• About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
Tuesday, May 30, 2023
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

    28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

    कैसे पीएम मोदी और सेंगोल ने फेरा वर्षों के द्राविड प्रोपगैंडा पर पानी

    कैसे पीएम मोदी और सेंगोल ने फेरा वर्षों के द्राविड प्रोपगैंडा पर पानी

    Kerala Story JNU screening

    JNU screening: एक एक कर सभी वामपंथी किले ध्वस्त कर रही “The Kerala Story”

    उत्तर प्रदेश के वे 5 पकवान जिन्हे चखना अभी बाकी है!

    New Parliament inauguration ने तय की भावी महागठबंधन की रूपरेखा!

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    क्यों भारत मे मंदी की संभावना नगण्य है

    क्यों भारत मे मंदी की संभावना नगण्य है

    टॉय उत्पादन में भारत की मेहनत रंग ला रही

    टॉय उत्पादन में भारत की मेहनत रंग ला रही

    हलाल की कमर तोड़ने हेतु रेलवे ने निकाला “सात्विक” अस्त्र!

    हलाल की कमर तोड़ने हेतु रेलवे ने निकाला “सात्विक” अस्त्र!

    अब IMF भी स्वीकारता : डिजिटल क्रांति में भारत का जवाब नहीं!

    अब IMF भी स्वीकारता : डिजिटल क्रांति में भारत का जवाब नहीं!

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Hamraaz Payslip

    “Hamraaz Payslip” से भुगतान पर सेना के कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ

    Paramjit Singh Panjwar shot dead: अपनी भारतीय सेना पे पूर्ण विश्वास रखें!

    Paramjit Singh Panjwar shot dead: अपनी भारतीय सेना पे पूर्ण विश्वास रखें!

    Pralay Nirbhay Missile

    Pralay Nirbhay Missile: अब चीन की आँखों में आँखें डालकर घूरेंगे भारतीय मिसाइल

    अब भारतीय सेना के पास होंगी अपनी सैटेलाइट

    अब भारतीय सेना के पास होंगी अपनी सैटेलाइट

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    मोदी ऑस्ट्रेलिया यात्रा

    वैदिक मंत्रोच्चार और जनसमूह अपार : मोदीजी का ऑस्ट्रलिया दौरा रहेगा यादगार!

    NIA बजाएगी यूके में खालिस्तानियों का ढोल!

    NIA बजाएगी यूके में खालिस्तानियों का ढोल!

    जेलेन्सकी के लिए पीएम मोदी का विशेष संदेश

    जेलेन्सकी के लिए पीएम मोदी का विशेष संदेश

    सैंक्शन की धमकी दे रहे EU को जयशंकर ने दिखाए दिन में तारे

    सैंक्शन की धमकी दे रहे EU को जयशंकर ने दिखाए दिन में तारे

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कुछ भूलवश हुए आविष्कार, जो आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग है

    कुछ भूलवश हुए आविष्कार, जो आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग है

    Telangana Cuisine

    Telangana Cuisine: बिरयानी के अतिरिक्त भी तेलंगाना में अनेक व्यंजन है!

    गया के अद्भुत हिन्दू देवस्थान

    गया के अद्भुत हिन्दू देवस्थान

    5 Must visit Hindu Temples in Goa

    गोवा के 5 सनातनी मंदिर, जिनके दर्शन करना अवश्यंभावी है

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

    28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

    “Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai”: आपको अंदर तक झकझोरती एक कोर्टरूम ड्रामा

    “Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai”: आपको अंदर तक झकझोरती एक कोर्टरूम ड्रामा

    बॉलीवुड के वह कलाकार जो अब अन्य व्यवसाय अपना चुके हैं

    बॉलीवुड के वह कलाकार जो अब अन्य व्यवसाय अपना चुके हैं

    उत्तर प्रदेश के वे 5 पकवान जिन्हे चखना अभी बाकी है!

    उत्तर प्रदेश के वे 5 पकवान जिन्हे चखना अभी बाकी है!

