आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि प्रभु जब देते हैं तो छप्पर फाड़ कर देते हैं। यह कहावत साउथ फिल्म इंडस्ट्री पर एकदम सटीक बैठती है। यह वर्ष साउथ फिल्म इंडस्ट्री के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हुआ है। एक तरफ जहां साउथ की फिल्में बॉलीवुड को पछाड़कर काफी आगे निकाल चुकी है। वहीं, अब साउथ सिनेमा ने हॉलीवुड तक अपने परचम को लहराने की ठान ली है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है ‘RRR’. इस फिल्म ने न केवल भारत के बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की बल्कि ये फिल्म अब विदेश में कई रिकॉर्ड बनाती जा रही है। फिल्म के डायरेक्टर एसएस राजामौली ने कभी उम्मीद नहीं की थी कि उनकी यह नवीनतम रचना RRR सफलता की पराकाष्ठा को पार कर देगी। टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (TIFF) में राजामौली ने कहा, पश्चिम में फिल्म की सफलता उनके लिए बड़े ही आश्चर्य की बात है। विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में। इस फिल्म को दर्शकों और आलोचकों से समान रूप से प्रशंसा प्राप्त हुई है।
आपके मन में अब यह सवाल आ रहा होगा कि इस फिल्म को अमेरिका में इतनी ज्यादा सफलता मिलने के पीछे का कारण क्या है? इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है ‘वोक संस्कृति’। आज के समय में अमेरिका वोकिज्म से तंग आ चुका है। वहां, फिल्मों के नाम पर कचरा परोसा जा रहा है, जो हमारे बॉलीवुड का भी बाप है। चाहे Mulan हो, Charlie’s Angels हो, Wonder Woman 2020, Shape of Water ho, वोक संस्कृति को देखते ही अमेरिकी अपना माथा पीटते दिख रहे हैं! अब अमेरिकी लोग फ्रेश एंटी-वोक मूवी देखना चाहते हैं और इसका आरआरआर से अच्छा कोई उदाहरण हो ही नहीं सकता है। जिसमें बिना संस्कृति को नीचा दिखाए, बिना किसी शोसेबाज़ी या फिर लिंगभेद के कूड़े कचरे से अछूता रहकर बनाया गया है। अमेरिकी जनता भी अब फिल्म के नाम पर किसी तरह के बवासीर को झेलना नहीं चाहती है। वे आज कुछ भी देख सकते हैं लेकिन उन्हें वोकिज्म से कोसो दूर रहना है।
TIFF ने राजामौली की वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने भारतीयों के लिए इस फिल्म का निर्माण किया था, जिसमें दुनिया भर में रहने वाले भारतीय प्रवासी शामिल थे। इस वीडियो में राजामौली ने अपनी बाहुबली फ्रेंचाइज़ी की सफलता का भी उल्लेख किया है। इस फिल्म ने जापान में लगभग 17 करोड़ कमाए थे। वहीं, राजामौली की बाहुबली फ्रेंचाइज़ी की तुलना में संयुक्त राज्य अमेरिका में RRR ने एक बड़ी सफलता हासिल कर ली है। राम चरण और एनटीआर जूनियर स्टारर ने यूएस में 14.5 मिलियन डॉलर से भी अधिक की कमाई की है, जो 115 करोड़ के करीब है।
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अमेरिका में RRR की धूम
