वो समय अब नहीं रहा जब महिलाएं स्वयं से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करने में झिझकती थीं। जागरूकता बढ़ने के साथ आज महिलाएं अपने मुद्दों को बिना संकोच के रखती है। परंतु समय के साथ भी नहीं बदली तो कुछ लोगों की सोच। हमारे समाज में कुछ लोग ऐसे हैं, जो महिलाओं से जुड़े कुछ मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेते और तो और वो इनका उपहास तक उड़ाते नजर आ जाते हैं। हद तो तब हो जाती है जब ऐसा किसी महिला के द्वारा ही किया जाता है।
ऐसा ही एक मामला बिहार से सामने आया है, जहां एक कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्रा ने सरकार द्वारा मुफ्त सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने की मांग उठाई, तो इसका जवाब में बिहार महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक और IAS अधिकारी हरजोत कौर ने कुछ ऐसी बात कही, जिसके बारे में जानकर आप दंग रह गए। उन्होंने कहा कि आज आप सेनेटरी पैड की मांग कर रही हो, कल गर्भ निरोधक भी मांगेंगी। अब ऐसे में यहां प्रश्न यह उठता है कि क्या छात्रा द्वारा पूछे गए एक साधारण से सवाल का इस प्रकार से जवाब देना वरिष्ठ पद अधिकारी और बिहार महिला एवं बाल विकास निगम की एमडी हरजोत कौर को शोभा देता है?
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छात्रा ने की सेनेटरी पैड की मांग
NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार यह मामला बिहार के महिला विकास निगम और अन्य दूसरे संगठनों के साथ आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान का है। जहां पर बिहार की वरिष्ठ IAS अधिकारी और बिहार महिला एवं बाल विकास निगम (डब्ल्यूसीडीसी) की एमडी हरजोत कौर बम्हरा को कक्षा नौवीं एवं दसवीं के छात्रों के लिए निगम और यूनिसेफ के द्वारा आयोजित द्वारा आयोजित ‘सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार’ कार्यक्रम में आईं थी। इस दौरान वहां मौजूद एक छात्रा ने उनसे समक्ष ‘फ्री सेनेटरी पैड’ की मांग रखी, तो अधिकारी ने इस पर बड़े ही तीखे शब्दों मे जवाब दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इस पर विवाद भी खड़ा हो गया।
कार्यक्रम के दौरान छात्रा ने पूछा- “सरकार छात्रों को स्कूल ड्रेस, छात्रवृत्ति, साइकिल और कई अन्य सुविधाएं प्रदान कर रही है, क्या वह छात्राओं को 20 से 30 रुपये में सैनिटरी पैड प्रदान नहीं कर सकती?” छात्रा द्वारा पूछे गए इस प्रश्न पर पूरे हॉल में तालियों की आवाज गूंजने लग गयी। जिसके बाद आईएएस अधिकारी हरजोत कौर ने इसका बड़े ही तीखे शब्दों मे जवाब दिया। उन्होंने कहा- ‘लोग सवाल पर ताली बजाते हैं, परंतु क्या प्रकार की मांगों का कोई अंत है?’
अधिकारी ने कहा- ‘सरकार आपको 20-30 रुपए में सेनेटरी पैड उपलब्ध करा सकती है लेकिन फिर आप जींस पैंट मांगेंगे, वो भी सरकार देगी। लेकिन जब परिवार नियोजन की बात आती है, तो क्या सरकार को आपको कंडोम (निरोध) भी उपलब्ध कराने होंगे? हमें सरकार से सब मुफ्त लेने की आदत क्यों है?”
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IAS अधिकारी के इस अटपटे जवाब पर भी छात्रा ने पलटवार किया। उसने अधिकारी से पूछा कि फिर क्यों सरकार युवा छात्रों से उनका समर्थन करने की मांग करती है? उसने यह भी कहा कि अधिकारी सरकार जनता के वोट से ही बनती हैं। जिस पर हरजीत कौर ने गुस्से में जवाब देते हुए कहा- “अब तो यह मूर्खता की सीमा हो गयी है। आप ऐसा करो वोट मत करो और पाकिस्तान चले जाओ। क्या आप सरकार से पैसा और सुविधाएं लेने के इरादे से वोट दे रहे हैं।”
छात्रा ने फिर इस बात का जवाब दिया कि वह एक भारतीय है और फिर वह पाकिस्तान क्यों जाएं? सरकार हमारे ही दिए हुए टैक्स के पैसे से सुविधाएं प्रदान कर रही है। अगर हम सरकार को टैक्स का भुगतान कर रहे है, तो सेवाओं की मांग क्यों नहीं कर सकती है?
शौचालय को लेकर भी दी अटपटी दलील
केवल इतना ही नहीं कार्यक्रम में जब मौजूद एक अन्य छात्रा ने जर्जर शौचालय का मुद्दा उठाया, तो भी महिला अधिकारी ने ऐसी ही विवादित टिप्णणी की। छात्रा ने अपने परेशानी रखते हुए बताया कि कैसे उनके स्कलू में लड़कियों के शौचालय की हालत खराब है और लड़के भी उनके शौचालय में घुस जाया करते हैं। शौचालय न जाना पड़े, इसलिए वह कम पानी पीने तक को मजूबर हैं।’ छात्रा की इस समस्या पर हरजीत कौर कहती हैं- “क्या आप सभी के घर में अलग-अलग शौचालय हैं? अगर आप अलग-अलग जगहों पर कई सारी चीजें मांगते रहेंगे तो यह कैसे काम चलेगा?”
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देखा जाए तो छात्राओं के द्वारा महिला अधिकारी के सामने एकदम उचित मांग रखी गयी थीं। वो इन मांगों को पूरा कर सकती थीं या नहीं, यह तो एक अलग मामला है। परंतु छात्राओं की मांग पर इस तरह का जवाब देना कहां तक सही लगता है? एक अधिकारी होने से पहले वो भी एक महिला हैं, ऐसे में वही इन गंभीरता से नहीं लेगीं, तो फिर किसी और से क्या ही अपेक्षा रखी जाए?
अधिकारी के बयान पर मचा बवाल
खैर इस बीच महिला अधिकारी के इन बयानों को लेकर बवाल मचना शुरू हो गया है। बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “जिस कार्यक्रम में महिला अधिकारी यह सबकुछ बोल रही थीं, वह उन्होंने स्वयं ही बुलाया था। कार्यक्रम में उन्होंने जो कुछ भी कहा, वो निश्चित तौर पर गलत था। महिला अधिकारी कोई भी हो लेकिन उन्हें इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए। उन्हें संयम रखने की आवश्यकता है।”
वहीं बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने इस पर कहा कि अधिकारी उस लड़की के प्रश्न को समझने में नाकाम रही हैं। विक्रम के अनुसार- “आईएएस अधिकारी हरजोत को इसका अलग तरह से जवाब देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने छात्रा का अपमान ही कर दिया।” एक वरिष्ठ महिला अधिकारी के पद पर कार्यरत होने के बाद भी इस तरह की प्रतिक्रिया देने पर IAS अधिकारी हरजोत कौर की चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रही हैं।
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