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

    28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

    कैसे पीएम मोदी और सेंगोल ने फेरा वर्षों के द्राविड प्रोपगैंडा पर पानी

    कैसे पीएम मोदी और सेंगोल ने फेरा वर्षों के द्राविड प्रोपगैंडा पर पानी

    Kerala Story JNU screening

    JNU screening: एक एक कर सभी वामपंथी किले ध्वस्त कर रही “The Kerala Story”

    उत्तर प्रदेश के वे 5 पकवान जिन्हे चखना अभी बाकी है!

    New Parliament inauguration ने तय की भावी महागठबंधन की रूपरेखा!

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    क्यों भारत मे मंदी की संभावना नगण्य है

    क्यों भारत मे मंदी की संभावना नगण्य है

    टॉय उत्पादन में भारत की मेहनत रंग ला रही

    टॉय उत्पादन में भारत की मेहनत रंग ला रही

    हलाल की कमर तोड़ने हेतु रेलवे ने निकाला “सात्विक” अस्त्र!

    हलाल की कमर तोड़ने हेतु रेलवे ने निकाला “सात्विक” अस्त्र!

    अब IMF भी स्वीकारता : डिजिटल क्रांति में भारत का जवाब नहीं!

    अब IMF भी स्वीकारता : डिजिटल क्रांति में भारत का जवाब नहीं!

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Hamraaz Payslip

    “Hamraaz Payslip” से भुगतान पर सेना के कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ

    Paramjit Singh Panjwar shot dead: अपनी भारतीय सेना पे पूर्ण विश्वास रखें!

    Paramjit Singh Panjwar shot dead: अपनी भारतीय सेना पे पूर्ण विश्वास रखें!

    Pralay Nirbhay Missile

    Pralay Nirbhay Missile: अब चीन की आँखों में आँखें डालकर घूरेंगे भारतीय मिसाइल

    अब भारतीय सेना के पास होंगी अपनी सैटेलाइट

    अब भारतीय सेना के पास होंगी अपनी सैटेलाइट

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    मोदी ऑस्ट्रेलिया यात्रा

    वैदिक मंत्रोच्चार और जनसमूह अपार : मोदीजी का ऑस्ट्रलिया दौरा रहेगा यादगार!

    NIA बजाएगी यूके में खालिस्तानियों का ढोल!

    NIA बजाएगी यूके में खालिस्तानियों का ढोल!

    जेलेन्सकी के लिए पीएम मोदी का विशेष संदेश

    जेलेन्सकी के लिए पीएम मोदी का विशेष संदेश

    सैंक्शन की धमकी दे रहे EU को जयशंकर ने दिखाए दिन में तारे

    सैंक्शन की धमकी दे रहे EU को जयशंकर ने दिखाए दिन में तारे

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कुछ भूलवश हुए आविष्कार, जो आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग है

    कुछ भूलवश हुए आविष्कार, जो आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग है

    Telangana Cuisine

    Telangana Cuisine: बिरयानी के अतिरिक्त भी तेलंगाना में अनेक व्यंजन है!

    गया के अद्भुत हिन्दू देवस्थान

    गया के अद्भुत हिन्दू देवस्थान

    5 Must visit Hindu Temples in Goa

    गोवा के 5 सनातनी मंदिर, जिनके दर्शन करना अवश्यंभावी है

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

    28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

    “Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai”: आपको अंदर तक झकझोरती एक कोर्टरूम ड्रामा

    “Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai”: आपको अंदर तक झकझोरती एक कोर्टरूम ड्रामा

    बॉलीवुड के वह कलाकार जो अब अन्य व्यवसाय अपना चुके हैं

    बॉलीवुड के वह कलाकार जो अब अन्य व्यवसाय अपना चुके हैं

    उत्तर प्रदेश के वे 5 पकवान जिन्हे चखना अभी बाकी है!

    उत्तर प्रदेश के वे 5 पकवान जिन्हे चखना अभी बाकी है!