ज्ञात हो कि RRR ने कुल 1150 करोड़ रुपये की कमाई की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसने 200 करोड़ रुपए की कमाई की। अमेरिका में आलोचकों के द्वारा भी RRR की काफी प्रशंसा की गयी है। डेडलाइन हॉलीवुड की लेखक स्टेफ़नी ने उल्लेख किया कि राजामौली की उत्कृष्ट कृति बेन-हर से काफी ज्यादा बड़ी थी। विशेष रूप से फिल्म को उसके VFX के लिए प्रशंसा हासिल हुई है। प्रसिद्ध अमेरिकी फिल्म ‘ग्रेमलिन्स’ के निर्देशक जो डानते (Joe Dante) ने भी इस फिल्म की प्रशंसा के पुल बांधे थे। साथ ही उन्होंने इस पर भी प्रकाश डाला था कि कैसे इस फिल्म में ब्रिटिश साम्राज्यवाद के काले दिनों पर प्रकाश डालने का “साहसिक प्रयास” किया गया है। बस, इस पर ही कुछ अंग्रेज़ी फूफा बिदक गए और इन्हीं में से एक थे कथित इतिहासकार रॉबर्ट टोंब्स, जिन्होंने फिल्म में ब्रिटिश उपनिवेशवाद की भयावहता और अंग्रेजों के क्रूर चित्रण को सिरे से नकारते हुए फिल्म में दिखाए गए दृश्यों को मूर्खतापूर्ण और अज्ञानता से परिपूर्ण बताया है। ध्यान देने वाली बात है कि RRR में प्रदर्शित कुछ दृश्यों को देखकर अंग्रेज़ों की आत्मा काफी बुरी तरह से किलसने लग गयी थी। उन्होंने RRR को झूठ से परिपूर्ण बताते हुए इसे हिन्दू राष्ट्रवाद का प्रतीक तक कह दिया था ।
यह तो मात्र प्रारंभ है। स्पेक्टेटर नामक पोर्टल के लिए लिखे अपने हास्यास्पद लेख में रॉबर्ट टोंब्स बकते हैं कि “हमने पिछली कुछ शताब्दियों में दुनिया भर में अहम भूमिका निभाई है, जिससे हमने दोस्तों के साथ-साथ काफी दुश्मन भी कमाए हैं। कई देशों ने खुद की झूठी वीरता की कहानियां गढ़ते हुए हमें खलनायक की भूमिका में दिखाया है।”
एक ओर जहां अमेरिका में यह फिल्म धड़ल्ले से कमाई कर रही थी, वही इनमें कुछ ऐसे अंग्रेज घनचक्कर भी हैं जो आज भी सदियों पीछे जीवन जी रहे है। इस भ्रम के भ्रम में उन्हें लगता हैं कि वे सम्पूर्ण ब्रह्मांड के सरताज हैं और उनके एक आदेश पर सम्पूर्ण जगत उनके समक्ष नतमस्तक हो जाएगा। इनके लिए तो बस एक ही बात कहने को दिल करता है कि सपने से बाहर आओ घनचक्करों! ‘रौद्रम रणम रुधिरम’ यानी ‘RRR’ को प्रदर्शित हुए कई महीने हो चुके हैं परंतु उसकी प्रसिद्धि तो दिन दुगनी रात चौगनी होती जा रही है। कुछ समय पहले तक एसएस राजामौली की नवीनतम ब्लॉकबस्टर आरआरआर को फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा “ऑस्कर-योग्य” नहीं माना जा रहा था। फेडरेशन ने 95वें अकादमी पुरस्कारों के चलते सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म श्रेणी के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में निर्देशक पान नलिन के छेलो शो का चुनाव किया था और एफएफआई की पसंद ने एक फिल्म की ऑस्कर-योग्यता के बारे में एक बड़ी बहस छेड़ दी थी।
ऑस्कर की रेस में RRR
डोंट लुक अप फेम हॉलीवुड फिल्म के निर्माता एडम मैके ने फिल्म को आगे बढ़ाने लिए इसका समर्थन देने का वादा करते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में आरआरआर के अलावा कोई अन्य फिल्म ऐसी नहीं है जिसे एक अवार्ड सीज़न के दौरान अमेरिका में जमीन से इतना भावुक समर्थन हासिल हुआ हो। ऑस्कर की रेस में भारत की ओर से गुजराती फिल्म ‘छेलो शो’ (द लास्ट फिल्म शो) को आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भेजने का निर्णय