Rani Lakshmi bai essay in Hindi for Class 5 to 8

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स्वागत है आपका आज के इस लेख में जहाँ हम बात करेंगे रानी लक्ष्मी बाई के बारें में, प्रस्तुत लेख रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध है (Rani Lakshmi bai essay in Hindi) जो कक्षा 5 से 8 के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है और आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आएगा।

Rani Lakshmi bai essay in Hindi

Rani Lakshmi bai essay in Hindi: रानी लक्ष्मी बाई- महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म काशी में 19 नवंबर 1835 को हुआ। इनके पिता मोरोपंत ताम्बे चिकनाजी अप्पा के आश्रित थे। माता का नाम भागीरथी बाई था।झांसी की रानी लक्ष्मी बाई थी। रानी लक्ष्मीबाई भारत के पहले स्वतंत्र संग्राम के समय में बहादुर विरंगाना थी। झांसी की रानी ने आखिरी दम तक अंग्रेजों के साथ लड़ाई की थी। इनकी वीरता की कहानियां आज भी प्रचलित है, मरने के बाद भी झांसी की रानी अंग्रेजों के हाथ में नहीं आई थी।

रानी लक्ष्मीबाई अपनी मातृभूमि के लिए जान न्योछावर करने तक तैयार थी।’ मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’ इनका यह वाक्य बचपन से लेकर अभी तक हमारे साथ हैं। रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झांसी की रानी और भारत की स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम वनिता थीं। भारत को दासता से मुक्त करने के लिए सन् 1857 में बहुत बड़ा प्रयास हुआ। यह प्रयास इतिहास में भारत का प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम या सिपाही स्वतंत्रता संग्राम कहलाता है।

मनु जब मात्र चार साल की थीं, तब उनकी मां का निधन हो गया. पत्नी के निधन के बाद मोरोपंत मनु को लेकर झांसी चले गए. रानी लक्ष्मी बाई का बचपन उनके नाना के घर में बीता, जहां वह “छबीली” कहकर पुकारी जाती थी. जब उनकी उम्र 12 साल की थी, तभी उनकी शादी झांसी के राजा गंगाधर राव के साथ कर दी गई. रानी लक्ष्मीबाई स्मारक मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के पडाव क्षैत्र में है।लक्ष्मीबाई की सहेली मुंदरा थी।

उनके पति राजा गंगाधर राव यह सब देखकर प्रसन्न रहते.इसके बाद न सिर्फ नानासाहब ने मनु को शाबासी दी बल्कि उनकी घुड़सवारी की भी तारीफ की और कहा कि मनु तुम घोड़ा बहुत तेज दौड़ाती हो तुमने तो कमाल ही कर दिया। उन्होनें मनु के सवाल पूछने पर ये भी कहा कि – तुम हिम्मत वाली हो और बहादुर भी। इसके बाद नानासाहब और रावसाहब ने मनु बाई की प्रतिभा को देख उन्हें शस्त्र विद्या भी सिखाई।

उनका वैवाहिक जीवन काफी सुखद बीत रहा था कि उनके परिवार में संकट के बादल छा गए। वहीं पुत्र के वियोग में महाराज गंगाधर राव नेवालकर बीमार रहने लगे। इसके बाद महारानी लक्ष्मी बाई और महाराज गंगाधर ने अपने रिश्तेदार का पुत्र को गोद लेना का फैसला लिया।

सोनरेखा नाले को रानी का घोड़ा पार नहीं कर सका. वहीं एक सैनिक ने पीछे से रानी पर तलवार से ऐसा जोरदार प्रहार किया कि उनके सिर का दाहिना भाग कट गया और आंख बाहर निकल आई.

घायल होते हुए भी उन्होंने उस अंग्रेज सैनिक का काम तमाम कर दिया और फिर अपने प्राण त्याग दिए. 18 जून, 1857 को बाबा गंगादास की कुटिया में जहां इस वीर महारानी ने प्राणांत किया वहीं चिता बनाकर उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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Q&A related to Rani Lakshmi Bai

Ques-रानी को छबीली कौन कहता था?
Ans- रानी लक्ष्मी बाई का बचपन उनके नाना के घर में बीता, जहां वह “छबीली” कहकर पुकारी जाती थी.

Ques-झांसी का किला कितने साल पुराना है?
Ans-400 साल पुराना है झांसी का किला |

Ques- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को किसकी गाथाएं याद थी?
Ans -शिवाजी की गाथाएं लक्ष्मीबाई को याद जुबानी थी।

Ques-रानी लक्ष्मीबाई की समाधि कहाँ स्थित है?
Ans-रानी लक्ष्मीबाई स्मारक मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के पडाव क्षैत्र में है।

Ques-लक्ष्मीबाई की सहेली कौन थीं?
Ans-लक्ष्मीबाई की सहेली मुंदरा थी।

Ques-झांसी के रानी की मृत्यु के बाद कौन खुश था?
Ans- झाँसी के रानी की मृत्यु के बाद अंग्रेज अफसर लॉर्ड डलहौजी बहुत खुश हुआ था?

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