‘भारत जोड़ो यात्रा’ नहीं बल्कि ‘हिंदू अपमान यात्रा’ पर निकले हैं राहुल गांधी

ये रहा प्रमाण!

Rahul Gandhi with George Ponnaiah

Source- Google

कांग्रेस खत्म हो गई है या वो कहते हैं न कि दीप बुझने से पहले फड़फड़ाता है, कांग्रेस की हालत वर्तमान में कुछ वैसी ही है। पार्टी की डूब रही नैया के बीच कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की, जो किसी बड़े स्कैम से कम नहीं है। स्कैम इसलिए क्योंकि कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मात्र 12 राज्यों से ही गुजरेगी यानी शेष 16 राज्यों से इन्हें कोई मतलब ही नहीं है और इसे ‘भारत जोड़ा यात्रा’ के नाम पर प्रचारित किया जा रहा है। इसके अलावा सनातन का अपमान तो कांग्रेस के DNA में है। इसी बीच ‘भारत जोड़ो यात्रा स्कैम’ से जुड़ा एक और बड़ा मामला सामने आया है।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरुआत से ‘भारत और हिंदू अपमान यात्रा’ थी, इसका पर्दाफाश देश की वयोवृद्ध पार्टी कांग्रेस के एकमात्र चश्मोचिराग राहुल गांधी ने स्वयं ही कर दिया है। कैसे प्रधानमंत्री बनने की लालसा में चुनावी हिन्दू बनने वाले राहुल गांधी अपने ही प्रपंच को सार्वजानिक कर रहे हैं वो अब सबके सामने है। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के प्रति उनके मन में इतना विष भरा पड़ा है कि उन्हें नीचा दिखाने की आड़ में वो हिन्दू धर्म को ही नीचा दिखाने में जुट गए हैं। और यह सब किस यात्रा की शह पर हो रहा है वो है “भारत जोड़ो यात्रा।” कितनी विडंबना है कि अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए ये भारत का नाम तो बदनाम कर ही रहे हैं पर एकता की बात करने वाले “जोड़ो” शब्द को भी धूमिल करने में आज राहुल गांधी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

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दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेसी कितना भारत जोड़ने की कवायद कर रहे हैं, उसका पहला रुझान शुक्रवार को आ गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की अगुवाई कर रहे हैं, उन्होंने पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मुलाकात की। अपने भड़काऊ बयानों के लिए जाने जाने वाले पादरी ने अबोध राहुल गांधी से कहा कि यीशु एक “एकमात्र वास्तविक भगवान” हैं। शुक्रवार को राहुल ने कुछ कैथोलिक पादरियों के साथ बैठक की थी, जिसमें विवादित पादरी जॉर्ज पोन्नैया भी मौजूद था। यह बैठक तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में हुई थी। इस बैठक का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जॉर्ज पोन्नैया यह कहते दिख रहा है कि जीसस ही एकमात्र भगवान हैं, दूसरी कोई शक्ति नहीं है।

पोन्नैया बोलता रहा, राहुल गांधी सुनते रहे

ध्यान देने वाली बात है कि जॉर्ज पोन्नैया एक पादरी होने के साथ ही जनन्याग क्रिस्थुवा पेरवई अमाईपु नामक एनजीओ का सदस्य भी है। राहुल गांधी हमेशा से जिस सर्वधर्म संभाव की बात करते हैं असल में वो कभी सर्वधर्म था ही नहीं। राहुल गांधी तो हमेशा से ही एक धर्म शेष संभाव पर काम करते दिखे हैं। वो एक धर्म जिसे शेष छोड़ राहुल गांधी हमेशा अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते रहे हैं वो और कोई नहीं बल्कि वही हिन्दू धर्म है, जिससे नेहरू-गांधी परिवार का अबतक का वंश बढ़ा है। पर राहुल गांधी को इससे क्या ही मतलब। वो तो जहां जाते हैं वही के होकर रह जाते हैं।

अब जिस जगह पर प्रचुर मात्रा में पादरी बैठे हों, वहां मजाल है कि राहुल गांधी अपनी हज़ारों की टी-शर्ट से जनेऊ निकालकर दिखा दें, जैसे वो एक समय पर रैली के दौरान अपने फटे कुर्ते की जेब बाहर निकालकर दिखाते थे। जनेऊ क्या वो तो अब दत्तात्रेय गोत्र तक नहीं बोल पाएं, जो चुनावी समय में वो चिंघाड-चिंघाड कर बता रहे थे। अब जब उनका इतिहास ही अपने हिन्दू धर्म को सिर्फ चुनाव में याद करने का है, जब चुनाव में ही त्रिपुंड वाला मस्तक बाहर आता है तो ऐसे राहुल गांधी से क्या ही अपेक्षा की जा सकती है कि कोई उनके सामने हिन्दू धर्म को इतना सब कुछ कह रहा हो और वो उसका प्रतिकार करें। उन्होंने प्रतिकार न कल किया है, न आज करेंगे और न ही आगे करेंगे।