लिया गया है। वहीं, अब राम चरण और जूनियर एनटीआर की ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘आरआरआर’ भी ऑस्कर की रेस में सम्मिलित हो गयी है। निर्माताओं ने स्वतंत्र रूप से अपनी दावेदारी शामिल करने का निर्णय लिया है। मेकर्स ने ‘फॉर योर कंसिडरेशन’ (एफवाईसी) कैंपेन के तहत 14 कैटेगरी में अपनी दावेदारी की है। ज्ञात हो कि पश्चिमी मीडिया द्वारा भी ऑस्कर हेतु इस फिल्म को जोर शोर से उठाया गया था।
टीम ‘आरआरआर’ के द्वारा ट्विटर पर एसएस राजामौली और मुख्य अभिनेताओं जूनियर एनटीआर और राम चरण की एक तस्वीर के साथ ही एक नोट साझा किया, ‘हम सम्मानित हैं कि आरआरआर की सफलता ने वैश्विक स्तर पर भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व किया और दुनिया भर में बॉक्स ऑफिस पर मील की पत्थर साबित हुई। फिल्म ने भाषाई और सांस्कृतिक बाधाओं को तोड़ते हुए दुनिया भर में सिनेमा प्रेमियों को एकजुट किया है। हम उन सभी लोगों के लिए आभारी हैं, जिसने हमारी फिल्म से प्यार किया और हमें खुश किया। हमने ऑस्कर के लिए अकादमी में सामान्य श्रेणी में आवेदन किया। इसे सफल कराने के लिए हम अपने आरआरआर परिवार को शुभकामनाएं देते हैं और दिल से उन्हें धन्यवाद देते हैं।’
RRR ने तोड़े कई बड़े रिकॉर्ड
आपको बता दें कि यह फिल्म पहले सबसे पहले रूस में रिलीज़ हुई थी, जब रूस-यूक्रेन का युद्ध चरम पर था और अच्छी कमाई की थी। यह फिल्म भारतीय सिनेमा में अपनी छाप छोड़ने के बाद अब पश्चिमी सिनेमा में भी उच्चाई हासिल करने में सफलता हासिल कर चुकी है। RRR ने देश में कुल 764.74 करोड़ की नेट कमाई की है, जिसमें से फिल्म ने तेलुगु वर्जन से 424.72 करोड़, हिंदी वर्जन से 261.83 करोड़, तमिल भाषा से 58.33 करोड़, मलयालम वर्जन से 18.34 करोड़ और कन्नड़ से 1.52 करोड़ रुपए की कमाई कर कई सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये है। यह फिल्म अब तक की सबसे महंगी और सफल भारतीय फिल्मों में से एक फिल्म बन गयी है। इतना ही नहीं, ये अब तक की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म का खिताब भी अपने नाम कर चुकी है। मई महीने से इस फिल्म को नेटफ्लिक्स पर भी धड़ल्ले से देखा जा रहा है।
नेटफ्लिक्स ने इसे अपनी सेवा में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली भारतीय फिल्म करार दे दिया है। जिसे विश्व स्तर पर 45 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है। भारतीय लोगों के साथ यह फिल्म अमेरिका जैसे बड़े देशों मे भी भारत देश का नाम रोशन कर रही है, साथ ही अमेरिकी आलोचक भी इस फिल्म की तारीफ करने से बिलकुल भी पीछे नहीं हट रहे है। इस फिल्म को बहुत सारे एक्शन और बेहतरीन वीएफएक्स के जरिए तैयार किया गया है, जो रियल ना होते हुये भी एकदम रियल लगता है। ‘Anti Woke’ के कारण ये फिल्म अमेरिका में ताबड़तोड़ कमाई कर रही है। ऐसे में RRR केवल भारत के गौरव का प्रतीक ही नहीं, अपितु अमेरिका में वोकवाद के विरुद्ध आशा की किरण का प्रतीकचिन्ह भी बन रहा है।
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