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें

हिंदू पत्नियां सलाहकार और मार्गदर्शिका होती थीं फिर ‘मुगल’ आ गए

हिंदू पत्नियां कैसे बनीं पति की गुलाम और फिर कैसे पाया अपना पुराना स्थान?

Animesh Pandey
द्वारा Animesh Pandey
29 September 2022
in प्रीमियम
0
shiv parwati
294
व्यूज़
Share on FacebookShare on Twitter

कार्येषु मन्त्री करणेषु दासी

भोज्येषु माता शयनेषु रम्भा।

धर्मानुकूला क्षमया धरित्री

भार्या च षाड्गुण्यवतीह दुर्लभा।।

अर्थात कार्य के संदर्भ में मंत्री, गृहकार्य में दासी, भोजन प्रदान करने वाली मां, रति के संदर्भ में रंभा, धर्म में सनुकुल और क्षमा करने में धृति; इन छह गुणों वाली पत्नी मिलना दुर्लभ है।

आपके मन में प्रश्न अवश्य उठा होगा कि ऐसे विचार मेरे मन में क्यों और किसलिए? ये कैसी दुविधा है जिसका समाधान अब तक मुझे नहीं मिला? वास्तव में यह एक विषय है जिसके बारे में चर्चा बहुत कम लोगों ने की है, इसका विवरण करने का साहस तो और भी कम लोगों में होगा।

इस लेख में जानेंगे कि कैसे भारत की सनातनी स्त्रियों, विशेषकर धर्मपत्नियों के गुणों से, जो कभी केवल पत्नी ही नहीं अपितु मार्गदर्शक भी थी, परंतु कालांतर में उनकी शक्तियों से उन्हें वंचित कर दिया गया और कैसे आधुनिक युग में उन्हें पुनः उनके वास्तविक स्वरूप का आभास कराया गया।

आगे बढ़ने से पूर्व यदि आपको हमारे विचार पसंद आते हैं, तो आप हमारे वीडियो को लाइक कर सकते हैं, एवं आप हमारे चैनल को सबस्क्राइब करें और हमारे फ़ेसबुक पेज को अवश्य फॉलो करें। तो अविलंब आरंभ करते हैं।

यदि आपसे मैं कहूं कि मैं अपनी धर्मपत्नी या भार्या का बहुत सम्मान करता हूं, उनके सुझाव के बिना जीवन में आगे नहीं बढ़ता, तो आप कहेंगे कि क्या मूर्ख है, अपनी पत्नी से भयभीत होता है, अपनी पत्नी का दास है। ये आपके विचार हो सकते हैं परंतु ऐसा ही सत्य हो, ये आवश्यक नहीं। ये तो ऐसे निम्न स्तर के विचार हैं जो समय के साथ हम पर थोपा गया।

और पढ़ें-  कौन हैं ये लोग? किसी की मृत्यु पर नाचने वाले निकृष्ट लोगों की मानसिकता जाननी बहुत आवश्यक है

बोलो सियावर रामचन्द्र की जय!

इस मंगल ध्वनि में कितना उत्साह है, कितनी ऊर्जा है। हमारी संस्कृति के उत्सव को परिलक्षित करने के अतिरिक्त यह मंगल ध्वनि हमारी प्रगतिशील सोच को भी दर्शाती है। कल्पना कीजिए, जैसे हमारे वामपंथी बंधु कहते हैं कि हम बड़े ही पितृसत्तात्मक समाज के ध्वजवाहक हैं, तो उस अनुसार सियावर रामचन्द्र की जय के स्थान पर रामवधू सिया की जय होना चाहिए था, परंतु राम से पूर्व सिया का नाम क्यों? कभी सोचने का प्रयास किया है?

इसी परिप्रेक्ष्य में वाल्मीकि रामायण में कहा गया है,

ततः स प्रयतो वृद्धो वसिष्ठो ब्राह्मणैः सह ||
रामन् रत्नमयो पीठे सहसीतं न्यवेशयत् |

अर्थात अपने साथ अनेक कुलीन ब्राह्मणों को लिए महर्षि वशिष्ठ श्रीराम को आह्वान देते हैं कि रत्नों से सुसज्जित सिंहासन पर अपनी धर्मपत्नी, महारानी सीता के साथ विराजने की कृपा करें!

