TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ़्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ़्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अब इंडियन आर्मी का भी होगा ‘भारतीयकरण’, गुलामी के प्रतीकों की दी जाएगी तिलांजलि

स्वतंत्रता के बाद भी भारतीय सेना, 'भारतीय' कैसे नहीं बन पाई?

Chaman Kumar Mishra द्वारा Chaman Kumar Mishra
22 September 2022
in समीक्षा
इंडियन आर्मी भारतीयकरण

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

जो 1947 में हो जाना चाहिए था, वो 2022 में होने जा रहा है. राजपथ पर1947 की अर्धरात्रि को जब हिंदुस्तानियों ने कदम रखा उसी वक्त उसे कर्तव्यपथ बना देना चाहिए था, जब हिंदुस्तानियों ने पीछे मुड़कर देखा तब उन्हें नेशनल वॉर मेमोरियल दिखना चाहिए था, हिंदुस्तानियों ने जब अपना हाथ उठाकर तिरंगे को सैल्यूट किया तब उन्हें वहां खड़ी इंडियन आर्मी दिखनी चाहिए थी, इंडियन आर्मी ही दिखी लेकिन ब्रिटिशों के नियम-कायदे से बंधी हुई, अंग्रेजों की घटिया परंपराओं को निभाती हुई, गोरों की दी हुई रैंक और यूनिफॉर्म से लिपटी हुई. जी हां, बुरा लगता है लेकिन यही सच है और सच हमेशा कड़वा होता है. इंडियन आर्मी सही मायनों में तब तक इंडियन बन ही नहीं पाई थी या फिर यह कह सकते हैं कि उसे इंडियन बनाने की कोशिशें ही नहीं की गईं थी लेकिन अब इंडियन आर्मी का भारतीयकरण होने जा रहा है.

और पढ़ें: भारत को गोरा-भूरा साहब और मुगलों से मुक्त कराने के पीएम मोदी के प्रयास में ‘कर्तव्य पथ’ एक और मील का पत्थर है

संबंधितपोस्ट

एअर इंडिया विमान दुर्घटना: अमेरिकी और ब्रिटिश एजेंसियां भारतीय जमीन पर जांच क्यों कर रही हैं?

विश्व बैंक की रिपोर्ट में दिखा मोदी युग के आर्थिक बदलाव का असर, 26.9 करोड़ लोग बेहद गरीबी से बाहर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बीच मोदी सरकार के 11 साल का जश्न; BJP ने बनाया ये खास प्लान

और लोड करें

देश को मिलेगी गुलामी के निशानी से मुक्ति

भारत में प्रधानमंत्रियों के काम करने के अलग-अलग तरीके रहे हैं. स्वतंत्रता के बाद से ही हमने यह देखा है. प्रधानमंत्री पद पर बैठा कोई नेता स्वयं अचकन में गुलाब लगाकर शिमला की वादियों में घूमने को प्राथमिकता देता था और देश बाबुओं के भरोसे छोड़ देता था. किसी प्रधानमंत्री को राष्ट्र को इमरजेंसी की बेड़ियों में जकड़कर अपने निर्णय लेने में आनंद आता था, कोई प्रधानमंत्री हिम्मत के साथ पोखरण में विस्फोट कर लेता था. वर्तमान में जो प्रधानमंत्री हैं वो मुद्दों को जनांदोलन बनाकर लोगों के बीच में चर्चा, वाद-विवाद और संवाद कराकर फैसले करते हैं. जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति को जो भी समझता है, वो जानता है कि पीएम मोदी कोई भी फैसला यूं ही उठकर लागू नहीं कर देते बल्कि पहले उस पर देश में चर्चा होती है, फिर फैसला होता है.

2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को उसका पहला स्वदेशी विमान वाहक INS विक्रांत सौंपा और इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नौसेना के नए निशान का भी अनावरण किया. नौसेना के पुराने ध्वज में सेंट जॉर्ज क्रॉस ब्रिटिश कालीन प्रतीक चिह्न था, जिसे अब हटा दिया गया है. इसके स्थान पर जो नया निशान आया है वह भारत के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है. नौसेना के इस नए निशान को छत्रपति शिवाजी महाराज की मुहर से लिया गया है. नए ध्वज में ऊपर में बाईं ओर तिरंगा बना हुआ है, साथ ही एक गोल्ड अष्टकोण भी हैं, जिसके अंदर अशोक चिह्न बनाया गया है. अशोक चिह्न के नीचे सत्यमेव जयते लिखा है और साथ ही ध्वज में नीचे संस्कृत भाषा में “शं नो वरुण:” लिखा है, जिसका अर्थ होता है “जल के देवता हमारे लिए शुभ हों”.

