Dal

Source: TFI

कहते हैं कि बच्चे अपने पिता से सीखते हैं। भारतीय राजनीति में यह कहावत बिल्कुस सही साबित होती दिखती है। पिता राजीव गांधी ने सिख विरोधी दंगों और नरसंहार पर कहा था, ‘बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है’, उसी तरह राहुल गांधी भी आज कल प्रत्येक मुद्दे पर आग लगाने और हिंसा भड़काने की बात कर रहे हैं।

राहुल गांधी की तरह ही बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव भी अपने पिता के मार्ग पर चल रहे हैं। जी हां, जैसे पिता का जेल जाने का लंबा कॉन्ट्रैक्ट हुआ रखा है- ठीक वैसा ही टिकट अब तेजस्वी यादव का भी कट सकता है, तो चलिए समझते हैं कि आखिर ऐसा क्या होने वाला है कि बिहार के डिप्टी सीएम और लालू प्रसाद यादव के सुपुत्र तेजस्वी यादव सलाखों के पीछे जा सकते हैं।‌

दरअसल, अपने लालू प्रसाद यादव से सीख तेजस्वी यादव ने खूब ‘भ्रष्टाचार’ किए लेकिन शायद वे ये भूल गए थे कि जिस तरह बाबूजी जेल गए हैं, वैसे ही उन्हें भी जेल जाना पड़ेगा और उन्हें तो उनके काका नीतीश कुमार भी नहीं बचा पाएंगे। इसकी वजह यह है कि आईआरसीटीसी में जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में सीबीआई ने तेजस्वी यादव की जमानत को रद्द करने के लिए दिल्ली की अदालत में एक अर्जी लगाई है।

और पढ़ें: जिसने चिदंबरम और लालू को जेल में ठुसवाया, उस अधिकारी पर हुआ जानलेवा हमला पर जाको राखे साइयां…

अहम बात यह है कि इधर सीबीआई ने अर्जी दी और दूसरी ओर तुरंत ही कोर्ट ने तेजस्वी यादव को नोटिस भी जारी कर दिया है। इस अर्जी के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने तेजस्वी को समन किया है। सीबीआई की विशेष अदालत में दी गई अर्जी के बाद बिहार की सियासत में हड़कंप मच गया है क्योंकि पिछली बार भ्रष्टाचार से जुड़े कुछ ऐसे ही मामले में नीतीश कुमार खुद को भ्रष्टाचार विरोधी बताते हुए राजद से गठबंधन तोड़ एनडीए में चले गए थे लेकिन अबकी बार नीतीश बाबू मुंह में दही जमा के बैठे हैं।

जानकारी के मुताबिक सीबीआई की स्पेशल जज गीतांजली गोयल ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस नोटिस में तेजस्वी से ये सवाल पूछते हुए जवाब मांगा है कि क्यों न उनकी जमानत रद्द कर दी जाए। वहीं इस मामले सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि ये याचिका IRCTC टेंडर घोटाले को लेकर दी गई है। आपको बता दें कि IRCTC टेंडर घोटाले के केस में तेजस्वी यादव साल 2018 से ही जमानत पर हैं। इस केस में CBI ने पहले ही तेजस्वी यादव समेत बाकी आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है।

इस केस में अगर कोर्ट में ट्रायल में समुचित सबूत और गवाह सामने आ जाते हैं तो तेजस्वी बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं। अगर केस साबित हो गया तो जो धाराएं तेजस्वी पर लगाई गई हैं। उनमें उन्हें सात साल की सजा हो सकती है। गौरतलब है कि रेलवे से जुड़े घोटालों के मामले में उनके कई ठिकानों पर हाल ही में सीबीआई ने छापेमारी की थी और तेजस्वी के पास से अहम सबूत और दस्तावेज जब्त किए हैं।

और पढ़ें:  क्या लालू प्रसाद यादव को जेल से भगाने की साजिश रची जा रही है?

ऐसे में यदि सीबीआई की मांग पर तेजस्वी की जमानत याचिका खारिज होती है तो उन्हें जेल की चक्की पीसनी पड़ सकती है और यदि ऐसा होता है तो तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Exit mobile version