जो कहते हैं कि युगों-युगों से भारत में स्त्रियों का शोषण होता रहा है, उन्होंने कदाचित् हमारे इतिहास को ठीक से पढ़ने का कष्ट नहीं किया है। उन्होंने उतना ही पढ़ा जितना उनके यूरोपीय स्वामियों ने निर्देश दिया, अन्यथा उतना ही पढ़ा जितना देवदत्त पटनायक जैसे स्वघोषित एक्सपर्ट्स ने बताया।

प्राचीन भारत में स्त्री का जब विवाह होता तो वह केवल पत्नी नहीं होती थी, वह वामंगी भी होती थी। वामंगी अर्थात पति के शरीर का बायां हिस्सा। इसके अलावा पत्नी को पति की अर्धांगिनी भी कहा जाता है जिसका अर्थ है पत्नी पति के शरीर का आधा अंग होती है। दोनों शब्दों का सार एक ही है कि पत्नी के बिना पति अधूरा है। भई, हमारा भारत वो देश है जहां प्रेम विवाह तक शास्त्रों में गंधर्व विवाह के रूप में स्वीकार्य है और उसी के स्वरूप एक पुत्र के नाम पर हमारे देश का नाम भी पड़ा है। कभी अभिज्ञानशाकुन्तलम् पढ़ने की भी कृपा कीजिए और अभी तो हमने विवाह के अनेक प्रकार पर प्रकाश भी नहीं डाला है।

हमारे प्राचीन इतिहास में अगर युद्ध लड़े गए तो कोई क्षेत्र जीतने के लिए नहीं अपितु स्त्री के सम्मान की रक्षा हेतु लड़े गए। इतिहास साक्षी है कि रामायण और महाभारत केवल इसलिए हुई थी क्योंकि बात स्त्री के सम्मान की थी। यदि सीता मैया का हरण न हुआ होता, द्रौपदी का भरी सभा में अपमान न हुआ होता तो श्रीराम और पांडवों को क्या पड़ी थी कि वे युद्ध में कूद पड़ते। परंतु रामायण में युद्ध रावण ने प्रारंभ किया था, जब उसने वासनापूर्ति हेतु माता सीता का हरण किया था। शूर्पणखा के अपमान का प्रतिशोध तो छलावा था वास्तव में उसे श्रीराम के समक्ष शक्ति प्रदर्शन जो करना था, परंतु वह भी भूल गया था कि वह किससे स्पर्धा मोल ले रहे हैं।

जिस पिनाक को उठाने में महारथियों के प्राण निकल जाएं, उसे खेल-खेल में उठाने वाली जानकी के हृदय में अपना स्थान बनाने वाले श्रीराम को चुनौती दी थी रावण ने। जिनके पास विकल्प था कि वह राजभवन में रह सकें, परंतु फिर भी उन्होंने 14 वर्षों तक असंख्य कष्ट, नाना प्रकार की चुनौतियां अपने पति के लिए सहने को तैयार थीं, उन माता सीता को हरने का महापाप किया था रावण ने।

और पढ़ें- स्यमंतक मणि यानी कोहिनूर की कथा, जो भारत के सिर्फ इसी क्षेत्र में शांति से रह सकती है

धर्मपत्नियों के इसी गुण पर कहा गया है-  

सन्तोषस्त्रिषु कर्तव्यः स्वदारे भोजने धने। त्रिषु चैव न कर्तव्योऽध्ययने जपदानयोः।।

अर्थात, पुरुष को अपनी पत्नी से संतुष्ट रहना चाहिए, चाहे वह रूपवती हो या आम, पढ़े-लिखे या अनपढ़ – यही सबसे बड़ी चीज है जिसके पास पत्नी है।