Navy flag
Source- Google

अब आप विचार कर रहे होंगे कि हम यह सब आपको क्यों बता रहे हैं, इसके पीछे का उद्देश्य क्या है? दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से पंच प्रणों में गुलामी की निशानियों से मुक्ति की बात कही थी. नौसेना से शुरू हुआ मुक्ति का यह अभियान अब आगे बढ़ रहा है. जी हां, नौसेना के निशान का भारतीयकरण हिंदुस्तानियों को बहुत पसंद आया. इसके बाद से ही चर्चा होने लगी थी कि भारतीय सेना से भी उन चीजों को हटाना चाहिए, जो अंग्रेजों ने शुरू की थी या फिर उसी वक्त से चली आ रही हैं. अब भारतीय सेना ने भी इसी दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. भारतीय सेना किन-किन चीज़ों में बदलाव करने जा रही है वो हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि सेना ने अपने बयान में क्या कहा है?

सेना के एक दस्तावेज में कहा गया है कि ”विरासत की कुछ प्रथाओं जैसे औपनिवेशिक और पूर्व-औपनिवेशिक युग के रीति-रिवाज व परंपराएं, सेना की वर्दी व परिधान, नियम, कानून, नीतियां, इकाई स्थापना, औपनिवेशिक काल के संस्थान, इकाइयों, इमारतों, प्रतिष्ठानों, सड़कों, पार्कों के अंग्रेजी नामों की समीक्षा की आवश्यकता है.” इसके साथ ही सेना ने एक टीम बनाकर सर्वे का निर्देश दिया है.

बदलाव क्यों आवश्यक है?

अब हमारे सामने एक सवाल है कि इंडियन आर्मी का भारतीयकरण आवश्यक क्यों है? इंडियन आर्मी जैसी अभी है, हम उसे वैसा ही क्यों नहीं रहने दे रहे? वामपंथियों की दृष्टि से देखें तो सवाल यह भी है कि क्या भाजपा सेना पर अपना एजेंडा थोप रही है? इन सवालों की पड़ताल के लिए हमें इतिहास के पन्ने पलटने होंगे. तो बात है 1903 की, एक अंग्रेजी अफसर था हबर्ट किचनर (Herbert Kitchener). उसने ईस्ट इंडिया कंपनी की प्रेशिडेंशियल सेना के बचे-खुचे सैनिकों, भारतीय उपमहाद्वीप में तैनात ब्रिटिश सैनिकों और दक्षिण एशियाई देशों के स्वयंसेवकों को संयुक्त करके एक सेना बनाई, जिसे नाम दिया गया- ब्रिटिश इंडियन आर्मी.

यह ब्रिटिश इंडियन आर्मी, गोरों की सेना थी. गोरे अपने तरीकों से, अपनी परंपराओं से, अपने नियमों से उसे ढाल रहे थे, उसके लिए नियम बना रहे थे, उसके प्रोटोकॉल तय कर रहे थे. गोरों ने कभी सोचा ही नहीं कि इस ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सबसे ज्यादा भारतीय सैनिक हैं लेकिन भारतीय सैनिकों की कीमत वो क्या ही समझेंगे जिन्होंने हर युद्ध में भारतीय सैनिकों को मरने के लिए झोंक दिया वो भी बिना यह समझे कि इसका नतीजा क्या होगा.

प्रथम विश्व युद्ध में भारत सीधे-सीधे किसी भी धड़े की तरफ नहीं था लेकिन ब्रिटेन तो था. 28 जुलाई,1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला यह विश्व युद्ध अलाइड पावर्स यानी मित्र देशों और सेंट्रल पावर्स यानी मुख्य शक्तियों के बीच लड़ा गया था. मित्र देशो में रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और जापान जैसे बड़े और शक्तिशाली देश शामिल थे. वर्ष 1917 में अमेरिका भी इस अलायन्स में शामिल हो गया. मित्र देश इस युद्ध में विजय हुए यानी कि ब्रिटेन जीत गया लेकिन भारत हार चुका था.