सिलसिलेवार ढंग से बतायें तो राहुल गांधी जब पादरी जॉर्ज पोन्नैया से सवाल करते हैं कि क्या जीसस ही असली भगवान का रूप हैं? क्या यही सही है? इसके जवाब में पादरी जॉर्ज पोन्नैया कहता है कि यीशु मसीह असली भगवान हैं, वह शक्ति (हिंदू देवी-देवता) की तरह नहीं हैं। ज्ञान बहादुर बनकर पादरी जॉर्ज पोन्नैया के साथी द्वारा राहुल गांधी को पानी की तीन अवस्थाओं का उदाहरण देकर समझाया गया कि राहुल गांधी ईश्वर के पुत्र हैं। वहीं, बीच में जॉर्ज पोन्नैया कहता है कि जीसस ही असली भगवान हैं, वो शक्ति और हिंदू देवताओं जैसे नहीं हैं। पोन्नैया को वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है।

अगर राहुल गांधी लेश मात्र भी दत्तात्रेय गोत्र वाले ब्राह्मण होते तो तुरंत इस बात का तो प्रतिकार करते कि आपके तथ्य अपने होंगे पर आपको हिन्दू धर्म के संदर्भ में ऐसी ओछी टिप्पणी करने का अधिकार किसी ने नहीं दिया, पर राहुल बाबा को तो अपने सेक्युलर कुनबे के रहे बचे नंबर बनाने थे तो वो चुप सुनते रहे और एक संकीर्ण मानसिकता वाले पादरी से ज्ञान लेकर आ गए। जी हां, जॉर्ज पोन्नैया को संकीर्ण मानसिकता का इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस व्यक्ति ने समय-समय पर अपनी संकीर्ण और गिरी सोच का परिचय दिया है।

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पहले भी विवादित बयान दे चुका है पोन्नैया

जुलाई 2021 में ‘जनन्याग क्रिस्थुवा पेरवई अमाईपु’ नामक NGO के सलाहकार व ईसाई पादरी जॉर्ज पोन्नैया ने कन्याकुमारी के अरुमनई में कहा था कि “भाजपा विधायक एम आर गांधी इसलिए चप्पल नहीं पहनते क्योंकि वो भारत माता को दर्द नहीं देना चाहते और हम लोग इसलिए चप्पल पहनते हैं ताकि हमारे पैर गंदे न हों और भारत माता के कारण हमें कोई बीमारी न हो।”

Christian pastor George Ponnaiah arrested for hate speech against Hindus, following police complaints by BJP, IMK and Hindu Munnani across TN

पादरी जॉर्ज पोन्नैया ने इसी सभा में PM नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। तब जॉर्ज पोन्नैया ने कहा था कि “नरेंद्र मोदी का आखिरी दिन सबसे दयनीय होगा। मैं लिखकर दे सकता हूं। अगर जिन भगवान को हम पूजते हैं वो सच में जिंदा हैं तो इतिहास देखेगा कि मोदी और अमित शाह के सड़े शरीर को कुत्ते और कीड़े खाएंगे।”

 

बता दें कि पादरी जॉर्ज पोन्नैया पर पहले भी विवादित बयान देने के आरोप लगते रहे हैं। उन्हें बीते साल जुलाई में मदुरई में गिरफ्तार भी किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और डीएमके नेताओं के खिलाफ हेट स्पीच दी थी अब राहुल बाबा ऐसे सुधिजन से ज्ञान नहीं लेंगे तो क्या इटली से ज्ञान इंपोर्ट करेंगे, वैसे वो समय भी आएगा पर जब तक भारत में भारत विरोधी मैटेरियल मिल रहा है तब तक राहुल बाबा उसका संपूर्ण लाभ उठाने से कभी नहीं चूकेंगे, इस बात को लेकर सभी संतुष्ट हैं। शेष प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के विरोध में पगला चुके कांग्रेसी अब हिन्दू धर्म को ही नीचा दिखाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, जो निश्चित रूप से कांग्रेस के चुनावी ताबूत में अंतिम कील समान प्रतीत होने वाला है।

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