महादेव को ही देख लीजिए, जो त्रिदेव में सबसे शक्तिशाली और सबसे प्रभावशाली हैं, जिनके क्रोध से स्वयं नारायण और ब्रह्मदेव तक भयभीत होते हैं। वे महादेव मान किसको देते हैं? शक्ति शिवानी, मां भगवती को, जिन्हें हम पार्वती या महागौरी के नाम भी जानते हैं। जब भोलेनाथ के अपमान पर देवी सती ने अपनी देह का त्याग किया था तो भगवान शिव ने जो तांडव किया था वो किसलिए था? अपनी पत्नी को न्याय दिलाने के लिए ताकि किसी अन्य दुष्ट में यह साहस न हो कि किसी स्त्री के साथ ऐसा अन्याय कर सके और ये सतयुग के समय की बात थी। यदि भगवान विष्णु ने उनका क्रोध शांत न कराया होता तो उनके असीमित क्रोध ने क्या त्राहिमाम मचाया होता इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे।

इसीलिए काशी में ये मंत्रोच्चार भी होता है –

ॐ नमो पार्वते पतयेह हर हर महादेव!

अब सोचिए, महाभारत किसलिए लड़ी गई थी? द्रौपदी के अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए। जब द्रौपदी के वस्त्रहरण और तद्पश्चात पांडवों के वन गमन का समय आया तब पता है पांडवों ने क्या किया? पांडुपुत्र भीम ने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक वह दुशासन की छाती फाड़ कर उसका लहू नहीं पीता, जब तक वह दुर्योधन की उस जांघ का नाश नहीं करता जिस पर उसने द्रौपदी को बैठने का आह्वान किया था, तब तक वह शांत नहीं रहेगा।

क्या भीम ने ऐसा अपने बाहुबल के प्रदर्शन के लिए किया था? क्या उन्होंने अपने पुरुषत्व की पूर्ति के लिए किया था? भीम ने ऐसा अपनी पत्नी के अपमान के प्रतिशोध के लिए किया था क्योंकि पांडवों को समझ में आ गया था कि द्रौपदी को अपमानित कर कौरव उन्हें क्या संदेश देना चाहते थे। पांडवों की और भी पत्नियां थी परंतु द्रौपदी केवल रूपवती ही नहीं, गुणवती भी थी, वो पांडवों की पटरानी भी थी, जिनका अपमान कर वे उनके अभिमान को धूल में मिला सकते थे। अब आप स्वयं बताइए कि यह कौन सी पितृसत्तात्मक विचारधारा का प्रतिबिंब है?

तभी कहते हैं,

सा भार्या या सुचिदक्षा सा भार्या या पतिव्रता। सा भार्या या पतिप्रीता सा भार्या सत्यवादिनी।।

अर्थात, वह शुद्ध और फलदायी साथी है। यह वह महिला है जो गुणी है। एक महिला जो अपने पति से प्यार करती है। वह महिला है जो अपने पति को सच बताती है।

मध्यवर्ती इतिहास

अब आते हैं मध्यवर्ती इतिहास पर। आधुनिक शास्त्रों के अनुसार हमें अरब शाही और तुर्क शाही ने बहुत लूटा। वहीं से भारत के विनाश की नींव भी प्रारंभ हुई परंतु यह भी अर्धसत्य है। इस समय भी हमारे समाज में महिलाओं का सम्मान कभी भी कम नहीं हुआ, विशेषकर पत्नियों का तो कतई नहीं। देवसेना की छोड़िए, राजकुमारी कुण्डवाई की कथा पढ़ी है? यदि नहीं, तो आप इतिहास के एक महत्वपूर्ण भाग से अभी भी दूर हैं। राजकुमारी कुण्डवाई पतिव्रता भी थीं और नीतिनिर्माण में अति कुशल भी थीं, इन्होंने अपने भ्राता अरुलमोई वर्मन को इस योग्य बनाया कि आज इतिहास उन्हें चोल साम्राज्य के विख्यात सम्राट राज राजा चोल प्रथम के नाम से जानते हैं।

