बॉलीवुड और उससे जुड़े लोग न जाने किसका मुंह देखकर उठे हैं। जब देखो, जिसे देखो, उसे पटक पटक कर कूटा जाता है और अब तो स्वयं तरण आदर्श भी बॉलीवुड का साथ छोड़ चुके हैं। कम से कम उनके वर्तमान विचारों से तो ऐसा ही लगता है।
तरण आदर्श के फिल्म विश्लेषण पर आज तक कोई संदेह नहीं कर पाया और उनके ट्रेड एनालिसिस को आज भी लोग पत्थर की लकीर मानते है। परंतु जब से बॉयकॉट बॉलीवुड ने ज़ोर पकड़ा है, इन्होंने कई फिल्मों को आश्चर्यजनक रूप से पटक-पटक कर धोया है मानो इनके अंतरात्मा की आवाज जग गयी हो।
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जयेशभाई जोरदार से हुई शुरुआत
इसकी शुरुआत हुई थी जयेशभाई जोरदार जैसी फिल्म को मात्र डेढ़ स्टार देने से। यह उनके स्वभाव के विपरीत था, क्योंकि तरण के बारे में चर्चित था कि वह ‘पैसे लेके’ रिव्यू देते थे। यदि ऐसा नहीं होता तो फिर क्या कारण होता कि दिल चाहता है और गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्में को वो एकदम खराब रेटिंग देते थे और बॉडीगार्ड, भारत जैसी औसत से भी कम दर्जे की फिल्मों को चार से अधिक स्टार देते? इन्होंने तो सत्यमेव जयते 2 और कुली नंबर 1 जैसे लेजेंडस तक को मास्टरपीस बताया है और यह कोई मज़ाक नहीं है।
#OneWordReview…#JayeshbhaiJordaar: POOR.
Rating: ⭐️½
Jordaar concept, but kamzor writing… Screenplay of convenience… #RanveerSingh sparkles, but the amateurish goings-on play spoilsport. #JayeshbhaiJordaarReview pic.twitter.com/fY3xYqzcpI— taran adarsh (@taran_adarsh) May 13, 2022
.@taran_adarsh for you all.
I know shamshera has issues but it's definitely better than the reviews such critics have given.
All these critics like Taran are used to being fed well, screen a show for them , free flight tickets. pic.twitter.com/lYtgv2i233— Kartheek_Özil (@Bareddykartheek) July 22, 2022
परंतु यह रीति यहीं पर नहीं रुकी। जब शमशेरा को कई लोग मास्टरपीस बताने पर तुले हुए थे, तो तरण आदर्श ने सबकी हवा निकालते हुए इसे बकवास, पकाऊ और अझेल सिद्ध किया। इस फिल्म के सुपर डिजास्टर सिद्ध होने में इनकी भी एक विशेष भूमिका थी।
#OneWordReview…#Shamshera: UNBEARABLE.
Rating: ⭐️½
Brings back memories of #ThugsOfHindostan… Even #RanbirKapoor’s star-power cannot save this ship from sinking… EPIC DISAPPOINTMENT. #ShamsheraReview pic.twitter.com/lWStFFzcSX— taran adarsh (@taran_adarsh) July 22, 2022
ये तो कुछ भी नहीं है। जब लाल सिंह चड्ढा को सुपरहिट कराने के लिए मीडिया सभी प्रपंच रच रही थी। लेकिन तरण आदर्श ने हवा निकालते हुए इस फिल्म को भी अपेक्षाओं से बदतर बताया और इसे निराशाजनक सिद्ध करते हुए केवल दो स्टार दिए।
#OneWordReview…#LaalSinghChaddha: DISAPPOINTS.
Rating: ⭐️⭐️#AamirKhan’s comeback vehicle #LSC runs out of fuel midway… Lacks a captivating screenplay to enthrall you [second half goes downhill]… Has some terrific moments, but lacks fire in totality. #LaalSinghChaddhaReview pic.twitter.com/rTuYfJT629— taran adarsh (@taran_adarsh) August 11, 2022
जब कुछ अभिनेताओं ने उलटे जनता को धमकाना प्रारंभ किया तो बिना नाम लिए तरण आदर्श ने उन्हें खरी-खोटी सुनाते हुए ट्वीट किया, “इस भ्रम में मत रहें कि बॉयकॉट से कुछ नहीं होता। ये तथ्य है कि इन अभियान से असर पड़ा है और जबरदस्त पड़ा है, विशेषकर लाल सिंह चड्ढा जैसे फिल्मों पर, और आपको यह सत्य स्वीकारना ही पड़ेगा” –
STOP being in denial about #Boycott calls *not* affecting film biz… The fact is, these #Boycott calls *HAVE* made a dent and impacted the #BO numbers of #LaalSinghChaddha specifically… Face it! pic.twitter.com/YjsH1gGet1
— taran adarsh (@taran_adarsh) August 13, 2022
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बॉलीवुड के एलीट वर्ग की जी हुज़ूरी
इसके अतिरिक्त तरण आदर्श ने करण जौहर के बहुप्रतीक्षित लाईगर को भी कहीं का नहीं छोड़ा। जब फिल्म प्रदर्शित हुई, तो फिल्म की लंका लगाते हुए तरण आदर्श ने लाईगर और उसके निर्माताओं को भी पटक-पटक कर धोया। अब ब्रह्मास्त्र को भी अपेक्षाओं से कमतर बताते हुए तरण आदर्श ने सिद्ध किया है कि वे बदलते हुए समय को भांपने लगे हैं और वे शायद पहले की भांति बॉलीवुड के एलीट वर्ग की जी हुज़ूरी करके अपना काम नहीं चला पाएंगे।
#OneWordReview…#Liger: OUTDATED.
Rating: ⭐️½#Liger fails to meet the expectations… An absolute waste of talent, resources and opportunity… #VijayDeverakonda deserved a better launch in #Hindi movies… This #Liger just doesn't roar! #LigerReview pic.twitter.com/5hO49gh8bR— taran adarsh (@taran_adarsh) August 26, 2022
चाहे आप तरण आदर्श को चाटुकार कहें, चाहे आप उन्हें ‘कट्टर हिन्दू’ कहें, परंतु इस बात में कोई संदेह नहीं कि आज बॉलीवुड की दुर्दशा में तरण आदर्श का भी योगदान है। कभी योग्य फिल्मों को भी सिरे से नकारने वाले तरण आदर्श में अचानक से हृदय परिवर्तन तो नहीं हो सकता। इसे अब इनकी विवशता कहिए, या इनकी परिपक्वता, पर इसमें बॉलीवुड का जो नुकसान हो रहा है, उसमें जनता को अद्भुत आनंद प्राप्त हो रहा है, और कहीं न कहीं तरण आदर्श को भी।
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