और पढ़ें: नौसेना का नया प्रतीक चिह्न क्यों छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतीक चिह्न पर आधारित है

IMA
Source- Google

करीब 11 लाख भारतीय नौजवानों ने ब्रिटेन के लिए युद्ध लड़ा. प्रथम विश्व युद्ध में करीब 70 हजार भारतीय नौजवान शहीद हो गए, हजारों विकलांग हो गए, हजारों लापता हो गए लेकिन गोरों को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ा. गौरों ने भारत को स्वतंत्रता नहीं दी बल्कि इसके बाद ही मार्च 1919 में रॉलैट एक्ट कानून आया और लोगों को बिना किसी कारण जेलों में ठूंसा जाने लगा. 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में नरसंहार हुआ. हिंदुस्तान में यह जो घटनाएं हो रही थी इनमें प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष तौर पर कहीं न कहीं ब्रिटिश इंडियन आर्मी अपने आप ही जुड़ जाती थी. ब्रिटिश इंडियन आर्मी अंग्रेजों की वफादार रही क्योंकि ब्रिटिश इंडियन आर्मी में इंडियन कुछ था ही नहीं, सबकुछ ब्रिटिश-ब्रिटिश ही था.

1947 में अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्रता दी और इसके साथ ही ब्रिटिश इंडियन आर्मी को भी बांट दिया गया. इसका भारत, पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच बंटवारा हो गया. सेना का एक बड़ा हिस्सा भारत के पास आया, ब्रिटिश इंडियन आर्मी को आज़ाद भारत में इंडियन आर्मी कहा गया लेकिन नाम के सिवाय और कुछ नहीं बदला. दुखद बात तो यह है कि पंडित नेहरू जो कि जबरदस्ती भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बन गए थे, उन्होंने इंडियन आर्मी में थोड़ा-बहुत बदलाव भी नहीं किया. यहां तक कि आर्मी के झंडे पर जो ब्रिटेन का क्राउन था, उसे भी नहीं हटाया. बाद में माउंटबेटन ने एक चिठ्ठी लिखी कि इसे बदल लीजिए तब क्राउन को हटाकर अशोक चक्र रखा गया.

1947 के करीब दो दशक बाद तक ब्रिटिशर्स और एंग्लो-इंडियन, इंडियन आर्मी से जुड़े रहे. वे कोई न कोई भूमिका इंडियन आर्मी में निभाते रहे. सीनियर, सलाहकार, कमांडर के तौर पर वे इंडियन आर्मी से जुड़े रहे यानी कि स्वतंत्रता के दो दशक बाद भी इंडियन आर्मी में बहुत कुछ नहीं बदला था. बाद के वर्षों में बहुत बदलाव हुए, ओल्ड इंडियन आर्मी की जगह ट्रू इंडियन आर्मी बनी लेकिन इसके बाद अभी भी बहुत से बदलाव होने बाकी हैं. इंडियन आर्मी में अभी भी कई अंग्रेजों के वक्त के प्रोटोकॉल चलते हैं, अभी भी कई अंग्रेजों की परंपराएं चलती हैं, अभी भी कई इमारतों, हॉस्टल्स या स्थानों के नाम अंग्रेजों के नाम पर इन सभी में बदलाव की बहुत आवश्यकता थी, जिससे कि इंडियन आर्मी साम्राज्यवाद के बोझ से स्वयं को बाहर निकाल पाए.

क्या होंगे बदलाव?

तो चलिए, अब हम आपको बताते हैं कि आर्मी के निर्देशों को अगर देखें तो इंडियन आर्मी में क्या-क्या बदलाव आने वाले वक्त में देखने को मिल सकते हैं. सेना की वर्दी और साज-सामान में परिवर्तन लाने पर विचार किया जा रहा है. रेजीमेंटों, इमारतों और समारोहों में भी परिवर्तन देखने को मिल सकता है. कई आर्मी बिल्डिंग्स, सड़क, लेन और पार्कों के नाम भी ब्रिटिश अफसरों के नाम पर हैं, अब उन सभी को भी एक-एक करके बदला जाएगा. सिख, गोरखा, जाट, पंजाब, डोगरा, राजपूत और असम जैसी इन्फैंट्री रेजिमेंटों का नाम अंग्रेजों के द्वारा ही रखा गया था.