जब अरबी आक्रान्ताओं ने भारतवर्ष पर आक्रमण किया, तो भारत के योद्धाओं ने प्रतिघात किसलिए किया था? बाहुबल के लिए? सत्ता के लिए? ये कुछ कारण हो सकते हैं, परंतु सबसे महत्वपूर्ण कारण है स्त्रियों का सम्मान और जो किसी की अर्धांगिनी का सम्मान न कर सके वो हमारी धरती पर रहने योग्य नहीं। इसीलिए सम्राट नागभट्ट से लेकर वीर सम्राट ललितादित्य मुक्तपीड़, सम्राट दांतिदुर्ग एवं सम्राट कालभोजादित्य अथवा बप्पा रावल जैसे शूरवीरों का उद्भव हुआ, जिन्होंने असंख्य स्त्रियों के मान हेतु दुर्दांत आक्रान्ताओं से दो दो हाथ किए एवं लगभग तीन शताब्दी तक किसी में साहस नहीं था कि हमारी मातृभूमि की ओर आंख उठाकर भी देख सकें।

परंतु ऐसा क्या हुआ जिसके कारण भारत की ये प्रगतिशील, पराक्रमी भावना कहीं धूमिल सी हो गई। निरंतर आक्रमण और तद्पश्चात समायोजन के कारण हमारे समाज में महिलाओं का सम्मान निरंतर कम होता गया। कभी जिन्हें समान पद दिया जाता था, जिनके विचार जाने बिना कोई कार्य नहीं होता था, उन्हे घूंघट, सती, जौहर जैसे अपमान से दो चार होना पड़ा और अभी अगर औरंगजेब के बारे में उल्लेख करें, तो पुस्तकें कम पड़ जाएंगी।

ये सब हमारी रीति न कभी थी, न कभी होनी चाहिए, परंतु ये हम पर थोपा गया, जिसमें मुगलों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। नवविवाहित या अविवाहित तो छोड़िए, वे विधवा स्त्री तक को गिद्ध की दृष्टि से देखते थे। जिस जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर को अकबर महान कहते हैं, उसने तो फरमान जारी किया था कि जो भी कन्या बिना घूंघट, बिना हिजाब दिखी, उसे अविलंब वेश्या घोषित कर दिया जाएगा। अभी तो हमने ब्रिटिश शासकों के कर्मकांडों पर प्रकाश भी नहीं डाला है जो महिलाओं को महिला कम, निर्जीव वस्तु अधिक मानते थे। जिन्होंने केरल जैसे अति प्रगतिशील प्रांत को सांप्रदायिकता और हिंसा का समागम बनाया हो, उसके बारे में जितना भी बोलें, उतना कम पड़ेगा।

और पढ़ें- पंचतंत्र भारत में इतनी अंडररेटेड क्यों है?

परंतु वो कहते हैं न कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। जिस समाज में स्त्रियों, विशेषकर अर्धांगिनियों का अपना विशिष्ट स्थान हो, वहां ऐसे कुतर्क नहीं चलते। सुधार की नीति तो युगों-युगों से चली आ रही है और सुधार प्रारंभ हुआ पहले मेवाड़ से, जहां महाराणा राज सिंह ने एक राजकुमारी के सतीत्व की रक्षा के लिए आलमगीर औरंगजेब से भिड़ने को तैयार हो गए थे और जिनकी वीरता का लोहा छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे शूरवीर ने भी माना था।

आज की आधुनिक भारतीय धर्मपत्नी पुनः उसी मार्ग पर अग्रसर हैं जिस पर प्राचीन भारत की पत्नियां एक समय अग्रसर थीं और अपने गुणों और शक्तियों को पहचानती थीं। जिनके सुझावों और सहयोग के बिना भारत के पति एक पग भी आगे नहीं बढ़ते। इसे यदि हम हमारी सांस्कृतिक विजय कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: आधुनिक युगद्रौपदीधर्मपत्नीपितृसत्तात्मक समाजरामायण
शेयरट्वीटभेजिए

पिछली पोस्ट

चीन मामलों के विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान बने भारत के नये CDS

अगली पोस्ट

शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के ‘नायक’ हैं, लेकिन अब उन्हें वहां की राजनीति से प्रस्थान करना चाहिए!

Animesh Pandey

Animesh Pandey

Lead Editor, TFI Media Vidyarthi of History, Cinema Buff, Akhand Bharat Parmo Dharma

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

  • सर्वाधिक पढ़े गए
  • टिप्पणियाँ
  • नवीनतम
“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

24 June 2020
चीन, ऑस्ट्रेलिया,

‘जांच तो होकर रहेगी, चाहे जितना रो लो’, ऑस्ट्रेलिया ने ड्रैगन को उसी की भाषा में मजा चखा दिया

29 April 2020
G7

दुनिया के 7 बड़े देश एक बात पर हुए सहमत – हम सब चीन के खिलाफ हैं

18 April 2020
जापान, चीन

‘हमारी जल सीमा से तुरंत निकल लो’, East China Sea में घुसपैठ करने जा रहे चीनियों को जापानी नौसेना ने खदेड़ा

10 May 2020
रवीश कुमार

यदि रवीश कुमार मेरे सवालों का ठीक ठीक उत्तर दे दें, तो मैं लिखना छोड़ दूंगा

सरकारी बैंक

प्रिय बैंक कर्मचारियों, अपनी हड़ताल जारी रखें, PSB का निजीकरण होकर रहेगा

संदीप मिश्रा

अखबार के एक मैट्रिमोनियल कॉलम से शुरू हुई प्रेम और देश प्रेम की कहानी

संजय झा

यक्ष – संजय झा संवाद: ऐसे प्रश्न और ऐसे उत्तर जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे

28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

29 May 2023
कैसे पीएम मोदी और सेंगोल ने फेरा वर्षों के द्राविड प्रोपगैंडा पर पानी

कैसे पीएम मोदी और सेंगोल ने फेरा वर्षों के द्राविड प्रोपगैंडा पर पानी

29 May 2023
क्यों भारत मे मंदी की संभावना नगण्य है

क्यों भारत मे मंदी की संभावना नगण्य है

29 May 2023
“Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai”: आपको अंदर तक झकझोरती एक कोर्टरूम ड्रामा

“Sirf Ek Bandaa Kaafi Hai”: आपको अंदर तक झकझोरती एक कोर्टरूम ड्रामा

29 May 2023

इस सप्ताह लोकप्रिय

Nadi ka Paryayvachi Shabd
मुझे हिंदी में खबर बताओ

संस्कृत में गिनती 1 से 100 तक – Sanskrit Counting 1 to 100

द्वारा TFIPOST News Desk
28 January 2022
पठ् धातु रूप table
Bhopal E paper Prayag Raj Express

पठ् धातु रूप टेबल – पांच लकार – Path Dhatu Roop

द्वारा TFIPOST News Desk
23 January 2022
उत्तर प्रदेश के वे 5 पकवान जिन्हे चखना अभी बाकी है!
भोजन

उत्तर प्रदेश के वे 5 पकवान जिन्हे चखना अभी बाकी है!

द्वारा TFIPOST News Desk
26 May 2023
Shubman Gill IPL century
खेल

अब शुभमन गिल मैच भी नहीं जीत सकता?

द्वारा Animesh Pandey
23 May 2023
पीएम मोदी ने बॉलीवुड के खानों को छोड़ रामचरण तेजा को बनाया जी 20 का चेहरा
चर्चित

पीएम मोदी ने बॉलीवुड के खानों को छोड़ रामचरण तेजा को बनाया जी 20 का चेहरा

द्वारा Animesh Pandey
24 May 2023

©2023 TFI Media Private Limited

  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships

©2023 TFI Media Private Limited

Follow us on Twitter

and never miss an insightful take by the TFIPOST team

Follow @tfipost_in