बीटिंग द रिट्रीट जैसी सेरेमनी के नाम की भी समीक्षा कर उन्हें बदला जाएगा. यूनिटों की यूनिफॉर्म, पॉलिसी, रूल्स, कानून भी अंग्रेजों के जमाने के हैं. अंग्रेजों के जमाने के अवार्डों के नाम भी बदले जाएंगे. ऑफिसर्स मेस की ब्रिटिशकालीन परंपरा, यूनिटों के झंडे और उनके नाम भी बदले जा सकते हैं. इन सभी बदलावों के साथ इंडियन आर्मी, सही मायनों में इंडियन बनेगी, इसलिए यह बदलाव जितनी जल्दी हो, उतना ही अच्छा होगा.

इसे विषयांतर मत समझिए, लेकिन एक बात हम आपसे पूछना चाहते हैं कि क्या कई बार आपके मन में यह सवाल नहीं आता कि यह बदलाव क्यों? नामों को बदल देने से क्या होगा? अवश्य आता होगा, वामपंथियों ने इको-सिस्टम को इतना मजबूत बना रखा है कि यह सवाल कहीं न कहीं से आपके कानों तक पहुंचता होगा तो इसका जवाब बहुत सरल है, आप जो हैं वही बनकर रहिए, तभी विश्व आपकी ओर देखेगा, आपकी ताकत को समझेगा. उधार के प्रतीक लेकर, उधार की परंपराएं लेकर, उधार के नियम लेकर, उधार की संस्कृति लेकर, आप अपना वर्चस्व खो देते हैं और जब आप अपनी संस्कृति को स्वाभिमान के साथ ओढ़कर चलते हैं तो दुनिया आपका सम्मान करती है. इसलिए, गुलामी के प्रतीकों को मिटाकर- इंडियन आर्मी का भारतीयकरण करने की आवश्यकता है.

और पढ़ें: प्रिय उदारवादियों, कम से कम अपने ‘आदरणीय बापू’ की बात तो सुन लो

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: इंडियन आर्मीब्रिटिशमोदी सरकार
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सभी संवैधानिक पीठ की सुनवाई की अब होगी लाइव स्ट्रीमिंग

अगली पोस्ट

गुजराती फिल्म ‘छेलो शो’ क्या ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि है?

संबंधित पोस्ट

जिस MY यानी मुस्लिम यादव समीकरण के दम पर ये कथित समाजवादी यूपी और बिहार में सालों तक राज करते रहे, उस MY समीकरण में भी उन्हें सिर्फ M ही नजर आया।
राजनीति

मुहर्रम के जुलूस में मारे गए अजय यादव M-Y समीकरण के Y हों या न हों, उनकी पहचान हिंदू थी

8 July 2025

अजय यादव का नाम इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। 32 वर्ष के अजय यादव, न कोई फिल्म स्टार थे, न राजनेता,...

बिहार में ताजिया जुलूस में अजय यादव की लाठी-तलवार से हत्या, शहाबुद्दीन को सलाम करने वाले तेजस्वी अजय की हत्या पर खामोश क्यों?
समीक्षा

बिहार में ताजिया जुलूस में अजय यादव की लाठी-तलवार से हत्या, शहाबुद्दीन को सलाम करने वाले तेजस्वी अजय की हत्या पर खामोश क्यों?

7 July 2025

तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इन दिनों एक बार फिर अपने पुराने मुस्लिम-यादव यानी MY सामाजिक समीकरण को हवा देकर बिहार...

ज़ोहरान ममदानी (Photo - X/@ZohranKMamdani)
चर्चित

ज़ोहरान ममदानी: भारत और हिंदुओं को बदनाम करने वाला क्यों बन गया वामपंथियों का नया नायक?

27 June 2025

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के प्राइमरी चुनाव में ज़ोहरान ममदानी ने एंड्रयू कुओमो को हरा दिया है, यानि अब वे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

00:07:39

The Shocking Truth About Mass Conversions in Tamil Nadu

00:07:26

The Butcher of Pahalgam: Sulaiman — Trained by ISI, Pakistan’s Commando-Turned-Terrorist

00:04:13

Congress’s Rohith Vemula Bill: Caste Polarization Masquerading as Reform

00:07:33

Bhima Koregaon Won’t Be Repeated; Maharashtra’s Special Act to Wipe Out Urban Naxals.

00:06:06
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited